'राहुल, नाम तो सुना होगा' : ऐसे क्रिकेटर जिनका नाम किसी और क्रिकेटर को सम्मान देने के लिए रखा गया
भारत के मौजूदा विकेटकीपर बल्लेबाज़ इकलौते ऐसे खिलाड़ी नहीं जिनके माता-पाता ने उनका नाम किसी क्रिकेटर को समर्पित किया
देबायन सेन
09-Oct-2023
के एल राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ ज़बरदस्त मैच जिताऊ पारी खेली • Associated Press
2023 विश्व कप में दो ऐसे खिलाड़ी रहे हैं - भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज़ के एल राहुल और न्यूज़ीलैंड के स्पिन ऑलराउंडर रचिन रविंद्र - जिन्होने अपनी टीम के पहले मुक़ाबले में ना सिर्फ़ प्रभावित किया बल्कि क्रमशः इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध प्लेयर ऑफ़ द मैच भी रहे। हालांकि इन दोनों में एक और बड़ी समानता है - दोनों के पिता क्रिकेट के दीवाने थे और उन्होंने अपने पुत्रों का नाम किसी क्रिकेटर को सम्मान देने के लिए रखा था।
आईए आपको पांच (अच्छा साढ़े पांच कह लीजिए) ऐसे खिलाड़ियों से मिलवाते हैं जिनका नाम किसी और क्रिकेटर के नाम पर रखा गया था।
आईए आपको पांच (अच्छा साढ़े पांच कह लीजिए) ऐसे खिलाड़ियों से मिलवाते हैं जिनका नाम किसी और क्रिकेटर के नाम पर रखा गया था।
5. सचिन बेबी
साल था 1988। वानखेड़े स्टेडियम में मेज़बान मुंबई और गुजरात के बीच हुए रणजी ट्रॉफ़ी मुक़ाबले में एक 15-वर्षीय युवा बल्लेबाज़ ने अपने प्रथम-श्रेणी डेब्यू पर 100 रनों की पारी खेली।
ठीक एक हफ़्ते बाद केरला में पी सी बेबी नामक एक क्रिकेट फ़ैन के घर एक लड़का जन्म लेता है। बेबी अपने पुत्र का नाम उसी युवक से मेल खाते हुए सचिन रखता है। सचिन तेंदुलकर तो 100 अंतर्राष्ट्रीय शतक मार गए, लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाज़ और ऑफ़ स्पिनर बेबी का करियर वैसी ऊंचाईयों तक नहीं पहुंचा। हालांकि उन्होंने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए कुछ मैच भी खेले और अपने राज्य की कप्तानी भी की।
ठीक एक हफ़्ते बाद केरला में पी सी बेबी नामक एक क्रिकेट फ़ैन के घर एक लड़का जन्म लेता है। बेबी अपने पुत्र का नाम उसी युवक से मेल खाते हुए सचिन रखता है। सचिन तेंदुलकर तो 100 अंतर्राष्ट्रीय शतक मार गए, लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाज़ और ऑफ़ स्पिनर बेबी का करियर वैसी ऊंचाईयों तक नहीं पहुंचा। हालांकि उन्होंने आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और सनराइज़र्स हैदराबाद के लिए कुछ मैच भी खेले और अपने राज्य की कप्तानी भी की।
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4. नील फ़ेयरब्रदर
नील फ़ेयरब्रदर इंग्लैंड के लिए वनडे विशेषज्ञ माने जाते थे और बाएं हाथ की बल्लेबाज़ी करते हुए मध्यक्रम में मैच फ़िनिश करने में उन्हें ख़ास महारत हासिल थी। उन्होंने तीन विश्व कप खेले और 1992 के फ़ाइनल में अपने लैंकशायर के साथी वसीम अकरम को कौशल के साथ खेलते हुए पूरे मैच का दूसरा सर्वाधिक स्कोर बनाया।
फ़ेयरब्रदर की मां पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ नील हार्वी की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं और डॉन ब्रैडमेन की टीम के युवा बाएं हाथ के बल्लेबाज़ को सम्मान देते हुए अपने बेटे का पूरा नाम नील हार्वी फ़ेयरब्रदर रखा था।
फ़ेयरब्रदर की मां पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ नील हार्वी की बहुत बड़ी प्रशंसक थीं और डॉन ब्रैडमेन की टीम के युवा बाएं हाथ के बल्लेबाज़ को सम्मान देते हुए अपने बेटे का पूरा नाम नील हार्वी फ़ेयरब्रदर रखा था।
नील फ़ेयरब्रदर 1992 विश्व कप में इंग्लैंड टीम का अहम हिस्सा रहे थे•PA Images via Getty Images
3. रचिन रविंद्र
रवि कृष्णमूर्ती बेंगलुरु में क्लब क्रिकेट खेलते थे और बाद में न्यूज़ीलैंड में वेलिंगटन में जाकर बस गए। वहां उनके पुत्र को उन्होंने अपने दो पसंदीदा भारतीय क्रिकेटर - राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर - दोनों के नामों के आधे-आधे हिस्से के आधार पर रचिन (राहुल + सचिन) नाम दिया।
युवा रचिन ने 2023 विश्व कप के उद्घाटन मुक़ाबले में इस टूर्नामेंट के डेब्यू पर शतक मारकर दिखाया, जो उनके पिता के दोनों चहेते बल्लेबाज़ नहीं कर पाए थे। साथ ही इस बाएं हाथ के स्पिनर ने केवल दो विश्व कप मैच में तेंदुलकर और द्रविड़ के 67 मैचों में अर्जित किए गए आठ विकेटों का एक-चौथाई हासिल कर लिया है।
