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हार्ड-हिट करने वाला हार्दिक कहां गायब है

हार्दिक का स्ट्राइक रेट पिछले कुछ सीज़न की तुलना में काफ़ी नीचे आया है

पिछले साल अक्तूबर के महीने में विराट कोहली ने कहा था कि "कोई खिलाड़ी रातों-रात नंबर छह पर हार्दिक पंड्या जैसे बल्लेबाज़ की जगह नहीं ले सकता।" कोहली अपनी इस बात से हार्दिक के हार्ड हिटिंग और आक्रामक बल्लेबाज़ी की तरफ़ इंगित करना चाहते थे। समय के साथ जैसे-जैसे हार्दिक का करियर आगे बढ़ा, वह एक आक्रामक बल्लेबाज़ के साथ-साथ ऐसे खिलाड़ी भी बने जो परिस्थितियों के हिसाब से अपने खेल में बदलाव लाते हुए, स्मार्ट क्रिकेट खेल सकता है। इन कारणों से हार्दिक टी20 और वनडे में और भी ज़्यादा खतरनाक बल्लेबाज़ बन गए।
निचले मध्य क्रम में बड़े पैमाने पर बल्लेबाज़ी करने वाले हार्दिक ने 2017 के बाद से आईपीएल में 92 सिक्सर के साथ, सातवें सबसे अधिक छक्के लगाने वाले खिलाड़ी हैं। 2017 की चैंपियंस ट्रॉफ़ी के दौरान उन्होंने यह दिखाया था कि वह कितनी निडरता के साथ बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। उस पारी में उन्होंने 43 गेंदों में 76 रन बनाए थे और स्पिनरों के ख़िलाफ़ छह सिक्सर लगाए थे। हमने 2020 में भी उनकी इस आक्रामक बल्लेबाज़ी का नमूना देखा था, जब ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 195 रनों का पीछा करते हुए उन्होंने 22 गेंदों में 42 रनों की पारी खेली थी। मुंबई इंडियंस के लिए उन्होंने कई बार ऐसी पारी खेली हैं।
आख़िरकार हार्दिक में ऐसा क्या है, जो उन्हें इस तरीके का बल्लेबाज़ बनाता है? जब वह अपनी लय में होते हैं, वह पूरी ताकत के साथ गेंदों पर प्रहार करते हैं और मैदान पर अपने स्कोरिंग ज़ोन(कहां बड़े शॉट लगाना है) तलाशने में कामयाब होते हैं। उनकी कलाई की कारीगरी कमाल की है, जो उनके स्कोरिंग ज़ोन को और बड़ा कर देती है। उनका बॉटम हैंड तो और भी ज़्यादा मज़बूत हैं। यॉर्कर जैसी गेदों के लिए उनके पास कई शॉट के विकल्प उपलब्ध हैं। वह यॉर्कर लेंथ की गेंदों को बैकवर्ड प्वाइंट की भी दिशा में खेल सकते हैं और हेलीकॉप्टर शॉट भी लगा सकते हैं।
हालांकि इस सीज़न में उस तरीके के हार्दिक को नहीं देखा गया है। उन्होंने इस सीज़न में अब तक कुल 141 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 122.60 का रहा है। अगर सभी आईपीएल सीज़न को मिला दें तो वह 150.5 की स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं। अंतिम ओवरों में तो उनका स्ट्राइक रेट 187.60 का रहा है।
इस आईपीएल में हार्दिक अपने पारी को अंतिम ओवरों तक लेकर जा रहे हैं और उसके बाद गेंदबाज़ों पर प्रहार करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि यह कारगर नहीं रहा है। सोमवार को सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ खेले गए मुक़ाबले में उन्होंने 42 गेंदों में 50 रनों की पारी खेली। मैच के बाद हार्दिक ने ख़ुद कहा कि उनकी टीम एक बढ़िया स्कोर से तक़रीबन 10 रन पीछे थी।
