जुलाई में इंग्लैंड दौरे के बाद, भारत के मुख्य कोच रमेश पवार ने यह कहा था कि झूलन गोस्वामी को गेंदबाज़ी में सपोर्ट करने के लिए अन्य गेंदबाज़ों को भी सामने आना पड़ेगा तभी उनकी गेंदबाज़ी कारगर साबित हो सकती है। ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के बाद यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें पवार को लगता है कि भारतीय टीम ने मेघना सिंह, रेणुका सिंह, शिखा पांडे और पूजा वस्त्राकर के रूप में महत्वपूर्ण खोज की है, जो भविष्य में होने वाले वनडे विश्व कप और आगे के लिए टीम में तेज़ गेंदबाज़ी की गहराई का निर्माण करने के लिए काफ़ी कारगर साबित हो सकती है।
मेघना मुख्य रूप से एक स्विंग गेंदबाज़ हैं जो दाएं हाथ के बल्लेबाजों से गेंद को दूर ले जाने में सक्षम है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने तीन एकदिवसीय मैचों में सिर्फ़ एक विकेट लिया लेकिन वह किफ़ायती रही। टेस्ट में वह 2 विकेट हासिल करने में सफल रहीं। उनके द्वारा अर्जित विकटों की संख्या से अधिक, उनका स्वभाव, धैर्य, लगातार बढ़िया लेंथ पर गेंदबाज़ी करने की क्षमता को ज़्यादा महत्व दिया जाना चाहिए।
वहीं रेणुका ने टी20 में अपने दो मैचों में काफ़ी प्रभावित किया। हालांकि डेथ ओवर्स में उनकी अनुभवहीनता दूसरे टी20 में दिख रही थी, जिसमें भारत को अंतिम दो ओवर्स में 14 रनों का बचाव करने की आवश्यकता थी, उनकी गेंदबाज़ी में सटीकता और पावरप्ले के दौरान बेथ मूनी और मेग लानिंग जैसी बल्लेबाज़ को ज़्यादा रन ना बनाने देना उल्लेखनीय था। अंतिम टी20 में उन्होंने एलिसा हीली का बड़ा विकेट भी लिया।
इस बीच, पिछले साल टी 20 विश्व कप में भारत के लिए सबसे अधिक विकेट लेने वाली पांडे के पास एकदिवसीय और इकलौते टेस्ट से बाहर होने के बाद टी20 में अपने आप को बेहतर साबित करने का बेहतर मौक़ा था। दूसरे टी20 में हिली को आउट कर उन्होंने यह साबित कर दिया कि 2016 के बाद से नियमित बढ़िया प्रदर्शन करने वाले उनके पुराने गुणों में कोई कमी नहीं आई है।
ऑस्ट्रेलिया की 2-0 से जीत के बाद पवार ने कहा, "इंग्लैंड दौरे से वापस आने के बाद, हमने कुछ लक्ष्य निर्धारित किए थे और ऑस्ट्रेलिया में हमने वह लक्ष्य हासिल कर लिया।" "हम झूलन का समर्थन करने के लिए कुछ गेंदबाज़ों की खोज कर रहे थे, क्योंकि इस कमज़ोरी के कारण हम इंग्लैंड में संघर्ष कर रहे थे। मेघना, पूजा वस्त्राकर और रेणुका ने जिस तरह से गेंदबाज़ी की है वह काफ़ी शानदार रहा है। हमारा उद्देश्य एक तेज गेंदबाज़ ढूंढना था जिसमें हम निवेश कर सकें और विश्व कप के लिए आगे बढ़ें।"
"यही इस दौरे का लक्ष्य था। आप टीम में अपने स्थान को लेकर आश्वस्त नहीं हो सकते हैं; अगर आप पर्याप्त रूप से सुसंगत नहीं हैं और अपनी प्राथमिक भूमिकाएं नहीं निभा रही हैं, तो आपको दरकिनार कर दिया जाएगा"
रमेश पवार
उन्होंने जिन विकल्पों का नाम लिया, उनमें से तीन मोटे तौर पर सीम-बॉलिंग का विकल्प मानी जाती हैं। वस्त्राकर ने दौरे पर अपने सटीक सीम-अप गेंदबाज़ी को एक और आयाम दिखाया है। दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय में पारी को समाप्त करने की उनकी क्षमता ने उनकी एक ख़ास प्रतिभा को सामने लाने का काम किया। पवार को टीम से जिस तरह के "चरित्र" की उम्मीद की थी, दूसरे टी20 में छोटे से स्कोर की रक्षा करते हुए गेंदबाज़ों ने वही कर के दिखाया।
पवार ने युवा समूह के प्रदर्शन को सारांशित करते हुए कहा कि "मुझे लगता है कि यह शानदार था।"
"ऑस्ट्रेलिया नंबर 1 टीम है, इंग्लैंड भी अच्छी टीम है, इसलिए इन दोनों सीरीज़ के दौरान अपने कौशल का परीक्षण करना टीम के लिए काफ़ी मददगार रहा है। लड़कियों ने इस दौरे पर बढ़िया प्रदर्शन किया। हमने दृढ़ता दिखाई है और यही हम चाहते थे।"