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पंजाब की मनोदशा साफ़, स्कोर पर ना पड़े ओस का असर

हर मैच में आक्रामक शैली के क्रिकेट के साथ आगे बढ़ रही है यह टीम

मेगा ऑक्शन में ही इस बात की पुष्टि हो गई थी कि पंजाब किंग्स इस बार किस तरह का क्रिकेट खेलने वाली है। उन्होंंने कई आक्रामक बल्लेबाज़ों के लिए बोली लगाई और अपने टीम में शामिल करने में सफल रहे। ऑक्शन से निकलने के बाद उनके पास एक अच्छी टीम थी।
आईपीएल 2022 में अब तक कुल 11 मैच खेले जा चुके हैं और पंजाब किंंग्स टीम एकमात्र ऐसी टीम है, जो पावरप्ले में 10 रन प्रति ओवर या उससे ज़्यादा की रन गति से रन बना रही है। हर मैच में वह औसतन 11 सिक्सर मार रहे हैं, जो राजस्थान से सिर्फ़ 2.11 कम है। उन्होंने अब तक अपने तीन मैचों में कुल 23 विकेट गंवाए हैं, जो औसतन किसी भी टीम की तुलना में सबसे ज़्यादा है।
आईपीएल 2022 में दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने वाली टीमों को ऐसा स्कोर बनाना पड़ा रहा है, जिस पर ओस का कोई प्रभाव ना पड़े। ओस गिरने के कारण अक्सर दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने वाली टीमों का फ़ायदा मिलता है। बल्लेबाज़ी आसान हो जाती है और गेंदबाज़ों के लिए गेंद को ग्रिप करना मुश्किल। ऐसे में अगर पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम एक विशाल स्कोर खड़ा नहीं करती है तो उसे हार का सामना करना पड़ सकता है।
पंजाब की टीम अपने तीन में से दो मैचों में टॉस हारी है। ऐसे में टॉस उनके बल्लेबाज़ी के शैली को तय कर रही है और उन्हें एक ऐसा स्कोर बनाना पड़ रहा, जिस पर ओस का असर ना पड़े। इन दोनों मैचों में पंजाब के बल्लेबाज़ों ने काफ़ी आक्रामक तरीके से बल्लेबाज़ी की है। उनका उद्देश्य साफ़ रहा है कि ऐसा स्कोर बनाया जाए, जो सम्मानजनक स्कोर से भी ऊपर हो। भले ही वह ऐसा करने पूरी तरह से सफल नहीं हो पाए हैं लेकिन यह एक अलग कहानी है। हालांकि एक तथ्य यह भी है कि पहले बल्लेबाज़ी करते हुए दो मैचों में से एक मैच उन्होंने जीता है।
कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ पंजाब की टीम ने इसी आक्रामक शैली के साथ बल्लेबाज़ी की थी लेकिन उनकी टीम 137 का स्कोर ही बना पाई थी। यह देख कर काफ़ी अच्छा लग रहा है कि चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ भी उसी तरह की मनोदशा के साथ, उनकी टीम मैदान पर उतरी। कोलकाता के ख़िलाफ़ जब पंजाब के पांच बल्लेबाज़ आउट हो गए उसके बाद पंजाब की टीम एक पारंपरिक अप्रोच के साथ आगे बढ़ी और ओडीन स्मिथ के बल्लेबाज़ी क्रम को थोड़ा नीचे कर दिया गया ताकि वह अंतिम के ओवरों में रन बटोर सके। उससे पहले उनकी टीम लगातार आक्रामक रवैये के साथ आगे बढ़ रही थी।
कोलकाता की टीम से मिली हार के बाद, पंजाब किंग्स के लिए फिर से उसी आक्रामक शैली की रणनीति के साथ आगे बढ़ने का निर्णय काफ़ी मुश्किल रहा होगा। ख़ास कर के तब, जब उनकी टीम ने चेन्नई के ख़िलाफ़ अपने दो विकेट काफ़ी जल्दी गंवा दिए हो।
दो विकेटों के पतन के बाद भी जब लियम लिविंगस्टन मैदान पर आए तो उन्होंने पूरी ताकत के साथ विपक्षी टीम के गेंदबाज़ो पर प्रहार किया। ताकि उनकी टीम 200 रन से ज़्यादा का स्कोर खड़ा कर सके। पंजाब की टीम ऐसा करने में सफल नहीं हो पाई। यह उनके लिए एक चिंता का विषय ज़रूर रहा होगा। हालांकि उनकी टीम यह मैच 54 रनों से जीत गई। किंग्स स्पष्ट रूप से इस आईपीएल को देखने वाली सबसे आक्रामक टीमों में से एक हैं, लेकिन बल्लेबाज़ी में गहराई की कमी नज़र आ रही है।
जॉनी बेयरस्टो के टीम में आने से उनकी टीम की बल्बेबाज़ी की गुणवत्ता ज़रूर बढ़ेगी लेकिन उनके बल्लेबाज़ी क्रम में गहराई नहीं आएगी। कुछ मैचों के बाद जब पिच धीमी हो जाएगी तो यह उनके लिए एक चिंता का विषय हो सकता है। इन सभी चिंताओं के बावजूद पंजाब की टीम पहली पारी में बल्लबाज़ी करते हुए, रक्षात्मक रवैये से बल्लेबाज़ी नहीं कर सकती है। ख़ास कर के तब, जब उनकी टीम पहले बल्लबाज़ी कर रही हो।
उनके कप्तान मयंक अग्रवाल ने इस तरह के आक्रमक क्रिकेट खेलते रहने के महत्व के बारे में बात की, लेकिन साथ में यह भी बताया कि उन्हें एक मज़बूत मानकसिकता और "भावनात्मक बुद्धिमत्ता" के साथ खेलने के बारे में भी बताया। ताकि जब उनका प्लान काम ना करे तो उनके खिलाड़ी टीम को मुश्किल से निकालने के लिए एक बेहतर प्लान के साथ खेल को आगे बढ़ा सकें। खु़द अग्रवाल नेअभी तक इस टूर्नामेंट में 32, 1 और 4 के स्कोर का स्कोर बनाया है, लेकिन उन्होंने भी आक्रामक अंदाज़ में ही बल्लेबाज़ी करने की मानसिकता दिखाई है।
चेन्नई के साथ खेलते हुए पंजाब किंग्स ने काफ़ी आक्रामकता के साथ बल्लेबाज़ी की। भले ही पहली पारी के दूसरे हाफ़ में उनकी बल्लेबाज़ी उतनी ख़ास नहीं रही लेकिन उन्होंने आराम से 180 का स्कोर बना लिया। इससे पता चलता है कि अगर आप तेज़ी से रन बनाने के अप्रोच के साथ मैदान पर उतरते हैं तो विकेट गंवाने में ज़्यादा हर्ज़ या नुकसान नहीं होना चाहिए और शायद आपकी टीम एक ऐसे स्कोर तक पहुंच सकती है, जिस पर ओस का ज़्यादा प्रभाव ना पड़े।
हालांकि जब पिच धीमी हो जाएगी तो इस बल्लेबाज़ी की शैली में कैसा बदलाव आता है, वह एक अलग कहानी होगी।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के अस्सिटेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।