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ऋचा घोष : नाम एक, रिकॉर्ड अनेक

इस युवा विकेटकीपर ने अपने छोटे से अंतर्राष्ट्रीय करियर में कई दिग्गजों का दिल जीत लिया हैं

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत के पहले विश्व कप मैच में ऋचा ने विकेट के पीछे पांच शिकार किए  •  ICC via Getty Images

पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारत के पहले विश्व कप मैच में ऋचा ने विकेट के पीछे पांच शिकार किए  •  ICC via Getty Images

भारतीय युवा खिलाड़ी ऋचा घोष को कीर्तिमान स्थापित करना पसंद हैं, ख़ासकर विश्व कप में।
8 मार्च 2020 को वह टी20 विश्व कप फ़ाइनल में पहली कंकशन सबस्टिट्यूट बनी थी। लगभग दो वर्षों बाद पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भारतीय टीम के पहले विश्व कप मैच में वह महिला वनडे विश्व कप के अपने पहले मैच में पांच शिकार करने वाली दुनिया की पहली विकेटकीपर बन गईं।
यह किसी भी 18 वर्षीय खिलाड़ी के लिए सराहनीय बात हैं कि केवल आठ वनडे मैचों के अनुभव के बावजूद उन्हें टीम की प्रमुख विकेटकीपर का दर्जा मिले। अपनी धुआंधार बल्लेबाज़ी के दम पर भारतीय टीम में प्रवेश करने वाली ऋचा अब अपनी विकेटकीपिंग कौशल से लोगों का दिल जीत रही हैं।
उनके प्रशंसकों में एक नाम झूलन गोस्वामी का भी है। झूलन कहती हैं, "ऋचा ने विकेटकीपिंग की ज़िम्मेदारी को संभाला हैं। वह दिन-प्रतिदिन बेहतर होती जा रही हैं और उनकी बल्लेबाज़ी की क्षमता - लंबे छक्के लगाना और तेज़ी से बल्लेबाज़ी करने - के बारे में हम सब जानते हैं। उनके रूप में आपको एक और ऑलराउंडर, बल्लेबाज़ी करने वाली ऑलराउंडर मिल जाती है, जो हमारी टीम में वह बड़ा योगदान दे सकती हैं।"
एमएस धोनी को क्रिकेट की प्रेरणा के रूप में देखने वाली ऋचा का इस वनडे विश्व कप में विकेटकीपिंग करना अपने आप में असाधारण है। इसे समझने के लिए हमें अतीत पर ग़ौर करना होगा।
महीना था मार्च और साल था 2021। उस समय एक विशेषज्ञ बल्लेबाज़ के रूप में खेल रही ऋचा ने लखनऊ में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ दूसरे टी20 मैच में फ़ील्डिंग के दौरान काफ़ी ग़लतियां की। मैच के अंत में वह सहमी हुई, आंख़ों में आंसुओं के साथ शॉर्ट फ़ाइन लेग पर खड़ी थी जब उनकी अंतिम ग़लती ने साउथ अफ़्रीका को अंतिम गेंद पर मैच और सीरीज़ जितवाई।
यह पहला मौक़ा नहीं था जब ऋचा द्वारा की गई मिसफ़ील्ड और छोड़े कैचों ने टीम को नुक़सान पहुंचाया था। पिछले मैच में भी वह ग़लतियां करती रहीं और उन्होंने महत्वपूर्ण समय पर चौका दिया जिससे मेहमान टीम को एक और क़रीबी मैच में जीत मिली थी।
ऋचा अपनी घरेलू टीम बंगाल के लिए विकेटकीपिंग में हाथ बटाती थी और मध्यम तेज़ गति की गेंदबाज़ी करती थीं। हालांकि टीम में अनुभवी विकेटकीपर होने के कारण उन्हें बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में खिलाया जाता था।
2022 का वनडे विश्व कप एक साल दूर था। राष्ट्रमंडल खेल, जहां टी20 क्रिकेट महिलाओं के खेल के साथ अपना पदार्पण करेगा, विश्व कप के चार महीने बाद आयोजित होगा। लखनऊ की उस दर्दनाक शाम तक ऋचा ने केवल पांच टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले थे, लेकिन अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी से उन्होंने यह तो साफ़ कर दिया था कि भारत को क्यों उनकी ज़रूरत थी। लेकिन टीम में एक और धीमे या कमज़ोर फ़ील्डर को शामिल नहीं किया जा सकता था।
इसी दौरान ऋचा का हरफ़नमौला खेल सामने आया। उस सीरीज़ में टीम की अंतरिम कप्तान स्मृति मांधना ने ऋचा को टीम में बरक़रार रखा लेकिन एक विकेटकीपर की भूमिका में। उस समय टीम के प्रमुख कोच डब्ल्यू वी रमन द्वारा समर्थन की गई इस योजना के अंतर्गत टीम ऋचा की बल्लेबाज़ी का पूरा फ़ायदा उठाने के साथ-साथ एक और कमज़ोर फ़ील्डर को कम करना चाहती थी। इसके चलते ऋचा को अपनी विकेटकीपिंग का जौहर दिखाने का अवसर मिल गया।
