अंडर-19 विश्व कप विजेता विक्की ओस्तवाल का लक्ष्य : बेहतर ऑलराउंडर बन हर मंच पर प्रदर्शन करना
ओस्तवाल ने कहा कि उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अपनी बल्लेबाज़ी पर भी काम किया है क्योंकि सिर्फ़ स्पिनर होना कई बार टीम के लिए कारगर सिद्ध नहीं होता
देवरायण मुथु
01-Sep-2025 • 3 hrs ago
विक्की ओस्तवाल अंडर-19 वर्ल्ड कप 2022 के दौरान भारतीय दल का हिस्सा थे • ICC via Getty Images
वह कैरेबियन में 2022 अंडर-19 विश्व कप ख़िताब के लिए भारत के अभियान के दौरान सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। उनके महाराष्ट्र के कप्तान अंकित बावने ने पिछले महीने बुची बाबू टूर्नामेंट के दौरान चेन्नई में स्थानीय पत्रकारों के सामने उन्हें "भविष्य के सितारे" के रूप में पेश किया था। वह 2025 महाराष्ट्र प्रीमियर लीग (MPL) में गेंद और बल्ले दोनों से प्रभावशाली रहे। वह तीन सत्रों से IPL में दिल्ली कैपिटल्स (DC) के साथ एक रिज़र्व खिलाड़ी के रूप में हैं और अब सभी प्रारूपों में कदम रखने की तैयारी कर रहे हैं। 22 वर्षीय बाएं हाथ के स्पिनर विक्की ओस्तवाल से मिलिए।
फ़रवरी 2022 में अंडर-19 विश्व कप जीतने के कुछ ही हफ़्तों बाद, ओस्तवाल को महाराष्ट्र की रणजी ट्रॉफ़ी टीम में शामिल कर लिया गया। लेकिन उन्हें परिपक्व होने और ख़ास तौर पर लाल गेंद वाले क्रिकेट के साथ तालमेल बिठाने के लिए और समय की ज़रूरत थी। उसके बाद से महाराष्ट्र के लिए कभी-कभार खेलने के बाद, ओस्तवाल अब इस सीज़न में नियमित रूप से खेलने के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
अंडर-23 सीके नायडू टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ के रूप में उभरने के बाद, ओस्तवाल प्री-सीज़न बुची बाबू टूर्नामेंट में महाराष्ट्र के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने, जहां उन्होंने दो मैचों में 17.23 की औसत और 2.64 की इकॉनमी से 13 विकेट लिए। वह अंडर-19 क्रिकेट और रणजी ट्रॉफ़ी के बीच के अंतर को पाटने का श्रेय अंडर-23 टूर्नामेंट को देते हैं।
चेन्नई में बुची बाबू टूर्नामेंट के दौरान ESPNcricinfo से बातचीत में ओस्तवाल ने कहा, "किसी स्पिनर के लिए टीम में जगह बनाना हमेशा एक कठिन होता है। मैं अभी भी इसके लिए संघर्ष कर रहा हूं। मैंने बीच-बीच में पांच रणजी मैच खेले हैं, लेकिन अंडर-19 विश्व कप के बाद सीके नायडू [ट्रॉफ़ी] मेरी मुख्य प्राथमिकता रही है। मैं चाहे जो भी खेलूं - सीके नायडू या रणजी - मेरा लक्ष्य महाराष्ट्र को जीत दिलाना होता है। महाराष्ट्र के लिए खेलना एक प्रतिष्ठा है। मेरा लक्ष्य हमेशा महाराष्ट्र के लिए ट्रॉफ़ियां जीतना होता है।"
मुंबई-पुणे राजमार्ग पर स्थित एक हिल स्टेशन, लोनावला से आने वाले ओस्तवाल दक्षिण मुंबई स्थित वेंगसरकर अकादमी में अपने कौशल को निखारने के लिए मुंबई आते थे। लेकिन जब उन्हें एहसास हुआ कि वे मुंबई में टूर्नामेंट खेलने के योग्य नहीं हैं (केवल शहर में जन्मे खिलाड़ी ही MCA टूर्नामेंट खेल सकते हैं), तो उन्होंने महाराष्ट्र में अपना करियर बनाने की कोशिश की। वह फिर से प्रतिदिन घंटों भीड़ भरी ट्रेनों में लोनावाला से पुणे तक यात्रा करते थे, जहां उन्होंने वारॉक वेंगसरकर अकादमी में प्रवेश लिया।
ओस्तवाल ने याद करते हुए कहा, "वह सफ़र बेहद ख़ास है। क्योंकि इसने मुझे दिखाया कि मैं क्रिकेट के प्रति कितना जुनूनी था और क्रिकेट खेलना कितना चाहता था। मेरे पिताजी इन सभी यात्राओं के दौरान मेरा साथ देते थे। जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो मुझे बहुत अच्छा और ख़ास लगता है। मेरी सारी मेहनत अब रंग ला रही है।"
