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श्रेयस अय्यर : मुझे हारने से नफ़रत है और हमेशा जीतने के बारे में ही सोचता हूं

कप्तान के रूप में पंजाब किंग्स, अय्यर की तीसरी टीम है और वह अपनी नई टीम को पहली बार ट्रॉफ़ी जिताना चाहते हैं

श्रेयस अय्यर को इस साल के IPL के लिए पंजाब किंग्स (PBKS) का कप्तान बनाया गया है। इस कारण ही उन्हें PBKS ने 26.75 करोड़ रूपये के ऊंचे दाम पर ख़रीदा और वह ऋषभ पंत के बाद IPL इतिहास के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी बने। अय्यर को उनकी बल्लेबाज़ी के साथ-साथ उनके लीडरशिप स्किल के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने पिछले साल ही कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए IPL जीता था। इससे पहले उन्होंने 2019 से 2021 तक लगातार दिल्ली कैपिटल्स (उस समय दिल्ली डेयरडेविल्स) को नॉकआउट में पहुंचाया था, जिसमें 2020 का IPL फ़ाइनल भी शामिल है।
इस इंटरव्यू में अय्यर ने अपने लीडरशिप स्किल और उसकी फ़िलॉसफ़ी के बारे में विस्तारपूर्वक बात की है।
आप उन आठ कप्तानों में से एक हैं, जिन्होंने IPL ट्रॉफ़ी उठाई है। सबसे पहले यह बताइए कि वह ट्रॉफ़ी कितनी भारी है?
काफ़ी भारी है क्योंकि IPL ट्रॉफ़ी में ढेर सारी मोतियां हैं। फ़ाइनल से पहले जो ट्रॉफ़ी के साथ फ़ोटोशूट होता है, वह IPL की रेप्लिका ट्रॉफ़ी है। वह उतनी भारी नहीं होती है। लेकिन फ़ाइनल जीतने के बाद जो ट्रॉफ़ी हमें मिलती है, वह लगभग सात से 10 किलो का होता है। लेकिन उस ट्रॉफ़ी को उठाना एक अलग अनुभव होता है। ऐसा लगता है कि जैसे आप किसी रानी का हार उठा रहे हों। यह अनुभव बेहतरीन होता है।
2020 में आप ट्रॉफ़ी के बहुत क़रीब आए थे, लेकिन फ़ाइनल में आपको मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन अब आप IPL विजेता कप्तान हैं। आपको निश्चित तौर पर इस बात का गर्व होगा?
बिल्कुल, IPL विजेता आठ कप्तानों में एक होना निश्चित रूप से मेरे लिए गर्व की बात है। हालांकि यह यात्रा एक रोलरकोस्टर राइड की तरह रही है, जो बिल्कुल भी आसान नहीं थी। मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो हमेशा जीतने के बारे में ही सोचता रहता हूं, हारने से मुझे नफ़रत है। मुझे लगता है कि इसी वजह से मैं आज कप्तानी के पद तक पहुंचा हूं।
क्या आपको जो पंजाब किंग्स की तरफ़ से दाम मिला, उससे आप स्तब्ध रह गए थे?
बिल्कुल। मुझे इतने दाम की उम्मीद नहीं थी, हालांकि मैं सोच रहा था कि लगभग इसके क़रीब की ही बोली लगेगी। इसलिए जब एक निश्चित दाम को बोली ने पार किया तो मैंने आपने कान में रूई डाल ली और मैं टीवी के सामने खड़ा नहीं हो पा रहा था। इसके बाद मैं वॉशरूम में चला गया। उस समय मैं सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के लिए हैदराबाद में था।
पोंटिंग के बारे में आपका क्या कहना है?
मुझे लगता है कि कप्तान और कोच ही ऐसे दो शख़्सियत होते हैं, जो मैदान के अंदर या बाहर निर्णय लेते हैं। आप चाहते हैं कि हर खिलाड़ी ख़ुश रहे और टीम की जीत पर फ़ोकस करे। कोच और कप्तान की ज़िम्मेदारियां लगभग बराबर होती हैं। मैं पोंटिंग के साथ पहले भी काम कर चुका है और उनका माइंडसेट जानता हूं। मुझे पता है कि वह एक तरह की आज़ादी देते हैं।
लेकिन जब आपको आज़ादी मिलती है, तो आपके पास ज़िम्मेदारी भी आती है। अगर आप उन ज़िम्मेदारियों को लेते हो और हाथ खड़ाकर के अपनी ग़लतियां भी स्वीकार करते हो तो आपको सब स्वीकार करते हैं। मुझे उनका नेचर पता है। वह ऐसे इंसान हैं, जो उन लोगों को पसंद करते हैं, जो अपनी ग़लतियां स्वीकार करें। यह उनके बारे में सबसे बड़ी बात है। इसके अलावा T20 एक बहुत ही जल्दी चलने वाला खेल है, जहां ग़लतियां होती ही हैं। जो टीम सबसे कम ग़लतिय़ां करती है, शांतचित्त और संयमित रहती है, वही टीम जीतती है। पोंटिंग वही संयम हर खिलाड़ी को देते हैं।
अपनी कप्तानी शैली के बारे में कुछ बताइए?