तब तक अन्य विकेटकीपर बल्लेबाज़ नुज़हत परवीन और तानिया भाटिया बल्ले से अपनी छाप नहीं छोड़ पाईं थी और भारतीय टीम में यह स्थान खाली था। अपनी बल्लेबाज़ी को मज़बूत करने के लिए भारत अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अनुभवहीन ऋचा को विकेटकीपिंग की ज़िम्मेदारी सौंपने का जोखिम उठाने के लिए तैयार था।
अमूमन बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी के बाद ही विकेटकीपिंग को प्राथमिकता दी जाती है। इसलिए इस निर्णय से कोई हैरान नहीं हुआ। फ़रवरी 2020 में अपने अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू से पहले सिलीगुड़ी की ऋचा अपनी घरेलू टीम बंगाल के लिए विकेटकीपिंग में हाथ बटाती थी और मध्यम तेज़ गति की गेंदबाज़ी करती थीं। हालांकि टीम में अनुभवी विकेटकीपर होने के कारण उन्हें बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में खिलाया जाता था।
बंगाल टीम की कोच का कहना है, "विकेटकीपिंग करने के कम मौक़े मिलने के कारण ऋचा गेंदबाज़ी में ज़ोर आज़माती थी। अपने लंबे कद और पटकी हुई गेंदबाज़ी करने वाली चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में से एक होने के कारण वह सफल होती थी। तीनों विभागों में वह पारंगत हैं इसलिए बंगाल टीम ने संयोजन के आधार पर उनकी विकेटकीपिंग और गेंदबाज़ी का बख़ूबी इस्तेमाल किया हैं।"
साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ अंतिम टी20 मैच में विकेटों के पीछे ऋचा ने अपना पहला शिकार किया। इसके बाद उन्होंने अपनी विकेटकीपिंग पर काम किया जिसका परिणाम हमें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ देखने को मिला। इंग्लैंड दौरे पर पहले टी20 मैच के आठवें ओवर में डैनी वायट के ख़िलाफ़ कैच की उनकी अपील के खारिज किए जाने पर उन्होंने कप्तान हरमनप्रीत कौर को रिव्यू लेने के लिए मनाया। परिणाम : अल्ट्रा-एज पर बड़ी हरकत और वायट लौटी पवेलियन। उस दौरे पर ऋचा ने सात शिकार किए और दो पारियों में 21 गेंदों का सामना करते हुए कुल 28 रन बनाए।
धीरे-धीरे ऋचा की विकेटकीपिंग सभी को प्रभावित कर रही थी और उन्हें विश्व कप के इतने क़रीब आकर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वनडे मैचों में भी आज़माया गया। वनडे डेब्यू मैच में सातवें नंबर पर 29 गेंदों में 32 रन और अगले मैच में पांचवें नंबर पर 50 गेंदों का सामना करते हुए 44 रन बनाकर ऋचा ने वनडे टीम में अपनी जगह पक्की की। इसके बाद खेली गई टी20 सीरीज़ में छोटी और तूफ़ानी पारियों ने उन्हें महिला बिग बैश लीग में खेलने का अवसर दिया।
भले ही भारत को पिछले साल खेली गई तीनों सीरीज़ में हार मिली, ऋचा की खोज टीम के लिए किसी जीत से कम नहीं थी। ऑस्ट्रेलिया दौरे के ख़त्म होते होते न्यूज़ीलैंड दौरे और वनडे विश्व कप में बतौर विकेटकीपर उनके चयन पर कोई सवालिया निशान नहीं थे।
विकेटकीपिंग में बेहतर होती जा रही ऋचा अब बल्ले से भी धूम मचाने लगी हैं। विश्व कप से पहले न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने लगातार मैचों में दो अर्धशतक जड़े जिसमें मात्र 26 गेंदों पर भारतीय महिला द्वारा सबसे तेज़ अर्धशतक शामिल हैं।
क्वींसटाउन में उस रिकॉर्ड तोड़ पारी के बाद भारतीय कप्तान मिताली राज ने बीसीसीआई टीवी को बताया, "वह एक मज़ेदार पारी थी। उनके शॉट्स ने मुझे भी अचंबित कर दिया। आप केवल दूसरे छोर पर रहकर उस दृश्यों का आनंद ले सकते हैं। सबसे अच्छी बात यब थी कि साझेदारी के दौरान वह मेरे द्वारा दिए गए सुझावों का पालन कर रही थीं।"
मिताली के अनुसार ऋचा धोनी की तरह खेल को अच्छी तरह से समझती हैं और यह उसके खेल की ख़ासियत हैं। "मैंने कई बार उसे मैच में अपने सुझाव देते हुए देखा हैं जो इस उम्र के लिए बहुत अहम गुण है।" मिताली की तरह झूलन को भी लगता है कि तेज़ी से चीज़ों को सीखने की कला ऋचा को भविष्य की एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती है। झूलन की माने तो वह ऋचा के भविष्य को लेकर काफ़ी उत्साहित हैं।
उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर की शानदार शुरुआत और 2022 वनडे विश्व कप के प्रदर्शनों को देखकर यहीं लगता है कि ऋचा के साथ भारतीय टीम का भविष्य उज्जवल है।

ऑन्नेशा घोष (@ghosh_annesha) ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।