नीतीश राणा : मैं अपने आपको बड़े मैच का खिलाड़ी मानता हूं
राणा ने कहा कि वह भारतीय टीम में वापसी करने के बारे में ज़्यादा सोचकर अपने ऊपर दबाव नहीं डालना चाहते हैं
दया सागर
01-Sep-2025 • 15 hrs ago
Nitish Rana ने DPL में नॉकआउट स्टेज में मैच जिताऊ पारियां खेली • DPL
नीतीश राणा के लिए साल 2024 कुछ ख़ास नहीं रहा था। IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की ख़िताबी जीत अभियान में पहले चोट और फिर टीम कॉम्बिनेशन के कारण उन्हें सिर्फ़ दो मैचों में खेलने का मौक़ा मिला। इसके बाद जब घरेलू सीज़न आया तो रणजी ट्रॉफ़ी के शुरूआती चार मैचों की छह पारियों में सिर्फ़ एक अर्धशतक आने के कारण उन्हें उत्तर प्रदेश की रणजी टीम से बाहर कर दिया गया।
इसके बाद वह सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के नौ मैच ज़रूर खेले, लेकिन उसमें भी उनका औसत सिर्फ़ 13.88 और स्ट्राइक रेट 114.43 का रहा। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में भी एक मैच के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और जब रणजी ट्रॉफ़ी का दूसरा चरण शुरू हुआ, तब भी वह टीम में नहीं थे।
IPL 2025 में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए उनके नाम दो अर्धशतक ज़रूर थे, लेकिन 11 में से आधा दर्जन पारियों में वह दहाई के अंक को भी नहीं छू पाए थे। इसके बाद राणा ने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए अपने घर लौटने का फ़ैसला किया और कहा कि 2025-26 का घरेलू सीज़न वह दिल्ली की तरफ़ से खेलेंगे।
अब राणा ने इस घर वापसी का जश्न दिल्ली प्रीमियर लीग (DPL) सीज़न-2 की ख़िताबी जीत से मनाया है, जहां वह वेस्ट दिल्ली राइडर्स टीम के कप्तान थे। उन्होंने तीन प्ले ऑफ़ मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक के साथ तीन नाबाद मैच-जिताऊं पारियां (135*, 45*, 79*) खेलीं और बताया कि वह बड़े मैच के खिलाड़ी हैं।
इस ख़िताबी जीत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राणा ने कहा, "बड़े मैच में बड़े खिलाड़ियों का चलना बहुत ज़रूरी होता है क्योंकि इन मैचों में दबाव बहुत ज़्यादा होता है। बड़े खिलाडियों को दबाव से निपटना थोड़ा बेहतर आता है और मैं अपने आपको उसी श्रेणी में रखता हूं जो दबाव वाली परिस्थितियों में आसानी से मैच को निकाल सकते हैं।"
DPL में भी राणा की शुरूआत सही नहीं रही थी। पहले मैच में 15 गेंदों में 39 रनों की पारी खेलने के बाद वह लगातार असफल रहे और अगली छह पारियों में सिर्फ़ एक बार उनसे 20 से अधिक का स्कोर बना। आख़िरी लीग मैच में आठ गेंदों में 25 रन बनाकर उन्होंने फ़ॉर्म वापसी के संकेत ज़रूर दिए, लेकिन जब पहले क्वालिफ़ायर में टीम को सबसे अधिक ज़रूरत थी तो उन्होंने 55 गेंदों में आठ चौकों और 15 गगनचुंबी छक्कों की मदद से 134 रनों की पारी खेल वह अपनी टीम को ख़िताब के क़रीब लाए।
राणा कहते हैं, "एक अनुभवी खिलाड़ी के रूप में आपको पता होता है कि आप अच्छी लय में हैं या नहीं। मुझे पता था कि मैं अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहा हूं, बस रन बोर्ड पर नहीं आ रहे थे। लेकिन मैं अपने आपको लगातार बैक कर हा था। मैं अपने फ़ॉर्म से बस एक बड़ी पारी दूर था और मुझे यह पता था कि यह जल्द ही आने वाला है। भाग्य से यह तभी आया, जब टीम को इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी। अब मैं कह सकता हूं कि देर आए, दुरूस्त आए और हम चैंपियन बने। हालांकि मैं फ़ॉर्म वापसी की कोशिश पहले मैच से कर रहा था।"
नीतीश राणा और दिग्वेश राठी के बीच नोकझोंक भी हुई थी•DPL
पहले प्लेऑफ़ में राणा की शतकीय पारी के दौरान साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज़ के स्पिनर दिग्वेश राठी से नोकझोंक भी हुई, जो तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गई। हालांकि राणा इस पर कुछ अधिक बात नहीं करना चाहते।
An intense moment in the middle!
