कप्तान धोनी की चेन्नई एक्सप्रेस जीत की पटरी पर लौटी
ऋतुराज और कॉन्वे के अर्धशतकों की मदद से सनराइज़र्स हैदाराबाद को दी मात
सिद्धार्थ मोंगा
01-May-2022
ऋतुराज गायकवाड़ और डेवन कॉन्वे ने पहली विकेट के लिए 182 रन जोड़े • BCCI
चेन्नई सुपर किंग्स (ऋतुराज 99, कॉन्वे 85*, नटराजन 2/42) ने सनराइज़र्स हैदराबाद (पूरन 64*, विलियमसन 47, मुकेश 4/46) को 13 रन से हराया
भले ही वह इस सीज़न में अपनी फ़ॉर्म से जूझते नज़र आए थे, सनराइज़र्स हैदराबाद के विरुद्ध ऋतुराज गायकवाड़ ने अपने शॉट्स का जलवा दिखाकर चेन्नई सुपर किंग्स की जीत की नींव रखी। नए कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के कार्यकाल की शुरुआत हुई जीत के साथ।
इस जीत में सधी हुई धीमी शुरुआत, मध्य ओवरों में आक्रामक बल्लेबाज़ी और बल्लेबाज़ों की लंबी पारी थी। ऋतुराज अपने घरेलू मैदान पर शतक बनाने से चूक गए और 99 पर आउट हुए। उनके सलामी जोड़ीदार डेवन कॉन्वे ने 55 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 85 रन बनाए। इस जोड़ी ने 182 रन जोड़े जो इस आईपीएल की सबसे बड़ी साझेदारी थी। चोटिल ड्वेन ब्रावो की ग़ैर मौजूदगी में 202 रनों का बचाव करना आसान नहीं था लेकिन महीश थीक्षना और रवींद्र जाडेजा ने सात ओवरों में केवल छह की इकॉनमी से रन देकर दबाव बनाया। इस दबाव के चलते दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे।
अंत में सनराइज़र्स हैदराबाद 13 रनों से मैच हार गई। इस हार के बाद नौ मैचों में उनके नाम 10 अंक है।
सधी हुई शुरुआत
चेन्नई सुपर किंग्स हमेशा से इस विचारधारा के साथ बल्लेबाज़ी करती है कि उनके बल्लेबाज़ अपना समय लेकर फिर आक्रामक रुख़ अपनाए। इस पर टिके रहते हुए पावरप्ले में उन्होंने केवल 40 रन बनाए। कॉन्वे शुरुआत में संघर्ष कर रहे थे तो ऋतुराज ने प्रहार किया। पिछले मैच में डेथ ओवरों में मार्को यानसन को मिली पिटाई को ध्यान में रखते हुए केन विलियमसन ने पावरप्ले में उनसे तीन ओवर करवाए।
फिर एक बार चोटिल हुए वॉशिंगटन
चौका बचाने के प्रयास में वॉशिंगटन सुंदर अपने दाएं हाथ पर चोट लगा बैठे। पहले ही चोट के कारण वह इस सीज़न में कई मैचों के लिए बाहर रहे थे और शायद फिर एक बार उसी स्थान पर उन्हें चोट लगी। चोटिल होने तक उन्होंने एक भी गेंद नहीं डाली थी जिससे विलियमसन के सामने पांचवें गेंदबाज़ के ओवर निकलवाने की चुनौती थी।
ऋतुराज और कॉन्वे चल पड़े छठे गियर में
वॉशिंगटन के ओवर डालने की ज़िम्मेदारी पार्ट टाइम ऑफ़ स्पिनर एडन मारक्रम को दी गई। पहले ओवर को तो सुरक्षित जाने दिया गया लेकिन आठवें ओवर से ऋतुराज ने अपना गियर बदला। पहले उमरान मलिक को शिकार बनाया गया। उन्होंने पहले कवर और फिर लॉन्ग ऑन की तरफ़ बड़ा शॉट लगाकर आठवें ओवर में 13 रन बटोरे। मारक्रम के अगले ओवर में कॉन्वे भी अपने असली रूप में लौट आए।
