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मुंबई आकर पुरानी यादों में खोए एजाज़ पटेल

अपने परिवार और दोस्तों के सामने खेलने को तैयार हैं बाएं हाथ के स्पिनर

श्रीनिधि रामानुजम
01-Dec-2021
Ajaz Patel reacts in the field, England vs New Zealand, 2nd Test, Day 1, Birmingham, June 10, 2021

Ajaz Patel reacts in the field  •  PA Images via Getty Images

एजाज़ पटेल के लिए जिंदगी एक गोल चक्कर लेकर वापस आ गई है। बायें हाथ के स्पिनर पटेल तब एक महीने के बच्चे थे, जब न्यूज़ीलैंड ने मुंबई में अपना पिछला टेस्ट खेला था। और जब पटेल ने अपने 'सपनों का शहर' मुंबई छोड़ा, तब वह आठ साल के थे। अब जब वह यहां पर टेस्ट खेलने आए हैं, तब यह शहर उनके सपनों में भी नहीं आता है। लेकिन देखिए वह 25 साल बाद यहां अपने देश के लिए खेलने के लिए लौट आए हैं।
भारत के ख़िलाफ़ दूसरा टेस्ट टेस्ट खेलने के लिए मुंबई पहुंचे एजाज़ कुछ भावुक हुए। पटेल ने कहा, "मैं मुंबई टेस्ट के बारे में सोच रहा था। यहां वापस आना अच्छा है। मैं यहां पर पहले भी अपने परिवार के साथ छुटि्टयां बिताने आया हूं, लेकिन इस बार कुछ अलग अहसास है क्योंकि इस बार मैं यहां पर क्रिकेट खेलने आया हूं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं वानखेड़े में कई आईपीएल मुक़ाबलों को देखने आया हूं, इसके लिए मैं मिचल मैक्कलैनघन को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं जब भी यहां आया हूं तो उन्होंने मेरी बहुत मदद की है। मैं यहां पर कुछ समय के लिए गेंदबाज़ी, ट्रेनिंग आदि भी की है। यहां आकर मैं यादों में बह गया हूं। मैं बस अपने परिवार को नहीं देख पा रहा हूं। मैं जल्द ही अपने परिवार के साथ यहां जरूर आऊंगा।"
पटेल ने कहा, "मेरे परिवार ने मुझे कभी न्यूज़ीलैंड में भी खेलते हुए नहीं देखा। यह मेरे परिवार के लिए बहुत ख़ास होगा कि वह यहां आए और मुझे वानखेड़े में खेलता देखें।"
परिवार के सामने खेलने के सवाल पर उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि परिवार के सामने खेलने पर दबाव आता है, मैं तो और उत्साहित होता हूं। मेरे पास कई यादें हैं, कई बार मैं शादी में शामिल होने भी मुंबई आया हूं। मेरे लिए यह बहुत ही ख़ास लम्हा है।"
पिछला सप्ताह पटेल के लिए एक झूले की तरह रहा है। यह सब कानुपर टेस्ट के आख़िरी दिन शुरू हुआ। जब पटेल और रविंद्र ने मिलकर आठ ओवर खेल डाले। पटेल ने अकेले ही 23 गेंद खेली और एक विकेट रहते टीम को मैच हारने से बचा लिया। पटेल ने कहा कि यह बहुत शानदार पल था, दो भारतीय मूल के खिलाड़ी मज़बूत घरेलू टीम के ख़िलाफ़ लड़ रहे थे। यह ख़ुद में ही बेहतरीन कहानी है।
पटेल ने कहा, "रविंद्र वहां पर संयम से बल्लेबाज़ी कर रहा था। उनके कंधों पर बड़ा बोझ था। हमने जितना हो सके, उतना सीधा खेलने पर बात की। अगर बल्ले का बाहरी किनारा लगता है तो लग जाए, हम बस स्टंप्स तक रूकना चाहते थे और पैड पर लगने से आउट नहीं होना चाहते थे। यही सबसे मुख्य हिस्सा था। हमने कभी नहीं सोचा कि यह मुश्किल होने वाला है, इससे चीज़ें बहुत आसान होती चली गईं।"

अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।