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आक्रामकता का मंत्र, भुवनेश्वर की फ़ॉर्म और सूर्यकुमार की निरंतरता भारत के काम आई

वहीं, जाडेजा और पंड्या के होने से टीम का निचला क्रम भी मज़बूत हुआ

Rohit Sharma lifts David Willey over long leg for an early six, England vs India, 2nd men's T20I, Birmingham, July 9, 2022

रोहित ने भी इस सीरीज़ में अलग अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की  •  Getty Images

टी20 अंतर्राष्ट्रीय में बल्लेबाज़ी के लिए भारत के दृष्टिकोण में बदलाव आया है। हालांकि यह पूरा नहीं हुआ है, उन्होंने बस शुरुआत की है। टी20 आई सीरीज़ 2-1 से जीतने के अपने तरीक़े से भारत ने इंग्लैंड को हराकर एक साहसिक आह्वान किया है। 2015 विश्व कप में बाहर होने के बाद इंग्लैंड ने सफ़ेद गेंद क्रिकेट के अपने तरीक़े को पूरी तरह से बदल दिया था। अब उसी नो रिस्क, नो रिवार्ड के कंसेप्ट को आगामी टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम ने अपना लिया है।
बल्लेबाज़ी का नया दृष्टिकोण
दो बार भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की। साउथैंप्टन में पहले छह ओवरों में उन्होंने दो विकेट पर 66 रन बनाए, जबकि एजबेस्टन में एक विकेट पर 61 रन। दो ऐसे बल्लेबाज़ जिन्होंने पारी को बुनकर अपना करियर बनाया है रोहित शर्मा और विराट कोहली ने ही इस दृष्टिकोण का नेतृत्व किया। जबकि कोहली रन नहीं बना सके लेकिन उनके तरीक़ों ने टीम के बदलाव के नए मंत्र को रेखांकित किया।
उसी तरह से ऋषभ पंत का ओपनिंग करना कुछ नया बदलाव नहीं था। उन्होंने आयु वर्ग क्रिकेट में ओपन करके ही एक अलग पहचान बनाई थी। यह उनके पहले से ही मज़बूत खेल को और अधिक विकल्प देते हुए एक अच्छा क़दम था। दोनों ही मैचों में जितने भी बल्लेबाज़ आए उन्होंने नए मंत्र के मुताबिक बल्लेबाज़ी की।
यह सब एक स्पष्ट भूमिका की वजह से हुआ। कोहली को ओपनिंग नहीं कराई गई जिससे वे फ़ॉर्म में चल रहे मध्य क्रम को अपने पहले टी20 मैच से अछूता रख सकें। ऐसा कोई साफ़ संदेश नहीं हो सकता था कि टीम प्रबंधन खिलाड़ियों को रोल देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा था और ना ही छोटे समय की सफलता के लिए रोल दिए गए।
सबसे आगे सूर्यकुमार
यहां पर कोहली, श्रेयस अय्यर, दीपक हुड्डा, ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक थे। यह मुमकिन है इन पांच में से केवल तीन ही खेल सकते हैं। उनको अब दो कर लीजिए क्योंकि सूर्यकुमार यादव ने अपनी जगह पक्की कर ली है। वह पहली ही गेंद से गेंद को मार सकते हैं और एक ही लेंथ की गेंद को मैदान के किसी भी कोने में भेजकर वह गेंदबाज़ों को परेशान कर सकते हैं। जैसा की उन्होंने आख़िरी टी20 में शतक लगाकर दिखाया भी जहां भारतीय टीम 216 रनों का पीछा कर रही थी।
कई मायनों में इस नए बल्लेबाज़ी दृष्टिकोण में सटीक बैठने के लिए सूर्यकुमार को ज़्यादा समायोजन नहीं करने पड़े।
भुवनेश्वर की वापसी
दो साल पहले भुवनेश्वर कुमार ख़राब फ़ॉर्म और फ़िटनेस से जूझ रहे थे। उन्होंने मैदान से ज़्यादा समय रिहैब में बिताया। उनकी गति कम हो गई थी और उनकी स्विंग भी गायब हो गई थी। इसी कौशल की वजह से दीपक चाहर को सफलता मिलने लगी। उन्होंने अच्छी गति से गेंदबाज़ी की और निचले क्रम पर बल्लेबाज़ी की और भारत को एक अच्छा मैच जिताया भी, लेकिन चाहर की चोटों ने भुवनेश्वर के लिए दोबारा से दरवाज़े खोल दिए और उन्होंने इसको भुना लिया।
वो रिदम और स्विंग लौट आई और गेंद लगातार अंदर बाहर ​जा रही है और यहां तक कि जॉस बटलर के वह दो विकेट जहां उनहोंने बटलर को इनस्विंग और आउटस्विंग के साथ आउट किया। दो मैचों में 6-1-25-4 के आंकड़ों के साथ भुवी ने वापसी की। साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ भी उन्होंने 6.07 के इकॉनमी के साथ पांच मैचों में छह विकेट लेकर आगामी टी20 विश्व कप में अपनी जगह पक्की कर कर ली है, चाहे चाहर की वापसी ज़ल्द हो या देरी से।
अर्शदीप के जुड़ने से मिले गेंदबाज़ी के विकल्प
अर्शदीप को आईपीएल में ज़्यादातर सफलता मध्य और डेथ ओवरों में मिली है। डेब्यू पर अर्शदीप ने अपनी गेंदबाज़ी के नए हथियार को दिखाया। वह 140 किमी प्रति घंटा की गति से लगातार गेंद को दोनों ओर स्विंग करा रहे थे। उनका अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पहला ओवर मेडन था। किसी भी मामले में, भुवनेश्वर और जसप्रीत बुमराह के नई गेंद से गेंदबाज़ी करने की संभावना है। वहीं मध्य और डेथ ओवरों में हर्षल पटेल भी मौजूद रहेंगे जिन्हें उपमहाद्वीप के बाहर की परिस्थितियों में वास्तविक चुनौती मिली। अर्शदीप को वनडे सीरीज़ में भी मौक़ा मिल सकता है। इंग्लैंड के साथ वेस्टइंडीज़ दौरे पर भी उन्हें चुना गया है और रोहित उन्हें आज़माना जरूर चाहेंगे।
जाडेजा-हार्दिक ने जोड़े नए आयाम
पांच गेंदबाज़ी विकल्पों ने पिछले टी20 विश्व कप में भारत के लिए दुविधा खड़ी की थी। यह इसीलिए था क्योंकि हार्दिक पंड्या विशुद्ध बल्लेबाज़ के तौर पर खेल रहे थे और रवींद्र जाडेजा मुख्य पांच गेंदबाज़ों में शामिल थे। अब हार्दिक पूरी तरह ठीक हो चुके हैं और आईपीएल से ही उन्होंने क्रिकेट में बेहतरीन वापसी की है। पहले टी20 में उनके चार विकेट और अर्धशतक ने दिखाया कि वह वापसी कर चुके हैं और भारत जिस पैकेज़ की कमी महसूस कर रहा था वह मिल चुका है। वहीं दूसरे टी20 में जाडेजा की पारी ने दिखाया कि भारत अब निचले क्रम पर भी प्रहार कर सकता है। यही वजह थी कि भारत एक मज़बूत स्कोर तक पहुंचा और उसको बचाने में कामयाब रहा। उनके टीम में जुड़ने से भारत को गेंदबाज़ी का अतिरिक्त विकल्प भी मिलता है और वह निचले क्रम पर बल्लेबाज़ी में भी अपनी ताकत दिखा सकते हैं।

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।