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22 गज़ की पिच पर 510 किमी की दौड़ : चेज़मास्टर कोहली के विराट आंकड़े

विराट कोहली के अंतर्राष्ट्रीय पदार्पण के 15वीं सालगिरह पर उनके जीवन से जुड़े 15 अविश्वसनीय रिकॉर्ड

Virat Kohli gets set to come back for a run, West Indies v India, 2nd ODI, Port of Spain, August 11, 2019

क्रीज़ के बीच विराट कोहली 500 से अधिक किमी दौड़ चुके हैं  •  Getty Images

लंबी रेस (500 किमी) के घोड़े


अपने 15 वर्षों के अंतर्राष्ट्रीय करियर के दौरान विराट कोहली जब बाउंड्री नहीं लगाते हैं, तो क्रीज़ के बीच दौड़ते हुए लगभग 277 किमी की दूरी तय कर चुके हैं। इसके अलावा नॉन स्ट्राइक एंड से अपने साथियों के साथ रन लेने के लिए लगभग 233 किमी दौड़े हैं। इन दोनों दूरियों को जोड़ कर लगभग 510 किमी की दूरी होती है। अपने करियर में 2013 में ज़िम्बाब्वे में एक वनडे मैच के दौरान उन्होंने एकमात्र बार चार रन दौड़कर पूरे किए थे।

518 की औसत


टी20 विश्व कप के मामले में कोहली का प्रदर्शन एक अलग ही स्तर पर चला जाता है, यह तो आम जानकारी हुई। वह 2014 और 2016 में लगातार विश्व कप में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट भी बने। जब भी उन्होंने भारत की तरफ़ से लक्ष्य का पीछा करते हुए बल्लेबाज़ी की है, तब भारत 10 में से नौ मैच जीता है। इनमें से आठ मैचों में कोहली नाबाद रहे।

इन 10 चेज़ में कोहली की औसत 270.5 का है, जो न्यूनतम पांच पारियां खेलने वाले बल्लेबाज़ों की सूची में दूसरे स्थान पर स्थित मार्कस स्टॉयनिस (146) से लगभग दुगुना है। अगर केवल सफल चेज़ का फ़िल्टर लगाया जाए, तो कोहली की औसत (518) दूसरे नंबर पर कैमरन वाइट (104) से पांच गुना बेहतर बन जाता है।

46 स्टेडियमों में शतक का जश्न


कोहली ने अब तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 83 स्टेडियमों में क्रिकेट खेला है और उन्होंने इसमें से 46 स्टेडियमों में शतकीय पारी खेली है। ऑस्ट्रेलिया का एडिलेड ओवल उनके पसंदीदा ग्राउंड में एक है, जहां उन्होंने अपने करियर के 76 शतकों में से पांच शतक लगाए हैं। इस क्रम में जो इकलौता क्रिकेटर उनके आगे है, वह कोई आश्चर्य की बात नहीं। सचिन तेंदुलकर ने अपने 100 शतकों के लिए 53 अलग-अलग स्टेडियम का इस्तेमाल किया है।

विश्व कप में परफ़ेक्ट शुरुआत


2011 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ नाबाद शतक के साथ अपने विश्व कप करियर का आग़ाज़ करने वाले कोहली ने एक साल बाद टी20 विश्व कप के अपने डेब्यू पर अफ़ग़ानिस्तान के विरुद्ध अर्धशतकीय पारी खेली। इस तरह पुरुष क्रिकेट में इस दुर्लभ डबल को पूरा करने वाले वह पहले क्रिकेटर बने। हालांकि ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ऐरन फ़िंच भी इस क्लब का हिस्सा बने, 2014 टी20 विश्व कप में अर्धशतक और 2015 वनडे विश्व कप में शतक लगाकर।

विदेशी धरती पर शेर की दहाड़


कोहली नौ देशों में वनडे क्रिकेट खेलें हैं और हर देश में उनका शतक है। टेस्ट में भी आठ में से सात देशों में उन्होंने शतक लगाया है। सिर्फ़ बांग्लादेश में वह 100 के आंकड़े को टच नहीं कर पाए हैं। छह देशों में उनके नाम टेस्ट और वनडे शतक हैं - ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, साउथ अफ़्रीका, श्रीलंका और वेस्टइंडीज़। इन दोनों मापदंडों पर केवल दो खिलाड़ी उनसे आगे हैं - सचिन तेंदुलकर और कुमार संगाकारा के नाम सात मेज़बानों के विरुद्ध टेस्ट और वनडे शतक हैं।

