पंजाब किंग्स (PBKS) ने सिर्फ़ 111 रन बनाकर कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को 95 रनों पर ऑलआउट कर दिया। इस तरह से वे IPL इतिहास का सबसे कम स्कोर का बचाव करने वाली टीम बन गए। आइए जानते हैं ऐसे पांच लो-स्कोरिंग मैचों के बारे में जहां टीमों ने कम स्कोर का बचाव किया।
PBKS ने एक धीमी पिच पर सिर्फ़ 111 रन बनाए थे और एक समय KKR का स्कोर 72 रनों पर तीन विकेट था। लेकिन 95 रनों पर पूरी टीम ऑलआउट हो गई। चार ओवरों के स्पेल में सिर्फ़ 28 रन देकर चार विकेट लेने वाले युज़वेंद्र चहल इस मैच के हीरो साबित हुए। इसमें से भी 16 रन सिर्फ़ अंतिम ओवर में आएं, जब रसल, चहल पर प्रहार कर रहे थे। मार्को यानसन और अर्शदीप सिंह ने भी अंत में कमाल की गेंदबाज़ी की और मैच को ख़त्म किया। पिच ग्रिप कर रही थी और गेंद टर्न भी हो रही थी, लेकिन सिर्फ़ 5.2 ओवरों में अंतिम छह विकेट गंवा देना समझ से परे था।
यह तब की बात है, जब T20 क्रिकेट में 116 रनों का लक्ष्य भी मुश्किल कहा जा सकता था, वह भी तब, जब आपकी टीम में मुतैया मुरलीधरन हों। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने एक धीमी स्कोर पर एक प्रतिस्पर्धी स्कोर खड़ा किया, लेकिन किंग्स इलेवन पंजाब (KXIP) ने तो जैसे सरेंडर ही कर दिया हो। आर अश्विन और सुरेश रैना ने आठ ओवरों में सिर्फ़ 30 रन देकर चार विकेट लिए, वहीं मुरलीधरन ने चार ओवरों के स्पेल में सिर्फ़ आठ रन देकर दो विकेट लिया। KXIP कभी भी लक्ष्य पाने के लिए जल्दी में नहीं दिखी।
सनराइज़र्स हैदराबाद (SRH) के लिए इस मैच में उनके प्रमुख गेंदबाज़ भुवनेश्वर कुमार और बिली स्टानलेक नहीं खेल रहे थे, लेकिन राशिद ख़ान ने चार ओवरों के स्पेव में 16 डॉट गेंदें कीं और दो विकेट लिए। सिद्धार्थ कौल ने हर्ड लेंथ को पकड़ा और तीन विकेट लेकर मुंबई इंडियंस (MI) की उम्मीदों को ध्वस्त क दिया। MI इस मैच में सिर्फ़ 87 रन ही बना सकी।
KXIP की तेज़ गेंदबाज़ी तिकड़ी ने MI के बल्लेबाज़ों को रोकने के लिए तीख़ी बल्लेबाज़ी की। जेपी डुमिनी के अर्धशतक के बावजूद इस मैच में KXIP को तीन रनों की रोमांचक जीत मिली। पूरी पारी के दौरान ऐसा कभी भी नहीं लगा कि MI लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाएगा, लेकिन आख़िर में वे 120 रन नहीं बना पाए।
पुणे वॉरियर्स (PW) को 19 गेंदों में 19 रनों की ज़रूरत थी और उनके छह विकेट हाथ में थे। लेकिन इसके बाद अमित मिश्रा ने हैट्रिक लेकर SRH को मैच में वापस ला दिया। उन्होंने इस मैच में चार विकेट चटकाए। इससे पहले उन्होंने 24 गेंदों में महत्वपूर्ण 30 रन बनाए थे, जब उनकी टीम 44 रन पर छह विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। PW अंतिम 19 गेंदों में सिर्फ़ 13 गेंद ही खेल पाई और अपने आख़िरी छह विकेट गंवा दिए। यह मिश्रा के IPL करियर का तीसरा हैट्रिक था।