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अश्विन: इम्पैक्ट प्लेयर नियम खेल को दिलचस्प बनाता है

भारतीय स्पिनर का मानना है कि इस नियम से कई नए भारतीय खिलाड़ियों को उभरने में मदद मिली है

R Ashwin struck thrice in his first three overs, Delhi Capitals vs Rajasthan Royals, IPL 2024, Delhi, May 7, 2024

अश्विन का मानना है कि बड़ी नीलामी में 'राइट टू मैच' विकल्प नहीं होना चाहिए  •  Getty Images

भारतीय ऑफ़ स्पिनर आर अश्विन का मानना है कि इम्पैक्ट प्लेयर का नियम IPL में एक रणनीतिक नियम है और अगर इसे समाप्त किया जाएगा तो एक दिलचस्पी भी समाप्त हो जाएगी।
IPL 2024 के दौरान खिलाड़ियों और कोचों की तरफ़ से इम्पैक्ट प्लेयर नियम की ख़ूब आलोचना हुई है, जिसमें भारत के टेस्ट और वनडे कप्तान रोहित शर्मा भी शामिल हैं। हालांकि अश्विन इससे विपरीत सोच रखते हैं।
क्रिस श्रीकांत के यूट्यूब शो 'चीकी चीका' पर बात करते हुए अश्विन ने कहा, "इम्पैक्ट प्लेयर का नियम उतना भी बुरा नहीं है क्योंकि यह क्रिकेट में रणनीति जैसे तत्वों पर अधिक ज़ोर देता है। हालांकि इसका एक पक्ष यह भी है कि यह नियम ऑलराउंडर्स को बढ़ावा नहीं देता है, लेकिन ऐसा करने से किसी को कोई रोक भी नहीं रहा है। यह पीढ़ी ही ऐसी है कि कोई भी बल्लेबाज़, गेंदबाज़ी नहीं करना चाहता और इसका उल्टा भी। ऐसा भी नहीं है कि इम्पैक्ट प्लेयर नियम से ऑलराउंडर्स प्रभावित हुए हैं। वेंकटेश अय्यर को ही देखिए, वह काउंटी क्रिकेट में लैंकशायर के लिए कमाल कर रहे हैं। इम्पैक्ट प्लेयर नियम क्रिकेट में एक नए प्रयोग का अवसर देता है।"
अश्विन ने इसी साल के क्वालिफ़ायर-2 का उदाहरण देते हुए कहा, "सनराइज़र्स हैदराबाद ने शहबाज़ अहमद को इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में लाया और वह तीन विकेट लेकर मैच विजेता साबित हुए। IPL में जब ओस एक प्रभावी भूमिका निभाता है और मैच लगभग इकतरफ़ा हो जाता है, तो इम्पैक्ट प्लेयर जैसा नियम गेंदबाज़ी का एक और विकल्प व खेल को संतुलन देता है। जब आप एक अतिरिक्त खिलाड़ी खिलाते हैं तो मैच और क़रीबी हो जाता है।"
अश्विन ने उदाहरण देते हुए कहा कि इस नियम के कारण ही शहबाज़ अहमद, शिवम दुबे और ध्रुव जुरेल जैसे खिलाड़ी उभरे हैं और भारतीय टीम तक जगह बनाई है। उन्होंने कहा कि अगर यह नियम नहीं होता तो जुरेल जैसे खिलाड़ी को कभी मौक़ा ही नहीं मिलता। इस नियम की वजह से ही नए खिलाड़ियों को जगह मिल रही है।
अश्विन ने यह भी कहा कि इस साल होने वाली बड़ी नीलामी के दौरान 'राइट टू मैच' विकल्प नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर किसी फ़्रैंचाइज़ी को लगता है कि कोई खिलाड़ी उनके शीर्ष चार या पांच में नहीं है कि उन्हें रिटेन किया जाए तो नीलामी के दौरान उनको यह हक़ भी नहीं होता कि खिलाड़ी के ख़रीदे जाने के बाद वे अचानक से बीच में आ जाएं। यह विकल्प खिलाड़ियों को मिलना चाहिए कि क्या वह चाहते हैं कि राइट टू मैच का प्रयोग उन पर किया जाए या नहीं।"