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इमरान ख़ान को अब 10 नहीं 14 साल की सज़ा

मंगलवार को ही इमरान को एक दूसरे मामले में 10 साल की सज़ा सुनाई गई थी

Supporters of Imran Khan's political party, Tehreek-e-Insaf, shout slogans during a protest, Peshawar, January 28, 2024

इमरान ख़ान के समर्थक पेशावर में प्रदर्शन करते हुए  •  AFP/Getty Images

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान ख़ान को प्रधानमंत्री रहते हुए गिफ़्ट के ख़रीद-फ़रोख्त और टैक्ट चोरी के तोशख़ाना मामले में 14 साल के जेल की सज़ा सुनाई गई है। इस मामले में उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी 14 साल की सज़ा सुनाई गई है। इमरान पर 2.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भी लगा है।
मंगलवार को एक और मामले में भी इमरान को 10 साल की सज़ा सुनाई गई थी। वह पहले से भी एक अन्य मामले में तीन साल के लिए सज़ायाफ़्ता हैं और जेल में हैं। ये दोनों मामले भी भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी से ही जुड़े हैं।
उनकी 14 साल की नई सज़ा, पुराने वाले 10 साल की सज़ा के साथ चलेगी। इमरान ख़ान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (PTI) ने इस फ़ैसले को 'कचरे के ढेर में फेंकने वाला' बताया है।
इमरान की कानूनी पेरशानियां अप्रैल 2022 में ही शुरू हो गई थीं, जब उनके ख़िलाफ़ 100 से अधिक मुक़दमे दर्ज हुए थे और उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाया गया था। हालांकि यह पहली बार है, जब इमरान के साथ-साथ उनकी पत्नी को भी सज़ा सुनाई गई है।
पाकिस्तान में अगले सप्ताह ही आम चुनाव होने हैं और इसमें इमरान की पार्टी को प्रतिबंधित भी कर दिया गया है। इमरान की पार्टी के कार्यकर्ता जगह-जगह इसके विरोध में प्रदर्शन भी कर रहे हैं। हालांकि प्रशासन इन विरोध प्रदर्शनों को दबा भी रहा है।
कराची में PTI के कार्यकर्ताओं पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए और दर्जन भर कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार भी किया गया। पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर भी इमरान का नाम लेने पर अघोषित प्रतिबंध जैसा है। जब PTI के कार्यकर्ता ऑनलाइन कुछ करने का प्रयास करते हैं, तब इंटरनेट काटकर ब्लैकआउट भी कर दिया जाता है। हालांकि प्रशासन इन दोनों घटनाओं का आपसी संबंध होने पर साफ़ इनकार करती है।
अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने मंगलवार को एक बयान जारी करते हुए कहा था कि इमरान के मामले में न्याय के मूलभूत सिद्धांतों और प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। यहां तक कि इमरान को अपना मनचाहा वकील भी नहीं मिला।
आम चुनाव से पहले हुए कई सर्वे में बताया गया है कि इमरान वर्तमान समय में देश में सबसे लोकप्रिय नेता हैं, जबकि ना इमरान और ना ही उनकी पार्टी चुनाव लड़ सकती है। मई 2023 में जब इमरान को गिरफ़्तार किया गया था तब देश भर में हिंसक घटनाएं हुई थीं और कई दिनों तक चली थी। तब दस हज़ार से अधिक PTI पार्टी कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार भी किया गया था।
इस सज़ा पर इमरान या उनके वकीलों का कोई बयान नहीं आया है, लेकिन उम्मीद है कि वह इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ भी ऊपरी अदालत में अपील करेंगे। इससे पहले मंगलवार को उन्होंने 10 साल की सज़ा के ख़िलाफ़ अपील करने की बात कही थी।

दन्याल रसूल ESPNcricinfo के पाकिस्तान संवाददाता हैं. @Danny61000