मैं एक आज़ादी देने वाला कप्तान हूं। मैं खिलाड़ियों को जैसे हैं, वैसे बने रहने देना चाहता हूं। मेरा कोई पसंदीदा खिलाड़ियों का समूह नहीं हैं, जिनके साथ मुझे उठना-बैठना और मस्ती करना पसंद है। मैं ऐसा कप्तान नहीं बनना चाहता जो केवल कुछ खिलाड़ियों पर ही ध्यान दे। मैं चाहता हूं कि मेरे खिलाड़ी भी वैसे ही रहें, जैसे वे स्वभाव से हैं। लेकिन मैं यह भी चाहता हूं कि जब हम मैदान पर उतरें तो सबका माइंडसेट और लक्ष्य एक ही हो : जीतना और टीम के लाभ में सहयोग करना। बस इतना ही। इससे अधिक मैं अपने खिलाड़ियों से कुछ नहीं चाहता।
जब आप खिलाड़ियों को आज़ादी देते हो, तो खिलाड़ी भी समझता है कि आपका कप्तान या कोच आपको बैक करने वाला है। मैं अपने इंस्टिंक्ट पर विश्वास करता है और कभी-कभी ऐसे निर्णय लेता हूं, जिस पर कोई भी विश्वास नहीं करेगा। ऐसे निर्णय मेरे लिए काम आते हैं। 2024 के फ़ाइनल में भी यही चीज़ मेरे लिए काम आया।
जैसे?
KKR के डगआउट से एक खिलाड़ी फ़ील्ड में आया और मुझसे कहा कि आप आंद्रे रसल को क्यों गेंदबाज़ी नहीं दे रहे हो? उससे पहले के ओवरों में रसल ने काफ़ी रन दे दिए थे और किसी ने भी सोचा नहीं था कि मैं उन्हें फिर से गेंदबाज़ी दूंगा क्योंकि अन्य गेंदबाज़ लाइन और लेंथ में बहुत ही निरंतरता के साथ गेंदबाज़ी कर रहे थे। लेकिन मुझे पता था कि यह गेंदबाज़ हमारे लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है और समय पर हमें महत्वपूर्ण विकेट निकालकर दे सकता है। तो यह एक गट (इंस्टिंक्टिव) कॉल था। जो भी मेरे दिमाग़ में पहला ख़्याल आता है, उसको मैं बैक करता हूं।
क्या आप स्वतंत्र निर्णय लेते हैं या कोचों का आपके निर्णय पर प्रभाव रहता है?
मैं स्वतंत्र निर्णय लेना पसंद करता हूं, लेकिन मैं विचार सबसे लेता हूं क्योंकि टीम की सफलता में सबका इनपुट होना चाहिए। इसलिए सबको सुनना ज़रूरी भी है। मैं दूसरों से बहुत ज्ञान लेता हूं। टीम के प्रति उनकी भी समझ बहुत महत्वपूर्ण है। कई बार वे लोग बहुत ही सही बातें बताते हैं, जिनका मैं मैदान पर उपयोग करता हूं। यह एक टीम खेल है और आपको अंत में टीम के लिए सही निर्णय लेने हैं ना कि अपने आपके लिए। आप हमेशा ख़ुद क्रेडिट नहीं ले सकते। जब सब लोग एक और सही दिशा में होते हैं, तो ही परिणाम मिलते हैं। KKR में यही था और मैं, GG (गौतम गंभीर), अभिषेक नायर और चंद्रकांत पंडित सर सब एक पेज़ पर थे।
क्या आपके लिए अनुशासन बहुंत ज़रूरी है?
हां। अगर कोई मैच सुबह नौ बजे शुरु हो रहा है तो आपको पता होना चाहिए कि आपको कब सोना है। अगर आप देर से सोते हैं तो आपका शरीर रिकवर नहीं कर पाता है और सुबह आपको दिक्कत हो सकती है। इसलिए मुझे लगता है कि एक खिलाड़ी ख़ासकर युवा खिलाड़ी के लिए अनुशासन बहुत ज़रूरी है। कई बार आपको पता नहीं चलता है कि यह आपको कितना प्रभावित कर रहा है, लेकिन आपको अपने करियर के बाद के दौर में पता चलता है कि अनुशासन कितना ज़रूरी है और उससे कितनी मदद मिलती है।
व्यक्तिगत रूप से कहूं तो मुझे अनुशासन से बहुत मदद मिली है और जब भी मैं एक निश्चित रूटीन फ़ॉलो करता हूं, मुझे परिणाम मिलते हैं। यह रूटीन अलग-अलग व्यक्तियों के लिए अलग-अलग हो सकता है। लेकिन अंत में यह सबसे अधिक मैटर करता है कि आप फ़ील्ड पर अपना 110% दे रहे हैं या नहीं। अगर आप ऐसा बिना अनुशासन के भी कर पा रहे हो, तो भी मुझे कोई दिक्कत नहीं है।
T20s में आप अपने आपको 10 में से कितने नंबर दोगे?
मैं 10 दूंगा। अपने पर संदेह क्यों करना?
क्या आप पंजाब के लिए भी अब IPL जीतना चाहते हो?
बिल्कुल
आपकी पंजाबी कितनी अच्छी है?
हाहाहा, मैंने कुछ पंजाबी गाने सीखना शुरू कर दिया हैं। उम्मीद कर रहा हूं कि यह और बेहतर होता जाएगा।
आप कहां बल्लेबाज़ी करना पसंद करोगे?
सामान्यतया मैं नंबर तीन पर खेल टीम को एंकर करना चाहता हूं। मैंने क्रिकेट की शुरुआत ही नंबर तीन से की थी और DC में भी ऐसा करता था। मेरी इस बाबत रिकी (पोंटिंग) से भी बात हो चुकी है।
लेकिन मुझे यह भी लगता है कि मैं बहुत फ़्लेक्सिबल हूं और कहीं भी बल्लेबाज़ी कर सकता हूं, जैसा मैंने KKR में किया।
आपने भारत की 2023 वनडे विश्व कप सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। क्या चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भी आप ऐसा करना चाहेंगे?
बिल्कुल। यह मेरे लिए एक गर्व का क्षण होगा, अगर मैं चैंपियंस ट्रॉफ़ी के लिए चुना जाता हूं।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज़ एडिटर हैं