इमरान ख़ान को हुई 10 साल की सज़ा
पूर्व पाकिस्तानी कप्तान के वकील ऊपरी अदालत में अपील करेंगे
दन्याल रसूल
30-Jan-2024
इमरान की पार्टी को चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जा चुका है • AFP/Getty Images
पाकिस्तान के एक स्पेशल कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को 10 साल की सज़ा सुनाई है। उनके ऊपर यह आरोप है कि 2022 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने के बाद उन्होंने एक राजनयिक दस्तावेज़ नहीं लौटाया। वह अगस्त 2023 से एक अन्य मामले में जेल में कैद हैं। हालांकि उस सज़ा को निलंबित किए जाने के बावजूद इमरान को रिहा नहीं किया गया था।
इमरान के ऊपर ब्रिटिश दौर के क़ानून, ऑफ़िशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके राजनीतिक दल पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ़ (पीटीआई) के सीनियर नेता शाह महमूद क़ुरैशी को भी 10 साल की सज़ा सुनाई गई है।
पीटीआई के औपचारिक ट्विटर अकाउंट ने अदालत के इस फ़ैसले को हास्यास्पद और क़ानून की अवहेलना करार दिया है।
इमरान लगातार ही यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका के इशारे पर अविश्वास प्रस्ताव के ज़रिए प्रधानमंत्री के पद से हटाया गया और उस दस्तावेज़ में उन्हें सत्ता से हटाए जाने के लिए अमेरिका द्वारा बनाए गए राजनयिक दबाव का सबूत था। इमरान के इस आरोप को और हवा तब मिली जब अमेरिका के ही एक समाचार संगठन द इंटरसेप्ट ने उस दस्तावेज़ को कथित तौर पर प्राप्त करने के बाद एक लेख प्रकाशित किया। उस लेख में बताया गया था कि अमेरिका के विदेशी विभाग ने धमकी दी थी कि अगर इमरान को सत्ता से नहीं हटाया गया तो विश्व भर में पाकिस्तान को अलग थलग कर दिया जाएगा।
संबंधित दस्तावेज़ जिसे सायफ़र की संज्ञा दी जाती है, उसके संबंध में पाकिस्तान में होने वाली आम चर्चाएं ऑफ़िशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने का कारण बनी है। इमरान और क़ुरैशी पर लगे आरोप संबंधित दस्तावेज़ की सार्वजनिक चर्चा करने से ही संबंधित हैं।
ताज़ा घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब नौ दिन बाद ही पाकिस्तान में चुनाव होने वाले हैं। स्वतंत्र सर्वे इमरान को पाकिस्तान का सबसे लोकप्रिय नेता करार दे रहे हैं।
इमरान को जब मई 2023 में पाकिस्तान के पैरामिलिट्री सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिया गया था तब पाकिस्तान में हिंसा भड़क उठी थी, कई दिनों तक देश भर में इंटरनेट सेवाएं ठप हो गई थीं। इमरान के हज़ारों समर्थकों को भी हिरासत में लिया गया था। इमरान की जिस पार्टी ने 2018 का चुनाव जीतकर सत्ता हासिल की थी, उसे इन चुनावों में प्रतिबंधित कर दिया गया है। ख़ुद इमरान को किसी भी राजनीतिक पद पर बैठने से अगले पांच वर्ष तक के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
इमरान और क़ुरैशी के वकीलों का कहना है कि वे ऊपरी अदालत में इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करेंगे।
दन्याल रसूल ESPNcricinfo के पाकिस्तानी संवाददाता हैं