वेस्टइंडीज़ और बांग्लादेश के दौरों से दूर रहते हुए होटल क्वारंटीन में बैठे मार्कस स्टॉयनिस के पास आईपीएल से पहले सोच विचार करने का बहुत समय मिला है और 32 वर्षीय स्टॉयनिस ने अपने व्यक्तिगत लक्ष्य को स्पष्ट कर लिया है।
उनका कहना है, "अगले तीन साल में मैं केवल ऑस्ट्रेलिया का ही नहीं, पूरे विश्व का सर्वश्रेष्ठ फ़िनिशर बनना चाहता हूं। शायद मेलबर्न स्टार्स के लिए मेरा रोल कुछ अलग हो, लेकिन दिल्ली कैपिटल्स और इसके बाद विश्व कप में मुझे ऐसा करने का पूरा मौक़ा है।"
स्टॉयनिस चुनौतियों से मुकरने वाले खिलाड़ी नहीं हैं और पिछले कुछ बिग बैश लीग सीज़न में उन्होंने स्टार्स के लिए बतौर ओपनर काफ़ी प्रभावित किया है। लेकिन नंबर पांच और सात के बीच ऑस्ट्रेलिया और दिल्ली के लिए खेलते हुए उनके आंकड़े बताते हैं कि उनकी तुलना बेहतरीन फ़िनिशर्स से की जा सकती है।
पिछले तीन साल में टी20 अंतर्राष्ट्रीय मुक़ाबलों में निचले मध्य क्रम की बल्लेबाज़ी में स्ट्राइक रेट और बाउंड्री प्रतिशत में स्टॉयनिस से सिर्फ़ कायरन पोलार्ड और मोहम्मद नबी के आंकड़े हैं। उनके लगभग साथ हैं भारत के हार्दिक पंड्या और साउथ अफ़्रीका के डेविड मिलर और वेस्टइंडीज़ के निकोलस पूरन से वो काफ़ी आगे हैं। अगर इन मापदंडों को आईपीएल में लागू किया जाए तो सिर्फ़ आंद्रे रसेल, हार्दिक, पोलार्ड और रवींद्र जाडेजा उनसे आगे हैं।
इन आंकड़ों के बावजूद ये कहना बेमानी होगी कि ऑस्ट्रेलिया के विश्व कप टीम में स्टॉयनिस पांच या छह नंबर पर अवश्य खेलते नज़र आएंगे। आईपीएल जब मई में स्थगित हुआ था तो बबल जीवन से थक कर वापस घर चले गए थे और आने वाले दौरों से अपना नाम हटा लिया था।
लेकिन घर में परिवार के साथ समय बिताते हुए वह गेम को मिस करने लगे। उन्होंने कहा, "टीम को खेलते हुए देखना और कुछ ना कर पाना एक अजीब अनुभव था। मुझे लगभग दो महीने लगे ये तय करने में कि कहीं मेरा फ़ैसला ग़लत तो नहीं था? लेकिन मैं अब सोचता हूं ब्रेक लेना बिलकुल सही था। मैं पुनः खेलने के लिए तैयार हूं और मेरी प्रशिक्षण भी अच्छी रही है।"
स्टॉयनिस को देख कर ऐसा ज़रूर लगता होगा कि ये इंसान मज़ाक़िया है और फ़ैशन पर काफ़ी ज़्यादा ध्यान देता है, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई टीम में शायद ही कोई उनके जितना मेहनत करता है। पिछले कुछ महीनों में उन्होंने तीन अलग बल्लेबाज़ी कोचों के साथ काम किया - उनके व्यक्तिगत मेंटॉर नील होल्डर, वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के हेड कोच ऐडम वोजेस और बल्लेबाज़ी कोच बो कैसन।
खेल की बारीक़ियों के अलावा स्टॉयनिस खेल के मानसिक दृष्टिकोण को भी सुदृण करना चाहते हैं। इस सिलसिले में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के रग्बी टीम के साथ जुड़े डेव डिगल और औसी रूल्स फ़ुटबॉल में एसेंडन टीम के मेंटल परफ़ॉरमेंस कोच डेविड रीड की मदद ली है। होटल क्वारंटीन में उन्हें ऐसे कोचों के बताए तरीक़ों को अमल में लाने का भरपूर समय मिला, भले ही इससे वो अपने दोस्त ऐडम ज़ैंपा के लिए उपहास का पात्र बने।
