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यश ढुल: मेरा लक्ष्य हमेशा तेज़ी से रन बनाना होता है

ढुल ने दलीप ट्रॉफ़ी मैच में ईस्ट ज़ोन के ख़िलाफ़ शानदार शतक लगाया

आशीष पंत
01-Sep-2025 • 8 hrs ago
Yash Dhull celebrates his hundred, East Zone vs North Zone, Duleep Trophy. quarter-final, Bengaluru, 3rd day, August 30, 2025

यश ढुल ने 133 रन बनाए  •  PTI

मैं दिल्ली से हूं और वहां हम थोड़ा आक्रामक क्रिकेट ही खेलते हैं।
यह एक लाइन यश ढुल को पूरी तरह बयां करती है। 22 वर्षीय यह खिलाड़ी बल्लेबाज़ी के दौरान लगातार मूवमेंट में रहता है। वह तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ भी आगे निकलता है और जब चौका-छक्का नहीं मिलता है तो सिंगल लेने के मौक़े ढूंढता रहता है।
ढुल का यह अंदाज़ ईस्ट ज़ोन के ख़िलाफ़ दोनों पारियों में नज़र आया। पहली पारी में वह 39 रन बनाकर जल्दी आउट हो गए थे, लेकिन थकी हुई ईस्ट ज़ोन के ख़िलाफ़ उन्होंने दूसरी पारी में कोई मौक़ा नहीं गंवाया।
ढुल ने तीसरे दिन 157 गेंदों पर 133 रन बनाए और कप्तान अंकित कुमार के साथ 240 रन की साझेदारी की। इससे नॉर्थ ज़ोन ने सेमीफ़ाइनल में जगह पक्की कर ली। उन्होंने स्पिनरों को सतर्क और नियंत्रित आक्रामकता के साथ खेला और पेस का भी बख़ूबी सामना किया।
उन्होंने स्पिनरों के ख़िलाफ़ 104 गेंदों पर 86 रन और तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ 53 गेंदों पर 47 रन बनाए। उन्होंने पूरे मैदान के चारों तरफ़ शॉट्स लगाए। रक्षात्मक खेल के अलावा उन्होंने गेंदबाज़ों की लेंथ बिगाड़ने के लिए फ़ुटवर्क का इस्तेमाल किया और कुछ अलग शॉट्स भी खेले। उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ सूरज सिंधु जायसवाल के ख़िलाफ़ दो अपर-कट, बाएं हाथ के स्पिनर मनीषी के ख़िलाफ़ दो पैडल स्वीप और तेज़ गेंदबाज़ मुख़्तार हुसैन के ख़िलाफ़ कवर ड्राइव खेला।
ढुल ने अपनी पारी के बाद कहा, "मेरी योजना बहुत सरल थी कि मुझे अपना गेम खेलूना है। विकेट थोड़ी सीम हो रही थी लेकिन मैंने तय किया था कि मैं आक्रामक क्रिकेट ही खेलूंगा। मेरा पहला इरादा हमेशा रन बनाना और तेज़ी से बनाना होता है। मेरे पास काफ़ी कॉन्फ़िडेंस था और मैं यहां उसी के हिसाब से खेला।"
ढुल ने 49 गेंदों पर अर्धशतक और 112 गेंदों पर शतक पूरा किया। कुछ नर्वस मोमेंट्स तब आए जब वह 90s में अटक गए थे और कई बार, ख़ासकर मोहम्मद शमी के ख़िलाफ़ गेंद को मिस किया। लेकिन ढुल ने अपना ध्यान नहीं भटकने दिया।
उन्होंने कहा, "कभी आप जल्दी रन बना लेते हो और कभी ऐसा समय आता है जब आप रन नहीं बना पाते और आपको वक़्त गुज़ारना पड़ता है। यही हुआ। लेकिन मैं शांत था और कोई दबाव नहीं ले रहा था। मैं सही गेंद का इंतज़ार कर रहा था।"
ढुल दलीप ट्रॉफी में बेहतरीन फ़ॉर्म के साथ आए हैं। वह 2024-25 रणजी ट्रॉफ़ी में दिल्ली के दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। उन्होंने हाल की दिल्ली प्रीमियर लीग में 9 पारियों में 87 की औसत और 167.31 के स्ट्राइक रेट से 435 रन बनाए।
ढुल के लिए अभी तो सब ठीक चल रहा है, लेकिन एक साल पहले हालात काफ़ी अलग थे। क्रिकेटर हमेशा मूवमेंट में रहता है, एक टूर्नामेंट से दूसरे, एक शहर से दूसरे, ट्रेनिंग करता है, सख़्त रूटीन फ़ॉलो करता है। लेकिन लगभग दो महीने तक ढुल की ज़िन्दगी ठहर गई थी, जब ढुल को दिल में 17mm का छेद ठीक करने के लिए सर्जरी करानी पड़ी।
ढुल ने कहा, "उस समय ने मुझे अपने बारे में, अपने गेम के बारे में, अपनी लाइफ़स्टाइल के बारे में बहुत कुछ सिखाया। उतार-चढ़ाव आते रहेंगे, मुझे उन्हें पार करना है और आगे बढ़ना है। अभी मैं सिर्फ़ वर्तमान में रहना चाहता हूं, भूत या भविष्य के बारे में नहीं सोचना चाहता। अब मैं अपने खेल का बस लुत्फ़ उठाता हूं और वही मुझे ख़ुशी देती है।"
ढुल कहते हैं कि सर्जरी करवाने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने उस समय यह तय किया कि भविष्य के बारे में ज़्यादा नहीं सोचेंगे। खाली समय में उन्होंने एक नई आदत भी सीखी थी। उन्होंने बताया, "मैं बहुत स्नूकर खेलता था और उस गेम ने भी मुझे बहुत कुछ सिखाया। मेरा दिमाग़ अक्सर भटक जाता था, मैं ज़्यादा स्थिर नहीं रह पाता था। उस गेम ने मुझे ज़्यादा फ़ोकस रहना सिखाया।"
ज़िन्दगी बदल देने वाले इस अनुभव के बाद ढुल अब एक दिन में एक कदम बढ़ा रहे हैं। उनका अगला ध्यान सेमीफ़ाइनल पर है। वह उम्मीद करेंगे कि उनका ग्राफ़ इस सीज़न में ऊपर ही जाए।

आशीष पंत ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं