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फ़ीचर्स

रवि बिश्नोई और उनके गुगली गेंदों की प्रदर्शनी

आक्रामक बल्लेबाज़ों के सामने बिश्नोई ने निडरता के साथ गेंदबाज़ी की

अंतर्राष्ट्रीय क्रिेकेट में रवि बिश्नोई की पहली झलक कुछ ख़ास नहीं थी। लांग ऑफ़ पर उनके पास निकोलस पूरन का एक आसान सा कैच बिश्नोई के पास गया और उन्होंने उसे पकड़ तो लिया लेकिन उनके पैर सीमा रेखा को छू रहा था और उसे सिक्सर करार दे दिया गया। यहां तक कि जब फ़ील्ड अंपायर तीसरे अंपायर के पास कैच को चेक करने के लिए गए तो सॉफ्ट सिगलन आउट था। हालांकि बिश्नोई को पता था कि उनसे ग़लती हो चुकी है। जब मैदान पर मौजूद बड़े पर्दे पर तीसरे अंपायर का निर्णय दिखा तो वह काफ़ी मायूस नज़र आ रहे थे। हाल ऐसा था कि वह कप्तान रोहित शर्मा और युज़वेंद्र चहल से आंख भी नहीं मिला पा रहे थे। एक घंटे पहले ही उन्हें रोहित ने डेब्यू कैप दिया था और इस तरह का घटनाक्रम उनके लिए कहीं से भी संतोषप्रद नहीं था।
हालंकि उस चूक के एक ओवर के भीतर ही उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पहला ओवर फेंकने के लिए बुलाया गया। वेस्टइंडीज़ ने काइल मायर्स खो दिया था। रोहित कहीं से भी मेहमान टीम को कोई मौक़ा देने के मूड में नहीं थे। क्रीज़ पर नए बल्लेबाज़ के तौर पर दाहिने हाथ के बल्लेबाज़ रॉस्टन चेज़ का आगमन हो चुका था। रोहित ने तय किया कि वेस्टइंडीज़ पर और आक्रमता के साथ प्रहार किया जाए।
रोहित ने अगर बिश्नोई को कुछ देर बाद गेंदबाज़ी दी होती तो यह भी संभव था कि एक ओस से भरी आउटफ़ील्ड पर युवा बिश्नोई को गेंदबाज़ी करने में दिक्कत होती। बिश्नोई जब गेंदबाज़ी करने के लिए आए तो उनके सामने पूरन थे और बिश्नोई उनके साथ आईपीएल में खेल चुके हैं। ऐसा नहीं है कि यह अभी बहुत लाभ की बात थी, क्योंकि बिश्नोई के लिए यह पहला मैच था और उनके लिए यह एक आंतरिक लड़ाई थी कि वह पहले मैच के दबाव को प्रबंधित कर के आगे बढ़ें। क्या ऐसा करने में बिश्नोई कामयाब हो पाएंगे? क्या वह इस अवसर का लाभ उठा पाएंगे? कुछ समय के लिए आप कह सकते हैं कि नहीं वह कामयाब नहीं रहे।
पहले ओवर में बिश्नोई के गेंदबाज़ी की लाइन काफ़ी ख़राब थी। उनकी गुगली लेग स्टंप के बाहर ख़त्म हो रही थी और उसे वाइड करार दिया जा रहा था। उस ओवर के बाद बिश्नोई ने जो किया उसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। उन्होंने पूरी तरह से मैच का रंग ही बदल दिया। हालांकि तब तक पूरन के बल्ले पर गेंद भी बढ़िया तरीक़े से आने लगी थी। वह मिडिल ओवर में टीम के लिए रन बटोरने में कामयाब हो रहे थे। पूरन का यह लय इसलिए भी बरक़रार था क्योंकि उन्हें पता था कि उनकी टीम के पास विश्व के सबसे हार्ड हिटिंग बल्लेबाज़ों की लंबी फेहरिश्त थी। वहीं दूसरी ओर जब बिश्नोई ने चेज़ को पगबाधा आउट करवाया तो पूरन को एक बार फिर से अपनी पारी के बारे में सोचने के लिए मज़बूर कर दिया।