वो कहते हैं, "प्रत्योक्षकरण (विशुअलाईज़ेशन) के लिए मैं यहां अपने कमरे में पैड पहनकर तैयार रहता हूं। अगर मैं सोचूं तो मेरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तब आते हैं जब मेरी तैयारी और प्रत्योक्षकरण दोनो सटीक हों।"
"एक दूसरी चीज़ जिसपर मैंने ध्यान दिया है वह है कि आप अपने खेल पर समर्पित रहें और फल की चिंता ना करें। मुझे ऐसा लगता है कि मैं अब निडर होकर खेल सकता हूं।"
निडर होना टी20 क्रिकेट में फ़िनिशर के लिए एक बड़ी ख़ूबी है। हाल ही में सीपीएल के एक मैच में पोलार्ड ने अपनी पहली दो गेंदों पर छक्के लगाए और आख़िरकार 22 गेंदों पर 51 की मैच जिताऊ पारी खेली।
यह एक जगह है जहां स्टॉयनिस को अपने गेम में सुधार लाना है। अप्रैल 2018 के बाद से न्यूनतम 1000 टी20 रन बनाने वाले खिलाड़ियों के पहले 10 गेंदों के स्ट्राइक रेट को अगर देखा जाए तो स्टॉयनिस 29वीं स्थान पर आते हैं। स्टॉयनिस का स्ट्राइक रेट है 137.07 और टॉप फ़िनिशर्स का ये आंकड़ा 160 का होता है। स्टॉयनिस का कहना है कि अगर बल्लेबाज़ अपने प्लान पर विश्वास रखता है और कोच और टीम के साथीयों के बीच संपर्क बनाए रखता है तो ये बड़ी चुनौती नहीं है। उनका सौभाग्य है कि दिल्ली के कोच रिकी पोंटिंग और उनके संबंध बहुत अच्छे हैं।
पोंटिंग ने हाल ही में सेन रेडियो को कहा, "मैं जितना मार्कस को जानने लगा हूं मुझे लगता है उनकी सोच में गहराई है। इसीलिए मैं उन्हें बहुत कुछ नहीं बताता। मैंने उन्हें यह साफ़ बता दिया है कि दिल्ली की टीम में उनकी भूमिका क्या है। वह बहुत मेहनती खिलाड़ी हैं जो कभी भी बल्ले और गेंद से खेल को प्रभावित कर सकते हैं। अगर उनके मन में यह साफ़ रहे कि टीम उनसे क्या अपेक्षा करती है तो वो तैयार रह सकते हैं।"
स्टॉयनिस पोंटिंग को जीनियस से कम नहीं मानते, और कहते हैं, "ये क्रिकेट की बात नहीं है। वो लोगों से बात करने के मामले में भी जीनियस हैं। वो मुझे समझते हैं और सही समय पर सही चीज़ बोलना जानते हैं। मैच के दौरान मैं डगआउट में बैठे उन्हें बताता हूं कि मेरी रणनीति क्या होगी और वो मुझे टाइमआउट के दौरान समझाते हैं कि आख़िर में हम किस गेंदबाज़ को टारगेट कर सकते हैं।"
यूएई में स्टॉयनिस गेंद से भी प्रभाव डालना चाहते हैं हालांकि दुबई पहुंचने से पहले उन्हें पीठ में चोट आई है। लेकिन वो यह मानते है कि पिछले तीन साल के मुक़ाबले ज़्यादा गेंदबाज़ी उन्होंने पिछले तीन महीनों में की है।
वह कहते हैं, "मुझे पता है बल्लेबाज़ मुझपर निशाना साधते हैं। लेकिन मैं बल्लेबाज़ होने के नाते उनके प्लान समझ सकता हूं। मेरा इरादा है उनसे छोटी सी ग़लती करवाने का। आईपीएल के द्वारा मैंने कई चीज़ें सीखी हैं, जैसे ग्रिप में छोटे बदलावों से कैसे गेंदबाज़ी में विविधता लाई जाए।"
स्टॉयनिस के लिए यूएई में दो लक्ष्य हैं, दिल्ली को पहली आईपीएल ट्रॉफी जिताना और फिर ऑस्ट्रेलिया के लिए भी टी20 विश्व कप पर पहली बार कब्ज़ा पाने में अहम भूमिका निभाना।
वह कहते हैं, "इस टूर्नामेंट में हमें निडर हो कर खेलना है। हमारे पास खोने को कुछ नहीं है। हमें आज़ादी और उत्साह से खेलना है। इस टीम में इतने प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं कि हम कुछ ख़ास कर गुज़र सकते हैं।"
एलेक्स मल्कम ESPNcricinfo में एसोसिएट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।