ओस्तवाल आर साई किशोर की तरह लंबे बाएं हाथ के फ़िंगरस्पिनर हैं और जब लय में होते हैं, तो अपने आदर्श रवींद्र जाडेजा की तरह स्टंप्स को खेल में बनाए रखते हैं। उनमें लंबे स्पेल करने की क्षमता है, जिसका प्रदर्शन उन्होंने 2022 में सुल्तानपुर में विदर्भ के ख़िलाफ़ रणजी ट्रॉफ़ी में पदार्पण के दौरान किया था, जब उन्होंने 44 ओवर गेंदबाज़ी की थी।
विक्की ओस्तवाल: 'IPL के बाद मेरा गेम सेंस बेहतर हुआ है'•BCCI
ओस्तवाल ने कहा, "एक स्पिनर के तौर पर, लंबे स्पेल फेंकना आपका काम है। आपको एक छोर मज़बूती से थामे रखना होता है, चीज़ें करवानी होती हैं और बल्लेबाज़ों को बेतरतीब शॉट खेलने पर मजबूर करना होता है। भारत में सफल रहा हर प्रथम श्रेणी स्पिनर एक छोर मज़बूती से थामे रखता है और अहम मौक़ों पर ज़रूरी विकेट लेता है। मैं महाराष्ट्र के लिए भी यही करना चाहता हूं।"
ओस्तवाल को IPL के तीन सीज़न में DC के लिए एक भी मैच खेलने का मौक़ा नहीं मिला, लेकिन उन्होंने ट्रेनिंग सेशन का इस्तेमाल अक्षर पटेल और रिकी पोंटिंग से सीखने के लिए किया।
ओस्तवाल ने कहा, "IPL के बाद खेल की समझ बेहतर हुई। आप खेल से थोड़ा आगे हो सकते हैं और कभी-कभी परिस्थितियों को पहले ही भांप लेते हैं और फिर पहले से ही खेल में उतर जाते हैं। इससे आपको सक्रिय रहने में मदद मिलती है।"
"और एक बाएं हाथ के स्पिनर के तौर पर ऋषभ पंत को गेंदबाजी करना सबसे मुश्किल काम था। अक्षर ने मुझे टेस्ट और T20 गेंदबाज़ी के टिप्स दिए, जिन्हें मैं लागू कर पा रहा हूं। रिकी पोंटिंग सर ने भी मेरे तीन साल के कार्यकाल में, खासकर दिल्ली कैपिटल्स के साथ, मेरी मदद की। तो कुल मिलाकर, वहां बिताया गया समय अच्छा रहा।"
"मैंने पिछले कुछ वर्षों में अपनी बल्लेबाज़ी पर काम किया है क्योंकि सिर्फ़ स्पिनर होना टीम के लिए काफ़ी नहीं है"Ostwal
हाल ही में MPL में, ओस्तवाल ने अपनी सटीक गेंदबाज़ी और रायगढ़ रॉयल्स के लिए शीर्ष क्रम में पिंच-हिटिंग से अपनी T20 साख को और मज़बूत किया, जब वे फ़ाइनल तक पहुंचे। उन्होंने 11 मैचों में 7.09 की इकॉनमी से नौ विकेट लिए - जो इस सीज़न में 30 से ज़्यादा ओवर फेंकने वाले गेंदबाज़ों में सर्वश्रेष्ठ था।
टूर्नामेंट के बीच में, ओस्तवाल को सलामी बल्लेबाज़ के रूप में पदोन्नत किया गया और उन्होंने कोल्हापुर टस्कर्स के ख़िलाफ़ एलिमिनेटर में 54 गेंदों पर 74 रन बनाकर जवाब दिया। ओस्तवाल भविष्य में एक बेहतरीन ऑलराउंडर बनने की महत्वाकांक्षा रखते हैं।
उन्होंने कहा, "पिछले कुछ सालों में मैंने अपनी बल्लेबाज़ी पर काफ़ी काम किया है क्योंकि स्पिनर होना हमेशा आपकी टीम के लिए कारगर नहीं होता। अगर आप निचले क्रम में 30-40 रन बना सकते हैं, तो यह टीम के लिए हमेशा काफ़ी मददगार होता है।"
"T20 मैच [एलिमिनेटर] के बारे में, मुझे लगता है कि जब मेरी टीम ऊपरी क्रम में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी, तो मैंने अपने कोच से कहा था कि मैं ऊपरी क्रम में जा सकता हूं और शायद कुछ बल्लेबाज़ी करके टीम को गति दे सकता हूँ। मैं अपनी टीम के लिए एक ऑलराउंडर बनना चाहता हूं। सीके नायडू ट्रॉफ़ी में भी, मैंने बल्ले से योगदान दिया था और छठे या सातवें नंबर पर शतक बनाए थे।"
अंडर-19 और अंडर-23 क्रिकेट में सफलता हासिल करने के बाद, ओस्तवाल अब इसे और ऊंचे स्तर पर दोहराने का सपना देखते हैं।
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।