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द्रविड़ : इन पिचों पर एक प्रदर्शन पूरे मैच को बदल सकता है

भारतीय कोच का कहना है कि विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के अंकों के महत्व के कारण परिणामोन्मुख पिच बनाए जा रहे हैं

Rahul Dravid, Suryakumar Yadav and Ravindra Jadeja look at the pitch two days out from the first Test against Australia, Nagpur, February 7, 2023

द्रविड़ का मानना है कि पिछले तीन-चार वर्षों में पूरी दुनिया के पिच बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण हो गए हैं  •  Getty Images

29 नवंबर, 2021 को न्यूज़ीलैंड की आख़िरी विकेट की जोड़ी रचिन रवींद्र और एजाज़ पटेल ने कानपुर टेस्ट में भारत के ख़िलाफ़ चौथी पारी में 8.4 ओवर तक बल्लेबाज़ी की थी। परिणामस्वरूप भारत वह टेस्ट मैच नहीं जीत पाया था। सिर्फ़ विकेट लेने में नाकाम रहने के कारण भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में आठ अंक गंवाने पड़े थे।
अगर भारत ऐसा करने में क़ामयाब होता तो भारत के पास अभी 131 अंक होते। ऐसे में डब्ल्यूटीसी के फ़ाइनल में पहुंचने के लिए भारत को गुरूवार से शुरू हो रहे टेस्ट मैच को सिर्फ़ ड्रॉ करने की आवश्यकता होती।
कानपुर में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ जो टेस्ट मैच हुआ था, वह एक कौच के तौर पर राहुल द्रविड़ के लिए पहला टेस्ट मैच था। उसी टेस्ट मैच का उदाहरण देते हुए द्रविड़ ने कहा कि डब्ल्यूटीसी के अंकों के कारण अब दुनिया भर में गेंदबाज़ों के लिए मददगार पिचें तैयार की जा रही हैं, ताकि हर मैच का परिणाम निकल सके।
द्रविड़ ने मंगलवार को कहा, "यह (डब्ल्यूटीसी अंक) एक कारण हो सकता है, क्योंकि नतीजा निकलने पर टीमों का फ़ायदा होता है। आप न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ कानपुर जैसा मैच को ड्रा करते हैं। दूसरी पारी में नौ विकेट लेने के बाद भी आपको ऐसा परिणाम मिलता है, जिससे आप घरेलू धरती पर बैकफ़ुट पर आ जाते हैं।"
"हर टीम घरेलू पिचों पर परिणाम प्राप्त कर रही है या अच्छा प्रदर्शन कर रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि परिणाम निकलने से टीमों को फ़ायदा होगा। (डब्ल्यूटीसी में) आपको ड्रा के लिए चार अंक और जीत के लिए 12 अंक मिलते हैं।"
भारत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ चार मैचों की टेस्ट सीरीज़ में भारत को तीन जीत की आवश्यकता थी, ताकि वह सीधे डब्ल्यूटीसी के फ़ाइनल में पहुंच सकें। हालांकि पहले दो मैचों में जीत प्राप्त करने के बाद तीसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को परास्त कर दिया। ये तीनों मैच लो स्कोरिंग थे। साथ ही गेंद पहले दिन से ही काफ़ी ज़्यादा टर्न कर रही थी। कुल मिला कर 11 पारियों में सिर्फ़ तीन बार टीमें 200 के स्कोर को पार करने में सफल रहीं। साथ ही सिर्फ़ चार ही ऐसे बल्लेबाज़ हैं, जिनका औसत इस टेस्ट सीरीज़ में 30 या उससे अधिक है।
ऐसी परिस्थितियों में द्रविड़ ने महसूस किया कि टीमों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने बल्लेबाज़ों से यथार्थवादी उम्मीदें रखें और उसके अनुसार बेंचमार्क सेट करें।
उन्होंने कहा, "हमें यथार्थवादी होने की ज़रूरत है। हम यहां ही नहीं बल्कि कई चुनौतीपूर्ण विकेटों पर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। यदि आप पिछले तीन-चार वर्षों को देखते हैं, तो मुझे लगता है कि पूरी दुनिया में विकेट बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। इसलिए आपको इस बारे में यथार्थवादी होना होगा कि आपका बेंचमार्क क्या है। इस तरह के मैचों में केवल एक अच्छा प्रदर्शन पूरे मैच को बदल सकता है।"
पिचों के अलावा द्रविड़ ने भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज़ श्रीकर भरत के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि उन्होंने (भरत) काफ़ी बढ़िया विकेटकीपिंग की है। इसके अलावा बल्लेबाज़ी में भी उन्होंने सकारात्मक खेल दिखाया है। दिल्ली टेस्ट में भी उन्होंने एक छोटी लेकिन अच्छी पारी खेली थी और इंदौर टेस्ट में उन्होंने 17 रनों की एक महत्वपूर्ण पारी खेली। आपको इन परिस्थितियों में कभी-कभी थोड़ा भाग्य की आवश्यकता होती है, जो कई मौक़ों पर भरत के साथ नहीं था। हालांकि मुझे लगता है कि वह हमारी टीम के लिए काफ़ी बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं।"

कार्तिक कृष्णास्वामी ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।