नई गेंद के नए शहंशाह बने मोहम्मद सिराज
लगातार विकेट झटकने की क्षमता के साथ वह भारतीय वनडे टीम का अहम हिस्सा हैं
हेमंत बराड़
16-Jan-2023
वनडे क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं मोहम्मद सिराज • BCCI
पिछले साल इसी समय की बात होगी जब वनडे क्रिकेट में नई गेंद भारतीय टीम के लिए मुश्किल खड़ी कर रही थी। भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह के टीम में रहने के बाद भी दुनिया में पहले 10 ओवरों में उनका गेंदबाज़ी रिकॉर्ड बेहद ही ख़राब था।
अब इसको सुधारने के लिए मोहम्मद सिराज ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है।
श्रीलंका के ख़िलाफ़ इस सीरीज़ में उन्होंने लगातार शुरुआती झटके दिए। पहले वनडे में उन्होंने नई गेंद से दो विकेट लिए। दूसरे वनडे में उन्होंने एक विकेट शुरुआत में लिया और तीसरे में उन्होंने चार विकेट लिए और भारतीय टीम वनडे इतिहास में रन के लिहाज़ से सबसे बड़ी जीत दर्ज करने में क़ामयाब रही।
कुल मिलाकर उन्होंने इस सीरीज़ में 4.05 की इकॉनमी से सबसे अधिक नौ विकैट लिए। यह आंकड़े अच्छे हैं लेकिन उनको गेंदबाज़ी करते देखने से अधिक अच्छे नहीं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने छठे साल में जाते हुए सिराज अपनी ताक़त और सीमाओं को अच्छे से जानते हैं। उन्होंने एक प्राकृतिक इन स्विंग गेंदबाज़ के तौर पर शुरुआत की थी। आईपीएल सीज़न के दौरान उन्होंने डेल स्टेन से सीखा और आख़िरकार आउट स्विंग की शुरुआत की। लेकिन इस बीच वह कहीं ना कहीं अपनी इन स्विंग खो चुके थे, लेकिन एक बार फिर वह एक शानदार गेंदबाज़ बनकर उभरे हैं।
सिराज जानते थे कि उनको अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सफल होने के लिए दोनों ही ओर गेंद को स्विंग कराना होगा। इसी वजह से उन्होंने वॉबल (क्रॉस) सीम से गेंद को अंदर लाना शुरू किया और अब यह उनकी विकेट लेने वाली गेंद बन चुकी है। अभी वह गेंद की सीम को दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के फ़ाइन लेग की ओर झुकाते हैं और स्टंप्स की ओर गेंद को डालते समय पिच पर हार्ड लेंथ डालते हैं।
सिराज ने तीसरे वनडे के बाद कहा, "स्क्रैम्बल सीम के साथ सबसे अच्छी बात तो यह है कि ना तो बल्लेबाज़ और ना ही मुझे पता होता है कि गेंद कब और कितनी अंदर आएगी। कई बार यह अंदर आती है और कई बार तो सीधी निकल जाती है।"
श्रीलंका के ख़िलाफ़ दोनों ही मामले देखने को मिले। दूसरे वनडे में नई गेंद स्विंग नहीं कर रही थी, अविष्का फ़र्नांडो ड्राइव के लिए गए लेकिन गेंद स्क्रैम्बल सीम के साथ अंदर आई और बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर स्टंप्स पर जा लगी।
रविवार को, गेंद कुसल मेंडिस की ओर अंदर आई नही और सीधी रहती हुई उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर कीपर के पास जा पहुंची।
सिराज ने कहा, "अगर मुझे अब विकेट नहीं मिलते हैं तो मैं सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाज़ी करके संतुष्ट रहता हूं। इस सीरीज़ के दौरान, मेरा प्लान नई गेंद से स्विंग कराकर शुरुआत में विकेट लेना था। यह मायने नहीं रखता था कि मुझे दो या तीन चौके पड़े क्योंकि मैं कई विकेट ले सकता हूं, इसी वजह से विरोधी टीम बैकफ़ुट पर जाती रही।"
तीसरे वनडे में उन्होंने सात ओवर नई गेंद से किए, जहां पर उन्होंने 20 रन देकर चार विकेट लिए और श्रीलंका की टीम 48 रन पर छह विकेट खो चुकी थी।
भारत ने देखा कि सिराज अपने वनडे करियर में पहली बार पांच विकेट ले सकते हैं, इसी वजह से उन्हें दोबारा गेंदबाज़ी पर लगाया गया। 16वें ओवर में उन्होंने अपनी आख़िरी दो गेंदें स्टंप्स में की और बाहर की ओर निकाली लेकिन कम गति से। यह उनका पांचवां विकेट लेने का अपना तरीक़ा था।
पांचवां विकेट को नहीं मिला लेकिन उन्होंने 32 रन देकर चार विकेट लिए और कप्तान रोहित शर्मा ने उनकी तारीफ़ की।
रोहित ने कहा, "ऐसे कौशल कम मिलते हैं। जिस तरह से उन्होंने पिछले कुछ सालों में वापसी की है और अपनी ताक़त पर काम किया है, यह भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा है। हम कोशिश कर रहे थे कि उनको पांच विकेट मिले लेकिन दुर्भाग्य से यह नहीं हो पाया, लेकिन उनको चार विकैट लेते देखना शानदार रहा और उम्मीद है उनके पारी में पांच विकेट भी नज़दीक़ हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "वह इस समय आत्मविश्वास के साथ गेंदबाज़ी कर रहे हैं। आप देख सकते हैं कि उनकी रनिंग शानदार है, वह आगे से स्विंग करा रहे हैं। आप इसका परिणाम भी देख सकते हैं। अब वह मध्य ओवरों में भी टीम की मदद कर रहे हैं।"
