भले ही वनडे किसी भी ओर जा रहा हो, यह हक़ीक़त है कि
शिखर धवन इस प्रारूप से प्यार करते हैं। वह इस सीरीज़ से पहले भी
यह कह चुके हैं। गुरुवार को ही उन्होंने
नाबाद 81 रन बनाकर अपने आप को साबित किया और दिखाया कि वह पिछले एक महीने में उनका चार मैचों में तीसरा अर्धशतक था। तब उन्होंने कहा था, "यह एक संतुलित प्रारूप है क्योंकि जब आप चाहते हो यहां पर आक्रमण कर सकते हो और बचाव कर सकते हो।"
उस दिन धवन और उनके ओपनिंग साझेदार
शुभमन गिल ने घूमती हुई गेंदों पर अच्छा बचाव किया और लक्ष्य का पीछा करते हुए वे उन पर आक्रमक हो गए। वैसे यह 189 रनों का लक्ष्य कुछ बड़ा भी नहीं था लेकिन यह इन दोनों ओपनरों द्वारा अच्छा प्रदर्शन था।
उस दिन भारतीय बल्लेबाज़ी ने ही कमाल नहीं किया। पहली पारी में
दीपक चाहर ने
कमाल का स्पेल डालकर ज़िम्बाब्वे के शुरुआती क्रम को बिखेर दिया था। वहीं
प्रसिद्ध कृष्णा और
अक्षर पटेल ने अपने संयम के साथ ज़िम्बाब्वे के बल्लेबाज़ी क्रम की उम्मीदें ही ख़त्म कर दी। इसके बाद लंबे समय के बाद टीम में शामिल हुए मौजूदा कप्तान केएल राहुल की जगह गिल बल्लेबाज़ी करने आए और उन्होंने दिखाया कि भारत के पास बल्लेबाज़ी में बहुत गहराई है।
वहीं ज़िम्बाब्वे के लिए यह परिणाम उम्मीद के मुताबिक़ था। भले ही वह इस मैच में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ सीरीज़ जीतने के बाद उतर रहे हों और भले ही उनकी टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ी इस टीम में शामिल नहीं हों। इसके बावजूद उन्होंने दिखाया कि कैसे लड़ा जाता है। उनके लिए केवल अच्छा यही हुआ कि नौवें विकेट के लिए ब्रैड एवंस और रिचर्ड एनगरावा की साझेदारी अहम साबित हुई जिसकी वजह से यह टीम 180 रनों के पार पहुंच पाई। हालांकि, इसके बाद भी यह सुपर लीग के मैचों में ज़िम्बाब्वे की लगातार पांचवीं हार थी।
उनके मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों कप्तान
रेजिस चकाब्वा,
सिकंदर रज़ा को और भी अच्छा प्रदर्शन करने की ज़रूरत है। ये वही बल्लेबाज़ थे जिन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ अच्छा प्रदर्शन किया था। इस सीरीज़ में वापसी केवल ज़िम्बाब्वे को ही आत्मविश्वास दिला पाएगी, क्योंकि उन्हें 28 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया की ज़मीन पर ऑस्ट्रेलिया से मुक़ाबला करना है।
ज़िम्बाब्वे - हार, हार, जीत, जीत, हार, (सबसे पहला मैच सबसे पहले)
भारत - जीत, जीत, जीत, जीत, जीत
कई सालों से ज़िम्बाब्वे की जान बन चुके
शॉन विलियम्स इस टीम के बल्लेबाज़ी क्रम को संभालते आए हैं, लेकिन उनके पिछले कुछ स्कोर 1, 2, 8, 33 और 28 रहे हैं। इस साल जनवरी के बाद वह गुरुवार को ही अपना पहला वनडे खेले थे, जबकि अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश के ख़िलाफ़ वह निजी कारणों से नहीं खेल पाए थे। इसके अलावा नियमित कप्तान क्रेग एर्विन भी सीरीज़ में चोटिल होने की वजह से आगे नहीं बढ़ पाए। ज़िम्बाब्वे को अब विलियम्स जैसे बल्लेबाज़ की ज़रूरत है जो उनकी पारी को एंकर कर पाए।
एक बैकअप ओपनर के तौर पर गिल अपने आप को साबित कर चुके हैं और वह 2023 वनडे विश्व टीम में जगह बनाने के भी हक़दार हैं। ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ 72 गेंद में 83 रन बनाने से पहले वह वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ भी 64, 43 और 98 रनों की नाबाद पारी खेल चुके हैं।
ज़िम्बाब्वे को अपने शीर्ष क्रम से बेहतर प्रदर्शन के उम्मीद की ज़रूरत है, लेकिन उनके पास विकल्पों की कमी है। बेंच पर बैठे कई अच्छे बल्लेबाज़ों के बावजूद भी यह टीम संघर्ष करते ही नज़र आई है।
ज़िम्बाब्वे (संभावित): 1 तड़िवनाशे मारुमानी, 2 इनोसेंट काइया, 3 शॉन विलियम्स, 4 वेस्ले मधेवीरे, 5 सिंकदर रज़ा, 6 रेजिस चकाब्वा, 7 रायन बर्ल, 8 ल्यूक जॉन्गवे, 9 ब्रैड एवंस, 10 विक्टर न्याउची, 11 रिचर्ड एनगरावा
भारत के लिए उम्मीद की जा सकती है कि वह अपने पिछले एकादश के साथ जाए, लेकिन तब भी ऋतुराज गायकवाड़ या राहुल त्रिपाठी में से किसी को मौक़ा मिल सकता है।
भारत (संभावित) : 1 शिखर धवन, 2 शुभमन गिल, 3 इशान किशन, 4 केएल राहुल, 5 दीपक हुड्डा, 6 संजू सैमसन, 7 दीपक हुड्डा, 8 अक्षर पटेल, 9 कुलदीप यादव, 10 प्रसिद्ध कृष्णा, 11 मोहम्मद सिराज
पहले वनडे मैच में गेंदबाज़ों के मुफ़ीद परिस्थितियां थी, जिन्हें नई गेंद से सीम और स्विंग मिल रही थी। शनिवार को अधिकतम 28 डिग्री तापमान के साथ चीज़ें बदलने की उम्मीद है।