चेज़ का विकेट एक विशेष फ़ील्ड सेट अप के साथ लिया गया था। मिड विकेट सीमा रेखा की तरफ़ कोई खिलाड़ी उपलब्ध नहीं था। बिश्नोई ने मिडिल और ऑफ़ स्टंप पर एक शानदार गुगली गेंद डाला। इस प्लान के बारे में पूरी तरह से पता था लेकिन वह कुछ भी नहीं कर पाए। बिश्नोई की फ्लेट और तेज़ गेंद ने चेज़ को कुछ सोचने-समझने का समय ही नहीं दिया और वह मिड विकेट की दिशा में शॉट लगाने चले गए और पगबाधा आउट हो गए। अगर चेज़ ने सीधा शॉट खेला होता तो शायद वह बच जाते। इसके दो गेंदों के बाद पावेल भी लांग ऑन की दिशा में एक स्लॉग स्वीप लगाने गए और कैच आउट हो गए।
इसके बाद बाएं हाथ के बल्लेबाज़ अकील हुसैन को भेजा गया ताकि एक लेग स्पिनर(बिश्नोई) के प्रभाव को कम किया जाए। हालांकि हुसैन का भी स्वागत एक शानदार गुगली के साथ किया गया और वह चौंक गए। एक ही ओवर में दो विकेट प्राप्त करने के बाद बिश्नोई के चेहरे पर जो मुस्कान थी, वह कुछ और ही बयां कर रही थी। क्या पावेल वास्तव में यह सोच रहे थे कि बिश्नोई एक लेग ब्रेक गेंद डालेंगे? उस गेंद को वापस स्पिन करने की उम्मीद कर रहा था? बिश्नोई की यह गेंदबाज़ी गुगली गेंदों की प्रदर्शनी थी जो अलग-अलग लेंथ और तेज़ गति से फेंकी जा रही थी। जब तक बल्लेबाज़ इस प्रदर्शनी से निपटने का रास्ता ढूंढ पाते, बिश्नोई ने दो ओवर फेंक कर दो विकेट निकाल लिया था और दो महत्वपूर्ण विकेट भी स्वर्णिम अक्षरों में उनके ख़ाते में अंकित की जा चुकी थी।
बिश्नोई जिस निडरता के साथ पोलार्ड जैसे आक्रामक बल्लेबाज़ के ख़िलाफ़ गेंदबाज़ी कर रहे थे, वह देखते ही बन रहा था। वह लगातार गुगली गेंद फेंकते रहे। यह जानते हुए कि बल्लेबाज़ भी गुगली गेंद के लिए ही तैयार हैं। टीम मेनेजमेंट ने भी उन्हें खुल कर सपोर्ट किया और उन पर भरोसा जताया।
रोहित ने प्रेजेंटेशन में कहा "बिश्नोई बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, इसमें कोई शक़ नहीं है। हम उसमें कुछ अलग देखते हैं, इसलिए हमने उसे टीम में शामिल किया। वह पावरप्ले से लेकर पारी के आख़िरी ओवर तक कहीं भी गेंदबाज़ी कर सकता है। वह हमें अन्य गेंदबाज़ों को रोटेट करने का विकल्प देता है। भारत के लिए उसके पहले गेम से बहुत खुश हूं, उसका भविष्य बहुत उज्ज्वल है। उसके पास बढ़िया प्रतिभा है। यह अब हम पर है कि हम उसका उपयोग कैसे करते हैं।"
टीम प्रबंधन बिश्नोई में "कुछ अलग" देखता है। वे टी 20 विश्व कप की तैयारी के उस चरण में भी हैं जहां वे अलग-अलग चीज़ों को आजमाने में खुश हैं। जैसे एक ही इलेवन में विभिन्न किस्मों के दो लेग स्पिनरों को शामिल करना। चहल जहां अपने लूप और डिप से बल्लेबाज़ों को परेशान करते हैं, वहीं बिश्नोई तेज़ और फ़ीज़ी हैं। पहले से ही एक आईपीएल स्टार बिश्नोई के लिए यह एक शुरुआत हो सकती है।

शशांक किशोर ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।