अब इसको सुधारने के लिए मोहम्मद सिराज ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है।
श्रीलंका के ख़िलाफ़ इस सीरीज़ में उन्होंने लगातार शुरुआती झटके दिए। पहले वनडे में उन्होंने नई गेंद से दो विकेट लिए। दूसरे वनडे में उन्होंने एक विकेट शुरुआत में लिया और तीसरे में उन्होंने चार विकेट लिए और भारतीय टीम वनडे इतिहास में रन के लिहाज़ से सबसे बड़ी जीत दर्ज करने में क़ामयाब रही।
कुल मिलाकर उन्होंने इस सीरीज़ में 4.05 की इकॉनमी से सबसे अधिक नौ विकैट लिए। यह आंकड़े अच्छे हैं लेकिन उनको गेंदबाज़ी करते देखने से अधिक अच्छे नहीं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने छठे साल में जाते हुए सिराज अपनी ताक़त और सीमाओं को अच्छे से जानते हैं। उन्होंने एक प्राकृतिक इन स्विंग गेंदबाज़ के तौर पर शुरुआत की थी। आईपीएल सीज़न के दौरान उन्होंने डेल स्टेन से सीखा और आख़िरकार आउट स्विंग की शुरुआत की। लेकिन इस बीच वह कहीं ना कहीं अपनी इन स्विंग खो चुके थे, लेकिन एक बार फिर वह एक शानदार गेंदबाज़ बनकर उभरे हैं।
सिराज जानते थे कि उनको अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सफल होने के लिए दोनों ही ओर गेंद को स्विंग कराना होगा। इसी वजह से उन्होंने वॉबल (क्रॉस) सीम से गेंद को अंदर लाना शुरू किया और अब यह उनकी विकेट लेने वाली गेंद बन चुकी है। अभी वह गेंद की सीम को दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के फ़ाइन लेग की ओर झुकाते हैं और स्टंप्स की ओर गेंद को डालते समय पिच पर हार्ड लेंथ डालते हैं।
सिराज ने तीसरे वनडे के बाद कहा, "स्क्रैम्बल सीम के साथ सबसे अच्छी बात तो यह है कि ना तो बल्लेबाज़ और ना ही मुझे पता होता है कि गेंद कब और कितनी अंदर आएगी। कई बार यह अंदर आती है और कई बार तो सीधी निकल जाती है।"
श्रीलंका के ख़िलाफ़ दोनों ही मामले देखने को मिले। दूसरे वनडे में नई गेंद स्विंग नहीं कर रही थी, अविष्का फ़र्नांडो ड्राइव के लिए गए लेकिन गेंद स्क्रैम्बल सीम के साथ अंदर आई और बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर स्टंप्स पर जा लगी।
रविवार को, गेंद कुसल मेंडिस की ओर अंदर आई नही और सीधी रहती हुई उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर कीपर के पास जा पहुंची।
सिराज ने कहा, "अगर मुझे अब विकेट नहीं मिलते हैं तो मैं सही लाइन और लेंथ पर गेंदबाज़ी करके संतुष्ट रहता हूं। इस सीरीज़ के दौरान, मेरा प्लान नई गेंद से स्विंग कराकर शुरुआत में विकेट लेना था। यह मायने नहीं रखता था कि मुझे दो या तीन चौके पड़े क्योंकि मैं कई विकेट ले सकता हूं, इसी वजह से विरोधी टीम बैकफ़ुट पर जाती रही।"
तीसरे वनडे में उन्होंने सात ओवर नई गेंद से किए, जहां पर उन्होंने 20 रन देकर चार विकेट लिए और श्रीलंका की टीम 48 रन पर छह विकेट खो चुकी थी।
भारत ने देखा कि सिराज अपने वनडे करियर में पहली बार पांच विकेट ले सकते हैं, इसी वजह से उन्हें दोबारा गेंदबाज़ी पर लगाया गया। 16वें ओवर में उन्होंने अपनी आख़िरी दो गेंदें स्टंप्स में की और बाहर की ओर निकाली लेकिन कम गति से। यह उनका पांचवां विकेट लेने का अपना तरीक़ा था।
पांचवां विकेट को नहीं मिला लेकिन उन्होंने 32 रन देकर चार विकेट लिए और कप्तान रोहित शर्मा ने उनकी तारीफ़ की।
रोहित ने कहा, "ऐसे कौशल कम मिलते हैं। जिस तरह से उन्होंने पिछले कुछ सालों में वापसी की है और अपनी ताक़त पर काम किया है, यह भारतीय क्रिकेट के लिए अच्छा है। हम कोशिश कर रहे थे कि उनको पांच विकेट मिले लेकिन दुर्भाग्य से यह नहीं हो पाया, लेकिन उनको चार विकैट लेते देखना शानदार रहा और उम्मीद है उनके पारी में पांच विकेट भी नज़दीक़ हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "वह इस समय आत्मविश्वास के साथ गेंदबाज़ी कर रहे हैं। आप देख सकते हैं कि उनकी रनिंग शानदार है, वह आगे से स्विंग करा रहे हैं। आप इसका परिणाम भी देख सकते हैं। अब वह मध्य ओवरों में भी टीम की मदद कर रहे हैं।"
हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।