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रोहित : मुझे 2019 विश्व कप से ठीक पहले की माइंडसेट की तलाश है

भारत के कप्तान विश्व कप से पहले पूरी तरह से दबाव मुक्त रहना चाहते हैं

Rohit Sharma strikes a pose at a press conference to announce India's Asia Cup squad, Delhi, August 21, 2023

रोहित ने 2019 विश्व कप के दौरान पांच शतक की मदद से 648 रन बनाए थे  •  AFP via Getty Images

रोहित शर्मा एक बार फिर से उसी मानसिकता के साथ विश्व कप की तैयारी करना चाहते हैं, जैसा उन्होंने 2019 विश्व कप से पहले किया था। साथ ही रोहित उन सभी खिलाड़ियों से लगातार बात कर रहे हैं, जिनका टीम में चयन नहीं हुआ है।

रोहित ने हाल ही में एक साक्षात्कार में 'पीटीआई' को बताया, ''मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि मैं खु़द को कैसे तनाव और बाहरी दबाव से मुक्त रखता हूं। मैं उसी स्थिति में जाना चाहता हूं जिसमें मैं 2019 विश्व कप से पहले था। तब मेरी मानसिक स्थिति अच्छी थी और मैंने टूर्नामेंट के लिए वास्तव में अच्छी तैयारी की थी।''

रोहित ने 2019 विश्व कप के दौरान पांच शतक की मदद से 648 रन बनाए थे। वह उस टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी थे। रोहित उस सफलता का श्रेय उस समय की अपनी मानसिकता को देते हैं।

उन्होंने कहा, ''मैं (उस समय) अच्छी स्थिति में था, अच्छी मानसिकता में था। मैं उसी मानसिकता को वापस लाना चाहता हूं और ऐसा करने के लिए मेरे पास समय है। मैं यह याद करने की कोशिश कर रहा हूं कि एक क्रिकेटर और एक व्यक्ति के रूप में 2019 विश्व कप से पहले मैं क्या सही चीजे़ें कर रहा था। मैं व्यक्तिगत रूप से अपनी उस विचार-प्रक्रिया पर दोबारा ग़ौर करना चाहता हूं।"

अक्सर विश्व कप अभियान से पहले कप्तानों से उनकी विरासत के बारे में पूछा जाता है। इस में कोई संदेह नहीं है कि रोहित वनडे में भारत के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाजों में से एक हैं। लेकिन कप्तानी का क्या? रोहित एक सफल आईपीएल कप्तान हैं, जिन्होंने मुंबई इंडियंस को पांच ख़िताब दिलाए हैं, लेकिन अभी तक आईसीसी टूर्नामेंट में उन्हें उस तरह की उपलब्धि हासिल नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, "मैं वह व्यक्ति नहीं हूं जो यह सोचता है कि मैं किस तरह की विरासत छोड़ूंगा। आपको खु़श रहना चाहिए और जो समय आपके सामने है उसका आनंद लेना चाहिए। मैं इस बारे में सोच रहा हूं कि मुझे किस चीज़ से खु़शी मिलती है।"

कप्तान के तौर पर रोहित की अगली चुनौती एशिया कप में अच्छा प्रदर्शन करने की होगी। अगले सप्ताह या उसके आसपास किसी न किसी स्तर पर, उन्हें उस बैठक का भी हिस्सा बनना होगा जिसमें विश्व कप के लिए टीम चुनना होगा। रोहित ने खिलाड़ियों को यह स्पष्टता देने पर ज़ोर दिया कि वे विश्व कप की तैयारी में किस स्तर पर खड़े हैं।

उन्होंने कहा, "सर्वश्रेष्ठ संयोजन चुनते समय, ऐसे लोग होंगे जो विभिन्न कारणों से टीम में शामिल नहीं किए जाएंगे। राहुल भाई (द्रविड़) और मैंने खिलाड़ियों को यह समझाने की पूरी कोशिश की है कि वे टीम में क्यों नहीं हैं। प्रत्येक चयन और घोषित अंतिम एकादश के बाद खिलाड़ियों से बातचीत करने की कोशिश की गई है। हम उनसे आमने-सामने बात करते हैं, एक-एक करके बात करते हैं कि उन्हें क्यों नहीं चुना गया।

''कभी-कभी मैं खु़द को उनकी जगह पर रखने की कोशिश करता हूं। जब 2011 में मुझे नहीं चुना गया, तो यह मेरे लिए बहुत दुखदायी क्षण था और मुझे लगा कि विश्व कप टीम से बाहर होने के बाद क्या बचा है? अगर कोई टीम में नहीं चुना जाता है तो उसका कोई न कोई कारण होता है।"

उन्होंने इससे कैसे निपटा?

रोहित ने उस समय की बातों को याद करते हुए कहा, ''मैं उदास था और अपने कमरे में बैठा था और नहीं जानता था कि आगे क्या करूं। मुझे याद है युवी (युवराज सिंह) ने मुझे अपने कमरे में बुलाया था और डिनर के लिए बाहर ले गए। उन्होंने मुझे समझाया कि जब आपको बाहर कर दिया जाता है तो कैसा महसूस होता है। उन्होंने मुझसे कहा, 'सबसे अच्छी बात यह है कि आपके पास काफ़ी समय बचा हुआ है। आप अपने खेल और कौशल पर कड़ी मेहनत करने और वापसी करने का यह मौक़ा पूरी तरह से भुनाइए । ऐसा कुछ नहीं है कि आप भारत के लिए नहीं खेलेंगे या विश्व कप में खेलने का मौक़ा नहीं मिलेगा।'

"इसके बाद मैंने कड़ी मेहनत की और विश्व कप के तुरंत बाद मैंने वापसी की और तब से सब कुछ अच्छा रहा है। चूंकि यह मैं ही हूँ, जो इस भावना से गुज़रा है। कोई भी मुझे यह नहीं बता सकता कि 'कुछ करने से ज़्यादा कहना आसान' है। मुझे विश्व कप टीम में शामिल नहीं किया गया था। मुझे पता है कि इसके बाद कैसा महसूस होता है।"

रोहित ने यह भी स्वीकारा कि कई फ़ैसलों का उल्टा असर होने का ख़तरा हमेशा रहेगा, लेकिन उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि फ़ैसले टीम के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए की गईं हैं। उन्होंने कहा, "मैं, कोच और चयनकर्ता, विपक्षी टीम, सतह, हमारी ताक़त, हमारी सभी कमज़ोरियों जैसे सभी कारकों को ध्यान में रखते हैं और फिर एक आम सहमति पर पहुंचते हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि हम हमेशा सही नहीं होंगे। आख़िरकार फ़ैसला कुछ ही व्यक्ति लेते हैं, और मनुष्य के रूप में हम ग़लतियां करने के लिए बाध्य हैं। हम हमेशा सही नहीं होंगे।"

भारत 29 अगस्त को बेंगलुरु में एशिया कप के लिए व्यापक तैयारी शिविर का समापन करेगा और श्रीलंका के लिए रवाना होगा, जहां वे 2 सितंबर को पहली बार पाकिस्तान से भिड़ेंगे।

शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं

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