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बेंगलुरु के मुक़ाबले दिल्ली में कितना अलग होगा WPL?

पिच, मौसम, परिस्थिति, टॉस हर पहलू की जानकारी

दिल्ली की पिच किसे पहुंचाएगी फ़ायदा?  •  BCCI

दिल्ली की पिच किसे पहुंचाएगी फ़ायदा?  •  BCCI

दिल्ली में ठंड की जगह अब वसंत ने ले ली है। राजधानी में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) भी सुधर चुका है और इसके साथ ही यह शहर पहली बार वीमेंस प्रीमियर लीग के मैचों की मेज़बानी के लिए भी तैयार है। WPL का पहला चरण बेंगलुरु में समाप्त हो चुका है, ऐसे में एक नज़र दिल्ली पर डालते हैं और यह पता करने की कोशिश करते हैं कि यहां WPL बेंगलुरु के मुक़ाबले कितना अलग होगा।
बेंगलुरु से कितनी अलग हैं पिच और परिस्थितियां?
चिन्नास्वामी की बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल पिच की तुलना में दिल्ली का अरुण जेटली स्टेडियम अपनी कम उछाल और धीमेपन के लिए जाना जाता है। हालांकि हाल ही में यहां खेले गए कुछ मैचों में 170 से अधिक स्कोर बने हैं और पिछले IPL सीज़न में चेन्नई सुपर किंग्स ने तो इस मैदान पर 223 रन बनाए थे।
भले ही IPL की तुलना में दिल्ली की बाउंड्री छोटी है लेकिन यहां भी वैसे से स्कोर बनने की उम्मीद है जैसा हमने बेंगलुरु में देखा था। ये संभव है कि यहां 200 से अधिक के स्कोर ना बने लेकिन पिच कमोबेश बल्लेबाज़ी के लिए ही अनुकूल रहेगी।
दिल्ली में वीकेंड पर हल्की बारिश हुई है और सोमवार को दिल्ली को बादलों ने अपनी आगोश में लिया हुआ था। मंगलवार शाम को भी दिल्ली के आसमान पर बादल दिखाई दे सकते हैं इसलिए गेंदबाज़ों को नई गेंद से स्विंग भी प्राप्त हो सकती है। हालांकि आने वाले दिनों में बारिश होने की उम्मीद नहीं है।
दिल्ली कैपिटल्स के पास गेंदबाज़ी आक्रमण में लचीलापन है। मारीज़ान काप, अरुंधति रेड्डी, एनाबेल सदरलैंड के रूप में तेज़ गेंदबाज़ हैं तो पिच स्पिनरों के लिए मददगार होने की स्थिति में उनके पास जेस जॉनासन और राधा यादव जैसी स्पिनर्स भी हैं। हालांकि अगर पिच स्पिनर्स के ज़्यादा मददगार रहती है तो यूपी वॉरियर्स और मुंबई इंडियंस को इसका अधिक लाभ मिल सकता है।
ओस और टॉस कितना प्रभावी साबित होगा?
बेंगलुरु में टॉस जीतने वाली टीमों ने बिना थोड़े भी संकोच के पहले गेंदबाज़ी का निर्णय किया था और 11 में से सात बार पहले गेंदबाज़ी करने वाली टीम को ही जीत मिली। चूंकि मैच 7.30 बजे शुरु होता है इसलिए टॉस जीतने वाली टीम ओस को ध्यान में रखते हुए पहले गेंदबाज़ी करने का फ़ैसला करती हैं। दिल्ली में भी हमें कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है। बाद में बल्लेबाज़ी करने का दूसरा बड़ा कारण यह भी है कि टी20 प्रारूप में टीमें अपने सामने एक निर्धारित लक्ष्य होने की स्थिति में रहना ज़्यादा लाभदायक समझती हैं ताकि उन्हें यह पता चल सके कि पिच पर पार स्कोर क्या हो सकता है।
बाउंड्री कितनी बड़ी होगी?
मुंबई में पिछले सीज़न के दौरान बाउंड्री 42 से 44 मीटर लंबी भी थीं। हालांकि इस बार बेंगलुरु में बाउंड्री थोड़ी बड़ी थी और दिल्ली में भी बाउंड्री के बड़ी होने की उम्मीद है। ESPNcricinfo को पता चला है कि BCCI ने दिल्ली के लिए 50 से 60 मीटर की रेंज तय की है। अरुण जेटली स्टेडियम में मौजूद कुल नौ पिचों में से तीन पिचों को उपयोग में लाया जाएगा।
कौन से स्टैंड्स खुले रहेंगे और टिकट के दाम कितने होंगे?
पहले स्टैंड्स के पहले टियर ही खोले जाएंगे और इसके बाद दर्शकों की दिलचस्पी के अनुसार अन्य स्टैंड्स को खोला जाएगा।
बेंगलुरु में WPl और ख़ासकर अपनी होम टीम RCB को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी थी। मंगलवार को ही दिल्ली की टीम को मुंबई के ख़िलाफ़ मैच खेलना है। जबकि अगले बुधवार यानी 13 मार्च को भी दिल्ली को अपना अंतिम लीग मैच खेलना है। वहीं इस बीच शुक्रवार और रविवार को भी दिल्ली के दो मैच हैं। ऐसे में इन दिनों में भी दर्शक भारी संख्या में मैदान आ सकते हैं।
मैच के टिकट bookmyshow.com पर उपलब्ध हैं और 100 से 200 रुपए की रेंज में मिल रहे हैं।

विशाल दीक्षित ESPNcricinfo के सहायक एडिटर हैं