मैच (21)
IND vs SA (1)
NPL (1)
WBBL (1)
ILT20 (2)
SMAT (16)
फ़ीचर्स

क्या ऑस्ट्रेलिया के 511 का स्कोर बिना किसी शतक के एक रिकॉर्ड है?

नेथन लायन से ज़्यादा लगातार घरेलू टेस्ट किसने खेले हैं?

Steven Lynch
स्टीवन लिंच
09-Dec-2025 • 1 hr ago
Alastair Cook leads the players off the field at the end of his final Test, England v India, 5th Test, The Oval, 5th day, September 11, 2018

ऐलेस्टर कुक ने 2006 से 2018 में संन्यास लेने तक इंग्लैंड के हर घरेलू टेस्ट में खेला  •  Getty Images

नेथन लायन को 2012 के बाद से हर घरेलू टेस्ट में खेलने के बाद ब्रिस्बेन टेस्ट से बाहर किया गया। क्या यह कोई रिकॉर्ड था? ऑस्ट्रेलिया से केन लिंकन ने पूछा
नेथन लायन को ब्रिस्बेन के दूसरे एशेज़ टेस्ट से बाहर किया जाना हैरान करने वाला फ़ैसला था। इससे 2012 में पर्थ में भारत के ख़िलाफ़ तीसरा टेस्ट मिस करने के बाद से उनके 69 लगातार घरेलू टेस्ट खेलने का सिलसिला टूट गया। वह कुल मिलाकर तीसरे स्थान पर आते हैं, लेकिन एक अन्य ऑस्ट्रेलियाई उनसे आगे हैं। ऐलन बॉर्डर ने 1978-79 से 1993-94 के बीच लगातार 83 घरेलू टेस्ट खेले थे इस सूची में सबसे ऊपर ऐलेस्टर कुक हैं, जिन्होंने 2006 से 2018 के बीच इंग्लैंड के सभी 89 घरेलू टेस्ट खेले। हाशिम अमला ने साउथ अफ़्रीका के लिए 67 लगातार घरेलू टेस्ट खेले, जबकि आर अश्विन ने भारत के लिए लगातार 65 घरेलू टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया।
गाबा में ऑस्ट्रेलिया के 511 रनों में सबसे ज्यादा व्यक्तिगत योगदान 77 रन का था। क्या यह बिना शतक के सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर था? यह सवाल भारत से दीपक कृष्णन सहित कई लोगों ने पूछा
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ ब्रिस्बेन में ऑस्ट्रेलिया का 511 रन का स्कोर उन टेस्ट पारियों में पांचवां सबसे बड़ा स्कोर है, जिसमें कोई व्यक्तिगत शतक शामिल नहीं था। इस सूची में सबसे ऊपर 2024 में चटगांव में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ श्रीलंका के 531 रन हैं, जहां सबसे बड़ा स्कोर कुसल मेंडिस का 93 रन था, जबकि कामिंडु मेंडिस 92 रन बनाकर नाबाद रहे और चार अन्य अर्धशतक भी लगे। मिचेल स्टार्क का 77 रन गाबा में ऑस्ट्रेलिया की पारी में सबसे बड़ा योगदान था। इससे बड़ा स्कोर लेकिन इससे कम सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर केवल एक बार बना था, जब भारत ने 1976 में कानपुर में न्यूजीलैंड के ख़िलाफ़ 9 विकेट पर 524 रन घोषित किए थे, जिसमें मोहिंदर अमरनाथ ने 70 रन बनाए थे।
कई पाठकों ने यह भी बताया कि ऑस्ट्रेलिया के सभी 11 बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक पहुंचे थे।
भारत ने वनडे में लगातार 20 टॉस हारे हैं। यह जरूर कोई रिकॉर्ड होगा? भारत से विक्रम महराड़ी ने पूछा
आप बिल्कुल सही हैं, भारत का मौजूदा सिलसिला स्पष्ट रूप से एक रिकॉर्ड है। उन्होंने अहमदाबाद में हुए विश्व कप फ़ाइनल में टॉस हारने के बाद लगातार 20 टॉस हारे। पुरुषों के वनडे क्रिकेट में अगला सबसे लंबा सिलसिला 11 टॉस का है, जो नीदरलैंड्स ने मार्च 2011 से अगस्त 2013 के बीच झेला था। महिलाओं के वनडे में आयरलैंड ने मई 2017 से नवंबर 2021 के बीच लगातार 12 टॉस हारे थे।
टेस्ट क्रिकेट में लगातार सबसे ज्यादा टॉस हारने का रिकॉर्ड भी भारत के नाम है, जिसने दिसंबर 2009 से अक्टूबर 2010 के बीच लगातार दस टॉस गंवाए थे। महिला टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने फरवरी 1984 से जनवरी 1990 के बीच लगातार 11 टॉस हारे थे। पुरुषों के T20I में यह रिकॉर्ड 10 मैचों का है, जो नेपाल और वानुआतु के नाम है। अगर सभी तीनों फ़ॉर्मैट को मिलाकर देखें तो पुरुषों का रिकॉर्ड भारत के नाम है, जिसने जनवरी से जुलाई 2025 के बीच लगातार 15 टॉस गंवाए थे, इसमें इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सभी पांच टेस्ट भी शामिल थे। महिलाओं में यह रिकॉर्ड न्यूज़ीलैंड का है, जिसने जुलाई 2018 से जनवरी 2019 के बीच 12 लगातार टॉस गंवाए थे।
किस गेंदबाज़ ने अपने टेस्ट करियर में केवल छह विकेट लिए, जिसमें एक हैट्रिक भी शामिल है? संयुक्त अरब अमीरात से विवेक सेठ ने पूछा
यह अनोखे रिकॉर्ड वाले गेंदबाज़ बांग्लादेश के लेग स्पिन ऑलराउंडर आलोक कपाली हैं, जिन्होंने 2003 में पेशावर में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हैट्रिक ली थी, लेकिन उसके बाद उन्होंने अगले 16 टेस्ट में केवल तीन और विकेट लिए।
इसके बहुत क़रीब विवादित साउथ अफ़्रीकी तेज़ गेंदबाज़ जियोफ़ ग्रिफ़िन हैं, जिनका करियर 1960 के लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान थ्रोइंग के लिए नो-बॉल दिए जाने के बाद लगभग समाप्त हो गया था। अपने दूसरे और आखिरी टेस्ट की लगभग आख़िरी उपलब्धि के रूप में उन्होंने एक हैट्रिक ली थी। उन्होंने अपने करियर में केवल आठ विकेट लिए।
इंग्लैंड के लंबे क़द के तेज़ गेंदबाज़ मॉरिस एलम, जिन्होंने अपने टेस्ट डेब्यू पर 1930 में क्राइस्टचर्च में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ हैट्रिक ली थी, उन्होंने अपना टेस्ट करियर केवल 14 विकेट के साथ समाप्त किया। टीम के साथी मॉरिस टर्नबुल ने लिखा, "एलम ने एक ऐसा ओवर डाला, जो न्यूज़ीलैंड में अब तक के सर्वश्रेष्ठ ओवरों के बराबर था- 21 रन पर पांच गेंदों में चार विकेट, जिसमें हैट्रिक भी शामिल थी!"
ऑस्ट्रेलिया के एक अन्य लेग स्पिनर, जिमी मैथ्यूज़ ने मई 1912 में ओल्ड ट्रैफ़र्ड में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ दो हैट्रिक ली थीं, लेकिन उस मैच में उन्होंने कोई और विकेट नहीं लिया और अपने आठ टेस्ट में कुल 16 विकेट के साथ करियर समाप्त किया। न्यूज़ीलैंड के ऑफ स्पिनर पीटर पीथरिक ने 1976 में लाहौर में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ अपने टेस्ट करियर की शुरुआत हैट्रिक से की थी, उनका करियर भी केवल छह मैचों में 16 विकेट पर खत्म हुआ। टेस्ट हैट्रिक की पूरी सूची के लिए, यहां क्लिक करें

स्टीवन लिंच Wisden on the Ashes के एडिटर हैं