उमरान द्वारा 154 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से डाली गई इस सीज़न की सबसे तेज़ गेंद जिस रफ़्तार से आई थी, उसी रफ़्तार से वह ऋतुराज के बल्ले पर लगकर नॉन स्ट्राइकर बल्लेबाज़ और स्टंप्स के बीच से निकल गई चौके के लिए। बाउंसर गेंद पर मोटे ऊपरी किनारे के चलते चौका मिला जिसके बाद मारक्रम के तीसरे ओवर में ऋतुराज ने दो छक्के लगाए और 12 ओवरों की समाप्ति पर चेन्नई का स्कोर था 117 रन।
यानसन का संघर्ष जारी
एक किफ़ायती ओवर के साथ पहले भुवनेश्वर कुमार और फिर शशांक सिंह ने रन गति पर कुछ देर के लिए अंकुश लगाया। 15वें ओवर में विलियमसन ने यानसन को गेंद थमाई। वह शायद डेथ ओवर से पहले ही उनका स्पेल समाप्त करना चाहते थे लेकिन यह योजना काम ना आई। जहां पिछले मैच में अपने अंतिम ओवर में यानसन ने 25 रन ख़र्च किए थे, इस मैच में उन्होंने 20 रन लुटाए और इस दौरान कॉन्वे का अर्धशतक भी पूरा हुआ।
90 पर पहुंचने के बाद ऋतुराज की पारी धीमी हो गई और वह 99 पर आउट हुए। चार ओवरों में 22 रन देने वाले भुवनेश्वर कुमार और 19वें ओवर में आठ रन देकर उमरान ने हैदराबाद की वापसी करवाई लेकिन 202 का लक्ष्य आसान नहीं होने वाला था।
कब तक मिलेगा भाग्य का सहारा?
सनराइज़र्स हैदराबाद को इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आक्रामक शुरुआत करनी थी। पहले कुछ ओवरों में विलियमसन को फ़्री हिट मिली तो उन्होंने उस पर छक्का जड़ दिया। अभिषेक शर्मा को बल्ले के बाहरी किनारे की मदद से तीन चौके मिले। उन्हें जीवनदान भी मिला जब मुकेश चौधरी ने उनका कैच टपकाया। पारी के पहले तीन ओवरों में हैदराबाद ने 46 रन बनाए।
हालांकि गेंद के साथ वापसी करने हुए मुकेश ने पहले अभिषेक को लॉन्ग ऑन पर कैच करवाया और फिर रचनात्मक राहुल त्रिपाठी शॉर्ट थर्ड मैन पर कैच थमाकर गोल्डन डक पर चलते बने। 58 रन ख़र्च करने के बावजूद इन दो विकेटों ने पावरप्ले को चेन्नई की तरफ़ मोड़ दिया।
स्पिनरों ने हैदराबाद को जकड़ा
दो विकेटों के बाद विलियमसन ने एक छोर को पकड़कर रखने का काम किया। उन्हें उम्मीद थी कि दूसरे छोर पर बल्लेबाज़ टीम को लक्ष्य के क़रीब लेकर जाएंगे जिसके बाद वह आक्रामक रुख़ अपनाएंगे। हालांकि थीक्षना की फिरकी और जाडेजा की सटीक गेंदबाज़ी ने उन्हें जकड़कर रखा। जब मारक्रम ने मिचेल सैंटनर के विरुद्ध अपने हाथ खोले, दो छक्के लगाने के बाद तीसरे बड़े शॉट की लालच में वह डीप मिडविकेट पर कैच दे बैठे।
प्रिटोरियस ने अंजाम पर पहुंचाया
अब मैच जिताने का सारा दारोमदार विलियमसन और निकोलस पूरन पर। हालांकि यह इतना आसान नहीं होने वाला था क्योंकि उन्होंने अंतिम आठ ओवरों में 101 रन छोड़कर अधिक बोझ अपने कंधों पर ले लिया था। दो बाउंड्री लगाने के बावजूद उन्हें अंतिम छह ओवरों में जीत के लिए 78 रन बनाने थे। ड्वेन प्रिटोरियस ने स्पिनरों द्वारा बनाए गए दबाव का फ़ायदा उठाया और रैंप शॉट का प्रयास कर रहे विलियमसन को पगबाधा किया। मुकेश ने शशांक और वॉशिंगटन को आउट कर अंतिम दो ओवरों के लिए 50 रन छोड़े।
पूरन लड़े, 29 गेंदों पर अर्धशतक भी बनाया लेकिन दो ओवर में 50 रन तो उनके लिए भी बहुत ज़्यादा थे। ठीक वही हुआ और हैदराबाद लक्ष्य से 13 रन पीछे रह गई।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।