युवा रचिन ने 2023 विश्व कप के उद्घाटन मुक़ाबले में इस टूर्नामेंट के डेब्यू पर शतक मारकर दिखाया, जो उनके पिता के दोनों चहेते बल्लेबाज़ नहीं कर पाए थे। साथ ही इस बाएं हाथ के स्पिनर ने केवल दो विश्व कप मैच में तेंदुलकर और द्रविड़ के 67 मैचों में अर्जित किए गए आठ विकेटों का एक-चौथाई हासिल कर लिया है।
जब आपके नाम में दो महान बल्लेबाज़ों की संधि हो, तो आप प्रतिभाशाली तो बनेंगे ही?•Getty Images
2. सुनील नारायण
भारत के महान बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर अपने खेल जीवन के बाद एक सफल कॉमेंटेटर भी बने हैं। 2011 के चैंपियंस लीग के दौरान एक बार कॉमेंट्री के बाद गावस्कर मैच प्रेज़ेंटेशन में ट्रिनीडैड एंड टोबेगो के एक युवा स्पिनर को प्लेयर ऑफ़ द मैच मिलने के बाद मज़ाक़ में ही पूछ रहे थे कि कहीं नारायण का पहला नाम उनसे प्रेरित तो नहीं था।
जब छोटे सुनील ने इस बात की पुष्टि की, तो सीनियर सुनील आश्चर्यचकित रह गए। हालांकि गावस्कर साहब अपने खेल जीवन में केवल वेस्टइंडीज़ में ही लोकप्रिय नहीं थे। उनके टीममेट और कप्तान रह चुके बिशन सिंह बेदी ने भी अपने पहले पुत्र का नाम उन्हीं को समर्पित करते हुए गवासिंदर रखा था।
जब छोटे सुनील ने इस बात की पुष्टि की, तो सीनियर सुनील आश्चर्यचकित रह गए। हालांकि गावस्कर साहब अपने खेल जीवन में केवल वेस्टइंडीज़ में ही लोकप्रिय नहीं थे। उनके टीममेट और कप्तान रह चुके बिशन सिंह बेदी ने भी अपने पहले पुत्र का नाम उन्हीं को समर्पित करते हुए गवासिंदर रखा था।
इस सूची में आप सुनील गावस्कर का नाम कई बार पढ़ेंगे•India Today Group/Getty Images
1. रोहन गावस्कर
गावस्कर साहब इस सूची में एक और एंट्री मारते हैं, लेकिन इस बार अपने पुत्र के नामकरण को लेकर।
दरअसल उनके फ़ेवरिट भारतीय खिलाड़ी थे एम एल जयसिम्हा, जो हैदराबाद के बड़े स्टाइलिश खिलाड़ी थे। एक आक्रामक बल्लेबाज़, रंगीन मिज़ाज के धनी और फ़ील्ड पर अपने कॉलर को ऊपर रखने वाले पहले भारतीय खिलाड़ियों में से एक। इसके अलावा गावस्कर वेस्टइंडीज़ के आक्रामक बल्लेबाज़ रोहन कन्हाई के बड़े फ़ैन भी थे। साथ ही गावस्कर गुंडप्पा विश्वनाथ जैसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज़ के बड़े दीवाने थे (विश्वनाथ ने गावस्कर की बहन से शादी भी की थी)। अत: उन्होंने अपने पुत्र और भविष्य के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी का पूरा नाम रोहन जयविश्व गावस्कर रखा।
दरअसल उनके फ़ेवरिट भारतीय खिलाड़ी थे एम एल जयसिम्हा, जो हैदराबाद के बड़े स्टाइलिश खिलाड़ी थे। एक आक्रामक बल्लेबाज़, रंगीन मिज़ाज के धनी और फ़ील्ड पर अपने कॉलर को ऊपर रखने वाले पहले भारतीय खिलाड़ियों में से एक। इसके अलावा गावस्कर वेस्टइंडीज़ के आक्रामक बल्लेबाज़ रोहन कन्हाई के बड़े फ़ैन भी थे। साथ ही गावस्कर गुंडप्पा विश्वनाथ जैसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज़ के बड़े दीवाने थे (विश्वनाथ ने गावस्कर की बहन से शादी भी की थी)। अत: उन्होंने अपने पुत्र और भविष्य के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी का पूरा नाम रोहन जयविश्व गावस्कर रखा।
अरे...राहुल का क्या?
अजी हम भूले नहीं और ना हमसे हुई है कोई चूक।
के एल राहुल के पिता ख़ुद सुनील गावस्कर के जबर फ़ैन थे। ऐसे में जब उन्हें एक पुत्र हुआ तो उन्होंने ठान ली कि अपने पुत्र को वह अपने हीरो के बेटे का नाम देंगे।इत्तेफ़ाक़ से उन्हें लगा कि रोहन गावस्कर का नाम दरअसल 'राहुल' गावस्कर है और ऐसे में भारत को अपने मौजूदा विश्व कप टीम के विकेटकीपर के रूप में के एल 'रोहन' के बजाय के एल राहुल मिले।
के एल राहुल के पिता ख़ुद सुनील गावस्कर के जबर फ़ैन थे। ऐसे में जब उन्हें एक पुत्र हुआ तो उन्होंने ठान ली कि अपने पुत्र को वह अपने हीरो के बेटे का नाम देंगे।इत्तेफ़ाक़ से उन्हें लगा कि रोहन गावस्कर का नाम दरअसल 'राहुल' गावस्कर है और ऐसे में भारत को अपने मौजूदा विश्व कप टीम के विकेटकीपर के रूप में के एल 'रोहन' के बजाय के एल राहुल मिले।
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देबायन सेन ESPNcricinfo में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड हैं @debayansen