— Delhi Premier League T20 (@DelhiPLT20) August 29, 2025
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उन्होंने कहा, "यह बहुत अनुचित होगा कि अगर इस मामले पर मैं अपनी बात रखूं और राठी का पक्ष नहीं आए। अगर सिर्फ़ मेरी बात छपेगी तो इससे यही ही लगेगा कि मैं सही हूं और वह ग़लत। हां, मैं बस इतना कह सकता हूं कि उसने शुरूआत की और मुझे छेड़ा तो मैंने भी उसका जवाब दिया। मैं भी दिल्ली का पला बढ़ा हूं और मेरे अंदर भी गर्म खून है। कोई मुझे छेड़ेगा तो मैं चुप बैठने वालों में से नहीं हूं। मेरे मां-बाप ने भी मुझे यही सिखाया है कि अगर आप ग़लत नहीं हो तो अपनी आवाज़ उठाओ और मैं वही करता हूं और आगे भी करता रहूंगा। वह मुझे छेड़कर आउट करना चाहता था, तो मैंने भी उसे छेड़ा। वह इससे डिस्टर्ब हुआ और मैंने फिर छक्के मारकर उसको जवाब दिया।"
IPL 2017 से IPL 2023 तक लगातार सात साल प्रत्येक IPL सीज़न में कम से कम 300 रन बनाने वाले कुछ दुर्लभ खिलाड़ियों में से एक राणा 2021 के कोविड समय में भारतीय टीम में भी आ गए थे। उन्होंने श्रीलंका में एक वनडे और दो T20I भी खेला। लेकिन इसके बाद उन्हें फिर कभी भारतीय टीम में मौक़ा नहीं मिला। हालांकि इस दौरान वह लगातार घरेलू क्रिकेट और IPL स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करते रहे और अपनी रणजी व IPL टीमों के लिए कप्तानी भी की।
राणा ने कहा कि यह अनुभव है, जो कि ऐसी मैच परिस्थितियों में उन्हें एक मज़बूत क्रिकेटर बनाता है।
उन्होंने कहा, "क्रिकेट, अनुभव का खेल है। जब आप अपने आपको रगड़ते हो, बुरे टाइम से गुज़रते हो तो उस समय पर यह बहुत ज़रूरी हो जाता है कि आप उससे कितना सीखने की कोशिश कर रहे हो। मैंने भी यह सारी चीज़ें समय के साथ सीखी हैं। मेरा कई बार फ़ॉर्म ख़राब हुआ है, कई बार मैंने ख़ुद से लड़ाई लड़ी है, अपने आपको दंड भी दिया है। लेकिन मैं अपने आप पर बहुत भरोसा रखता हूं और और इसी ढंग से अपनी क्रिकेट खेलता हूं। इसमें कई बार मुझे सफलता भी मिलती है और कई बार मैं असफल भी हो जाता हूं। लेकिन यह सब तो इस खेल का हिस्सा है।"
राणा के लिए 2022-23 का घरेलू सीज़न भी अच्छा नहीं रहा। रणजी ट्रॉफ़ी में उन्होंने 17.75 की औसत से सिर्फ़ 71 रन बनाए और तीन मैचों के बाद ही टीम से बाहर हो गए। इसके बाद, उन्होंने बेहतर मौकों की तलाश में दिल्ली छोड़कर उत्तर प्रदेश जाने का फ़ैसला किया।
राणा कहते हैं, "मैं इसलिए उत्तर प्रदेश गया था क्योंकि मुझे लगता था कि शायद मैं नई जगह पर बेहतर खेल पाऊं। लेकिन वहां ऐसा नहीं हो पाया। अब मैं उन चीज़ों को पीछे छोड़ वापस दिल्ली उसी ड्रेसिंग रूम में आ गया हूं, जहां से मैंने रन बनाना सीखा था। ऐसा नहीं है कि मुझे कुछ साबित करना था, लेकिन व्यक्तिगत रूप से यह मेरे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण पारियां थीं।"
राणा ने दिल्ली क्रिकेट में धमाकेदार प्रदर्शन के साथ वापसी तो कर ली है, लेकिन वह अपने ऊपर भारतीय टीम में वापसी का दबाव नहीं डालना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "ऐसे सोचने के लिए तो बहुत सारी चीज़ें हैं। मैं भारतीय टीम में भी वापसी करना चाहता हूं, लेकिन ऐसा करके तो मैं अपने आप पर ही दबाव डाल लूंगा। इसलिए अब मैं ज़्यादा सोचता नहीं हूं। मेरी कोशिश यही रहती है कि मेरे नियंत्रण में जो चीज़ें हैं, उस पर ध्यान दूं। फ़िलहाल मेरे नियंत्रण में मेरा क्रिकेट है और मैं अभी बस उस पर ही ध्यान दे रहा हूं।"
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95