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क्या पिच के बदले अंदाज़ से चेन्नई खा गई धोखा?

पहले 10 ओवरों में गेंद रुककर आई, लेकिन फिर पिच फ़्लैट हो गई

जब शतक लगने के बावजूद कोई टीम हार जाए, तब आप उस शतक को एक बार संदेह की नज़र से देखने लगते हो। राजस्थान रॉयल्स के लिए ऋतुराज गायकवाड़ का शतक पारी की अंतिम गेंद पर आया। उन्होंने 60 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए आईपीएल में ऐसी 11 शतकीय परियां दर्ज हैं, जिसमें बल्लेबाज़ ने 60 या उससे अधिक गेंद खेली और 100 से 105 रन बनाए। इन 11 में से 8 पारियों में उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा।
हालांकि गायकवाड़ को चेन्नई की हार का विलेन नहीं कहा जा सकता। शनिवार को मैच के शुरुआती 10 ओवर में सिर्फ़ 63 रन बने, वहीं अंतिम 27.3 ओवर में 11.5 के इकॉनमी से 316 रन बने। गायकवाड़ ने पहले 50 रन बनाने के लिए 43 गेंदें खेली, लेकिन अगले 51 रन उन्होंने 17 गेंदों में बनाए। यह पिच इस मैदान पर इस सीज़न की अन्य पिचों से बहुत अलग थी। पिच से गेंद स्किड करके बल्ले पर आ रही थी।
यह टी20 मैचों की सबसे दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में से एक है, जब गेंद पहले बल्ले पर रुककर आए, लेकिन 10 ओवर के बाद वहां ओस व अन्य कारणों की वजह से बल्लेबाज़ी आसान भी हो जाए। अगर आप ऐसी पिचों पर बल्लेबाज़ी करते हैं, तो आपको एक विशाल स्कोर खड़ा करने की ज़रूरत होती है। जैसे - महेंद्र सिंह धोनी ने कहा, "हमें इस पिच पर कम से कम 250 रन की आवश्यकता थी।"
सीएसके के कोच स्टीवन फ़्लेमिंग के अनुसार ओस के आगमन के बाद पिच बल्लेबाज़ी के लिए बेहतर होती चली गई और काफ़ी सपाट हो गई। उन्होंने कहा कि यह पिच अब तक यूएई में खेले गए अपने सभी मैचों से अलग थी जहां 130-150 भी एक एक अच्छा स्कोर था।
सुपर किंग्स पहले ही प्लेऑफ़ में पहुंच चुके हैं और टॉप 2 में जगह बनाते नज़र आ रहे हैं। उनके लिए आदर्श प्रतिक्रिया यही होगी कि वह इस मैच को भूलकर आगे बढ़े। हालांकि ऐसा आपके साथ नॉकआउट मैच में भी हो सकता हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या टीम को ड्वेन ब्रावो और दीपक चाहर की कमी खली, धोनी ने कहा, "पिच काफ़ी बदल गई। वह दोनों हमारे अनुभवी गेंदबाज़ हैं लेकिन उनके (राजस्थान) के बल्लेबाज़ों ने हम पर दबाव डाला। हम लंबी बाउंड्री का बेहतर इस्तेमाल कर सकते थे और फ़ील्डरों को सही जगह पर लगा सकते थे।"
फ़्लेमिंग ने धोनी की इस बात को स्वीकार करते हुए कहा, "इस तरह के बड़े स्कोर वाले मैच आपको मुश्किल स्थिति में डालकर आपकी परिक्षा लेते है। इससे आपको सीखने के लिए काफ़ी कुछ पता चलता है। उनमें से एक यह है कि बल्लेबाज़ों द्वारा इस तरह के आक्रमण को कैसै रोका जाए। परिस्थितियों के अनुसार ख़ुद को ढालने में हमने देर कर दी।"

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर दया सागर ने किया है।