पंजाब के ख़िलाफ़ भी उन्होंने 18 गेंदों में 27 रनों की पारी खेली। ऐसा लग रहा है कि हार्दिक अब एक लंबी पारी बुनने का प्रयास कर रहे हैं। जब वह मुंबई में थे तो उनके पास ये चिंता नहीं थी क्योंकि वहां क्विंटन डिकॉक,सूर्यकुमार यादव, इशान किशन और कायरन पोलार्ड जैसे खिलाड़ी उनकी टीम में थे। ऐसे बल्लेबाज़ों के टीम में होने के कारण उनकी मंशा साफ़ रहती थी कि पिच पर उतरो और आक्रमण करो।
यह सोचना काफ़ी आसान है कि गुजरात टाइटंस की टीम में उन्हें कप्तानी करनी पड़ी रही है। इसी कारण से वह पूरी आक्रमकता के साथ बल्लेबाज़ी नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि उनके पास कुछ ख़ास जिम्मेदारी है। हालांकि आक्रमकता के साथ बल्लेबाज़ी नहीं करने के कई कारण हो सकते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण उनकी बल्लेबाज़ी क्रम है, जो अन्य टीमों की तुलना में थोड़ी सी कमज़ोर नज़र आती है। ख़ासकर के अनुभव के मामले में उनकी बल्लेबाज़ी थोड़ी कम ताकतवर नज़र आती है।
उनके मध्यक्रम में अभिनव मनोहर हैं, जिन्होंने पिछले छह महीनों से कोई टी20 मैच नहीं खेला है। बी साई सुदर्शन को तमिलनाडु प्रीमियर लीग में किए गए प्रदर्शन के आधार पर टीम में शामिल किया गया है। यह अच्छी बात है कि गुजरात की टीम ने इन युवाओं को टीम में मौक़ा दिया है लेकिन कहीं ना कहीं टीम के संतुलन को प्रभावित कर रही है। इसके अलावा टीम में मैथ्यू वेड का फ़ॉर्म भी कुछ ख़ास नहीं रहा है, उन्होंने चार मैचों में कुल 56 रन बनाए हैं।
ऐसे कई कारणों से हार्दिक को अब नंबर चार पर बल्लेबाज़ी करनी पड़ी है। जिस क्रम पर वह पहले बल्लेबाज़ी करते थे, वहां राहुल तेवतिया और डेविड मिलर बल्लेबाज़ी कर रहे हैं। मिलर भी अपने पुरान फ़ॉर्म में नहीं हैं, जैसा वह आईपीएल 2016 में हुआ करते थे।
हार्दिक के पास एक युवा कप्तान के तौर पर सिर्फ़ रहमानुल्लाह गुरबाज़ का विकल्प उपलब्ध है।
कुल मिलाकर हार्दिक की कप्तानी का मंत्र है "युवाओं पर से दबाव हटाइए और उन्हें खुलकर खेलने का मौक़ा दें" के इर्द-गिर्द घूमता है। पिछले दो सत्रों की तुलना में आईपीएल में पहली बार भारतीय कप्तानों की स्ट्राइक रेट में महत्वपूर्ण गिरावट को देखना काफ़ी आश्चर्यजनक रहा है। हार्दिक पहले 151.67 की स्ट्राइक रेट से रन बनाते थे, जो अब 122.6 का है।
जैसे-जैसे सीज़न दूसरे हाफ़ में प्रवेश करेगा पिच बदल जाएगी। ऐसा में औसत स्कोर नीचे आ सकता है। स्पिनरों का रोल बड़ा हो सकता है। ओस एक बहुत बड़ा फैक्टर नहीं रहेगा, और फिर हार्दिक को अपने दृष्टिकोण पर फिर से विचार करना पड़ सकता है।
भले ही बल्लेबाज़ी क्रम में यह उनकी सबसे आदर्श भूमिका न हो लेकिन एक टीम मैन के रूप में, कोई भी इसके पीछे के तर्क को समझ सकता है। हालांकि हार्दिक इस समस्या को ठीक करने का रास्ता ज़रूर तलाशेंगे।

शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं।