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तेज़ गति है कुलदीप की सफलता की चाबी

इस युवा स्पिनर ने कोलकाता के ख़िलाफ़ 14 रन देकर चार विकेट अपने नाम किए

पुनर्जागरण अभी भी जारी है, उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी में नए गुर जोड़े हैं। वह काफ़ी आत्मविश्वास में नज़र आ रहे हैं। इसके साथ ही वह लगातार मैच जिताऊ स्पेल डाल रहे हैं। कुलदीप यादव ने इस सीज़न में पहले भी अपनी पुरानी फ़्रैंचाइज़ी कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ उम्दा गेंदबाज़ी की थी और गुरुवार को भी उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी के बलबूते पूरी टीम को 146 रन पर रोकने में सबसे अहम भूमिका निभाई। कुलदीप ने तीन ओवर में 14 रन देकर चार विकेट अपने नाम किए।
कुलदीप लगातार अपनी गेंदबाज़ी से यह दर्शा रहे हैं कि आख़िर क्यों वह टी20 विश्व कप में भारतीय टीम के सदस्य बनने के क़ाबिल हैं। कुलदीप की क़ामयाबी में उनकी मानसिक मज़बूती और स्पष्ट रणनीति साफ़ तौर पर झलक रही हैं।
गुरुवार को कोलकाता नाइट राइडर्स के विरुद्ध मैच के बाद कुलदीप ने ब्रॉडकास्टर स्टार स्पोर्ट्स से कहा, "(पहले की तुलना में) मैं शायद एक बेहतर गेंदबाज़ बन गया हूं। हालांकि एक बात तय है कि मैं मानसिक तौर पर काफ़ी मज़बूत हो गया हूं। ज़िंदगी में असफलता का सामना करने पर आप ग़लतियों से सीखते हो। मैंने इस पर काम किया हैं और अब मुझे असफलता का कोई डर नहीं है।"
कुलदीप ने इस सीज़न में दूसरी बार एक मैच में चार विकेट लिए हैं, जिससे आठ मैचों में उनके खाते में 17 शिकार हो गए हैं। कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ झटके चार विकेटों में कुलदीप ने श्रेयस अय्यर, आंद्रे रसल और सुनील नारायण के विकेट लिए। अपने पहले ओवर में डेब्यू कर रहे बाबा इंद्रजीत को आउट करने के बाद अगली ही गेंद पर कुलदीप ने नारायण को चलता कर दिया। इसके बाद 13वां करने आए कुलदीप ने श्रेयस को आउट कर दिया। कोलकाता की बल्लेबाज़ी की सबसे अहम कड़ी रसल को भी तीन गेंद खेल कर बिना खाता खोले हुए ही पवेलियन की राह पकड़नी पड़ी। मैच के बाद कुलदीप ने कहा कि उन्हें सबसे ज़्यादा अच्छा रसल की विकेट लेने के बाद महसूस हुआ, क्योंकि उन्होंने रसल को आउट करने की रणनीति बनाई हुई थी।
कुलदीप आईपीएल 2019 तक 19.43 की औसत और 7.32 की इकॉनमी के साथ कोलकाता के लिए सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे, लेकिन 2020 में खेले पांच मुक़ाबलों में वह केवल एक विकेट ही ले पाए, जिसके बाद उन्हें ड्रॉप कर दिया गया। 2021 के सीज़न के पहले चरण में उन्हें एकादश का हिस्सा नहीं बनाया गया जबकि दूसरे चरण में घुटने में लगी चोट के बाद वह बाहर हो गए।
कुलदीप ने कहा, "मैं अपनी गेंदबाज़ी का लुत्फ़ उठा रहा हूं। मैं इसके बारे में अधिक नहीं सोचता कि बल्लेबाज़ क्या करेगा? मैंने भी रन ख़र्च किए हैं। हर बार गेंद सटीक लेंथ पर नहीं रही है, लेकिन मैं हमेशा सही लेंथ पर गेंद करने के लिए प्रयासरत रहता हूं।"
इस सीज़न में कुलदीप ने अपनी गेंदबाज़ी में ऐसे क्या बदलाव किए हैं, जिस वजह से वह बल्लेबाज़ों को अपनी फिरकी के जाल में फंसा रहे हैं? वह तुलनात्मक रूप से तेज़ गेंद डाल रहे हैं। आईपीएल 2021 तक वह 81.9 किमी प्रति घंटे की गति से गेंदें डाल रहे थे, जबकि इस सीज़न गेंद की रफ़्तार 86.6 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई है। न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान और बाएं हाथ के स्पिनर डैनियल वेटोरी के मुताबिक़ गेंद की गति में परिवर्तन से कुलदीप को काफ़ी फ़ायदा पहुंचा है।
वेटोरी ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के विशेष शो टी20 टाइम-आउट में कहा, "अधिक रेव्स का मतलब है कि आपके हाथ की स्थिति और आपके रिलीज़ प्वाइंट सही है और इससे आप क्रीज़ पर अधिक ऊर्जा लाते हैं। दिग्गज शेन वॉर्न ने इस बारे में बात की है कि क्रीज़ पर आपकी ऊर्जा से आपको गेंद में अधिक स्पिन मिलती है।"
वेस्टइंडीज़ के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ इयन बिशप का भी मानना है कि गेंदों को अधिक गति से डालने की वजह से इस सीज़न में कुलदीप को फ़ायदा मिल रहा है। बिशप ने कहा, "विराट कोहली ने यज़ुवेंद्र चहल से तेज़ गति से गेंदें डालने के लिए कहा था, जैसा कि विश्व क्रिकेट में राशिद ख़ान और इमरान ताहिर जैसे गेंदबाज़ करते हैं। मुझे लगता है कि भारतीय टीम उनसे ऐसा करवाना नहीं चाहती थी, लेकिन मुझे इसकी जानकारी नहीं है कि उन्होंने वैसा किया है या नहीं।"बिशप ने कहा, "कुलदीप यह बात समझ चुके हैं कि इस फ़ॉर्मेट में सफल होने के लिए उन्हें गेंद में टर्न के साथ-साथ तेज़ी भी लानी होगी। मुझे लगता है कि यह एक अच्छी योजना है।"
चहल और कुलदीप एक समय पर भारतीय टीम का अहम हिस्सा हुआ करते थे। कुल-चा की जोड़ी ने भारतीय टीम को कई मुक़ाबले भी जिताए। इस सीज़न में दोनों ही गेंदबाज़ अपनी-अपनी टीमों के लिए उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं।
अपने मित्र चहल के बारे में बताते हुए कुलदीप ने कहा, "मेरे और चहल के बीच में कोई प्रतियोगिता नहीं है। वह मेरे बड़े भाई जैसा है और उसने मुझे प्रोत्साहन दिया है। जब मैं चोटिल था तब भी वह मुझसे लगातार बातचीत करता था। मैं दिल से चाहता हूं कि वह (चहल) पर्पल कैप जीते क्योंकि पिछले चार सालों में उसने बढ़िया गेंदबाज़ी की हैं।"

श्रुति रवींद्रनाथ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो में एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।