10 पारियों में लगभग हज़ार रन


कोहली ने फ़रवरी 2018 से अक्तूबर 2018 के बीच 10 वनडे पारियों में लगभग 1000 रन बना डाले थे। उन्होंने अपने वनडे करियर के 197वीं और 206वीं पारी के बीच 142.14 की औसत से 995 रन बनाए, जिनमें पांच शतक और तीन पचासे शामिल थे। यह किसी भी बल्लेबाज़ के लिए लगातार 10 पारियों में सर्वाधिक रनों का विश्व रिकॉर्ड है। उनसे पहले डेविड वॉर्नर ने अक्तूबर 2016 और जून 2017 के बीच 857 वनडे रन जड़ दिए थे।

जब एक खिलाड़ी ने विरोधी टीम को 93 रन से हराया


इस साल के शुरुआत में श्रीलंका के विरुद्ध एक वनडे मैच में कोहली ने भारत के 390 के स्कोर में 166 नाबाद की पारी खेली थी। इसके जवाब में श्रीलंका 73 पर ऑलआउट हुआ और भारत ने पुरुष क्रिकेट में नए रिकॉर्ड अंतर से मैच को 317 रनों से जीत लिया था।
कोहली ने अकेले श्रीलंकाई पारी से 93 रन ज़्यादा बनाए। पुरुष वनडे क्रिकेट इतिहास में एक बल्लेबाज़ और उसके विरोधी टीम के स्कोर में यह दूसरा सबसे बड़ा अंतर है। रिकॉर्ड भी भारत और श्रीलंका के बीच एक वनडे अंतर्राष्ट्रीय में हुआ था। शारजाह में 2000 में सनथ जयसूर्या ने 189 की पारी खेली और फिर भारत केवल 54 के स्कोर पर ऑलआउट हो गया था। इस अवसर पर अंतर 135 रन का था।

बड़े शतकों का वह दौर


कोहली 2016 तक 41 टेस्ट में 11 शतक लगा चुके थे, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 2014 में मेलबर्न के मैदान पर 169 की पारी के अलावा कभी और 150 के पार नहीं जा पाए थे। इसकी उन्होंने ख़ूब भरपाई 2016 और 2019 के बीच की, जब उन्होंने 15 में से सात पारियों में शतक को दोहरे शतक में परिवर्तित करते हुए भारत के लिए एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया। कोहली टेस्ट इतिहास में चार लगातार टेस्ट सीरीज़ में दोहरे शतक दर्ज करने वाले प्रथम खिलाड़ी बने। वेस्टंडीज़, न्यूज़ीलैंड, इंग्लैंड और बांग्लादेश को 2016-17 के बीच इस प्रकोप को झेलना पड़ा।

एक असाधारण डबल


ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 2013 वनडे सीरीज़ के दौरान जयपुर में कोहली ने भारत के लिए सबसे तेज़ शतकीय पारी 52 गेंदों पर 27वीं ओवर में क्रीज़ पर आते हुए लगाई। इसी सीरीज़ में उन्हों नागपुर में 30वीं ओवर में बल्लेबाज़ी करने उतरते हुए केवल 61 गेंदों पर शतक जड़ा, जो भारत के लिए तीसरी सबसे तेज़ शतकीय पारी बनी। जहां डाटा उपलब्ध है, उन मैचों में कोहली पहले ऐसे बल्लेबाज़ बने जिन्होंने दो बार वनडे इतिहास में चेज़ करते हुए 25वें ओवर या उसके बाद बल्लेबाज़ी की शुरुआत की हो और सैकड़ा जड़ा हो। इस सूची में एक बार केविन पीटरसन, अब्दुल रज़्ज़ाक़, जेकब ओरम और जॉस बटलर का नाम आता है।

तीन बार 5-0 के हक़दार


ज़िम्बाब्वे में 2013 के दौरे पर कोहली को पहली बार भारत की कप्तानी सौंपी गई थी और भारत को वनडे सीरीज़ में 5-0 की जीत हासिल हुई। एम एस धोनी के ग़ैरमौजूदगी में उन्हें फिर से यह ज़िम्मेदारी 2014 में श्रीलंका के ख़िलाफ़ भारत में वनडे सीरीज़ में मिली, स्कोर फिर रहा 5-0 भारत के पक्ष में। श्रीलंका ने जब 2017 में कोहली की टीम की मेज़बानी की तो वनडे सीरीज़ फिर से कोहली की टोली को मिली 5-0 के अंतर से। इस तरह कोहली पुरुष वनडे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में चार या उससे अधिक मैचों की श्रृंखला में तीन बार वाइटवॉश करने वाले इकलौते कप्तान हैं।

चेज़मास्टर


वनडे प्रारूप में सचिन तेंदुलकर के विश्व रिकॉर्ड 49 शतकों से विराट कोहली भले ही तीन शतक दूर हों, लेकिन चेज़ के मामले में ताज कोहली के सिर पर काफ़ी पहले आ चुका है। जहां तेंदुलकर ने लक्ष्य का पीछा करते हुए 17 शतक लगाए थे, कोहली अब तक इस सिलसिले में 26 शतकीय पारी खेल चुके हैं। इनमें से नौ शतक ऐसे समय आए जब भारत 300 से अधिक के लक्ष्य का पीछा कर रहा था। इस मामले में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी हैं जेसन रॉय, जिन्होंने 300+ का पीछा करते हुए पांच वनडे शतक लगाए हैं। चार और बल्लेबाज़ों ने ऐसी स्थिति में चार शतक ठोके हैं।

डेब्यू पर इनसे युवा कोई भारतीय ओपनर नहीं


विराट कोहली ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू ठीक आज ही के दिन 2008 में श्रीलंका के विरुद्ध किया था, जब वह 19 वर्ष और 287 दिन के थे। उन्होंने पहले वनडे में ओपन किया था और इसी के साथ भारत के लिए पुरुष वनडे क्रिकेट पर डेब्यू करने वाले सबसे युवा भारतीय बल्लेबाज़ बने, जो अब तक एक रिकॉर्ड है । केवल पार्थिव पटेल, युवराज सिंह और विनोद कांबली ने कोहली से कम उम्र में भारत के लिए वनडे में सलामी बल्लेबाज़ी की है। कोहली ने उस सीरीज़ में पांचो मैचों में ओपन किया, हालांकि इसके बाद 15 सालों में वह केवल दो बार सलामी जोड़ी का हिस्सा बनें।

शून्य गेंद, एक विकेट का चमत्कार


कोहली ने जब टी20आई में अपना पहला वैध गेंद भी नहीं डाला था, तब एक विकेट उनके नाम था। नहीं समझे? दरअसल उन्होंने इस प्रारूप में पहली बार गेंदबाज़ी 2011 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ की और पहली गेंद वाइड कर बैठे, जिस पर केविन पीटरसन स्टंप आउट हुए। पुरुष अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में किसी फ़ॉर्मैट में एक भी गेंद बिना डाले अपना पहला विकेट लेने वाले वह इकलौते गेंदबाज़ हैं।
टी20आई इतिहास में तीन बार ऐसा हुआ है कि पारी की पहली गेंद डाले बिना ही गेंदबाज़ को विकेट मिली हो। 2010 में शोएब मलिक के ख़िलाफ़ ग्रैम स्वॉन, 2012 में मार्टिन गप्टिल के विरुद्ध सुनील नारायण और 2014 में लेंडल सिमंस के ख़िलाफ़ शाकिब अल हसन भी कोहली की तरह बिना गेंद डाले विकेट निकालने में सफल रहे हैं।

साझेदारी का सरताज


कोहली के नाम वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक दोहरे शतकीय साझेदारियां (13) हैं। इनमें पांच में उनके जोड़ीदार रहे हैं मौजूद वनडे कप्तान रोहित शर्मा। यह अपने आप में एक जोड़ी के लिए इस प्रारूप में विश्व रिकॉर्ड है। रोहित भी 10 दोहरे शतक स्टैंड का हिस्सा बने हैं और किसी और खिलाड़ी के नाम इस संदर्भ में सात से अधिक ऐसी साझेदारियां नहीं हैं। वैसे कोहली के बाक़ी की आठ दोहरे शतकीय साझेदारियों में छह जोड़ीदार रहे हैं - गौतम गंभीर (तीन), वीरेंद्र सेहवाग, शिखर धवन, अजिंक्य रहाणे, केदार जाधब और इशान किशन।

जमैका से जुड़ाव


2011 के विश्व कप विजय के कुछ हफ़्तों बाद कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण सबाइना पार्क में ही किया था। आठ साल बाद इसी मैदान पर वह भारत के टेस्ट इतिहास में सफलतम कप्तान बने। उस दौरान उन्होंने धोनी के 27 टेस्ट जीतों के रिकॉर्ड को तोड़ा था। टेस्ट कप्तानी से हटने से पहले कोहली ने 12 और मैच जीतते हुए कुल 40 जीतों के साथ अपने सफ़र को अंजाम दिया, जो टेस्ट इतिहास में किसी भी कप्तान के लिए चौथा सर्वाधिक का रिकॉर्ड है।
इस लेख में शिवा जयारामन का योगदान भी है

संपत बंडारूपल्ली ESPNcricinfo में स्टैटिशियन हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी भाषा लीड और सीनियर सहायक एडिटर देबायन सेन ने किया है।