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कमज़ोरी पर पाया पार और दी अपनी ताक़त को धार, जानिए कैसे गुजरात हुई विजयरथ पर सवार

मिलर का बेजोड़ प्रदर्शन, हार्दिक का हरफ़नमौला खेल और राशिद के खेल आगे हुए सब फ़ेल

Hardik Pandya is the third player to win the IPL title in his first season as captain, Gujarat Titans vs Rajasthan Royals, IPL 2022, final, Ahmedabad, May 29, 2022

गुजरात को भाग्य का भी भरपूर साथ मिला  •  PTI

आईपीएल की नीलामी के बाद गुजरात टाइटंस के दल को लेकर ज़ाहिर की गई चिंता अनुचित नहीं थी लेकिन दस टीमों वाले इस टूर्नामेंट में सभी टीमों के साथ कुछ क्षेत्रों में समस्या थी। हालांकि अन्य टीमों की तुलना में गुजरात की टीम ने अपने कमज़ोरियों पर काबू पाने के साथ-साथ अपनी ताक़त का भी बखूबी सदुपयोग किया, जिस वजह से गुजरात अपने पहले ही सीज़न में ट्रॉफ़ी अपने नाम करने में क़ामयाब हो गई।
दो महीने तक चले इस टूर्नामेंट में गुजरात के अहम खिलाड़ियों ने समय रहते और सही अवसर पर अपनी लय प्राप्त कर ली, जिससे टीम को काफ़ी फ़ायदा हुआ और गुजरात लगातार विजय रथ पर सवार रही।
मिलर का बेजोड़ प्रदर्शन
नीलामी के बाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो की पैनल चर्चा के दौरान डैनियल वेटोरी और वसीम जाफ़र ने जब गुजरात का संभावित एकादश बनाया तब दोनों ने ही डेविड मिलर को अपने एकादश में शामिल करने की ज़हमत नहीं उठाई। हालांकि यह आईपीएल से जेसन रॉय की विदाई से पहले की बात है, लेकिन इसके बावजूद मिलर के आईपीएल में पिछले प्रदर्शनों को देखते हुए पैनल के सदस्यों के पास मिलर को अपने एकादश में चुनने की कोई वजह नहीं थी।
इस सीज़न के इतर, 2016 से 2021 तक आईपीएल में कम से कम 500 गेंदों का सामना करने वाले बल्लेबाज़ों में सबसे कम 118.65 का स्ट्राइक रेट मिलर का ही है। ज़ाहिर है इसे देखते हुए किसी ने यह अंदाज़ा नहीं लगाया होगा कि मिलर इस सीज़न को जब समाप्त करेंगे तब उनकी झोली में 68 की औसत और 142.72 के स्ट्राइक रेट से 481 रन होंगे।
हरफ़नमौला हार्दिक
हार्दिक पंड्या ने पिछले दो सीज़न में गेंदबाज़ी नहीं की थी, लिहाज़ा सीज़न की शुरुआत से पहले गुजरात की टीम इस असमंजस में ज़रूर रही होगी कि हार्दिक मुक़ाबलों के दौरान गेंदबाज़ी का अतिरिक्त भार संभाल पाएंगे या नहीं? हालांकि इस सीज़न खेले कुल 15 मुक़ाबलों में से दस मुक़ाबलों में हार्दिक ने गेंदबाज़ी की। सीज़न की समाप्ति होने पर हार्दिक के खाते में कुल आठ विकेट थे जो कि उन्होंने 27.75 की औसत और 7.27 की इकॉनमी के साथ गेंदबाज़ी करते हुए लिए थे।
बल्ले के साथ भी हार्दिक नई भूमिका में नज़र आए। उन्होंने नंबर चार पर एंकर को रोल अदा किया और सीज़न की समाप्ति के बाद वह 487 रनों के साथ गुजरात के लिए सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी बन गए।
हार्दिक के प्रदर्शन ने टीम के प्रदर्शन पर भी छाप छोड़ा। गुजरात का शीर्ष क्रम इस सीज़न के सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाले शीर्ष क्रम में रहा। हालांकि इसके बावजूद गुजरात का शीर्ष क्रम शायद ही धराशाई हुआ। गुजरात के नंबर पांच और नंबर छह के बल्लेबाज़ों ने किसी भी अन्य टीमों के मुक़ाबले सबसे अधिक 493 गेदें खेलीं। इनमें से उन्होंने 13 प्रतिशत गेंदें ही दस ओवर से पहले खेली। सिर्फ़ सनराइज़र्स हैदराबाद (12 फ़ीसदी) और राजस्थान रॉयल्स (9 फ़ीसदी) के पांचवें व छठे नंबर के बल्लेबाज़ों ने इस चरण में गुजरात के बल्लेबाज़ों के मुक़ाबले कम गेंदें खेली।
हार्दिक ने गेंद के साथ जो अतिरिक्त भार अपने कंधों पर लिया इस वजह से राहुल तेवतिया को गेंदबाज़ी क्रीज़ से बचाने का मौक़ा भी गुजरात को मिल गया। चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ मुक़ाबले से पहले जब हार्दिक पंड्या चोटिल हो गए, तब गुजरात ने उनकी जगह बल्लेबाज़ को एकादश में शामिल करने बजाय एक अतिरिक्त गेंदबाज़ को मैदान में उतारा और राशिद ख़ान से नंबर सात पर बल्लेबाज़ी कराने का फ़ैसला किया। गुजरात की टीम शेष सीज़न में इसी कॉम्बिनेशन के साथ मैदान में उतरी।
राशिद का करामात
बल्ले के साथ राशिद का परीक्षण पहले ही मैच में हो गया जब उन्हें सातवें पायदान पर बल्लेबाज़ी के लिए भेजा गया। जब वह बल्लेबाज़ी के लिए आए तब गुजरात का स्कोर 87 रन पर पांच विकेट था और उन्हें जीत के लिए 44 गेंदों में 83 रनों की दरकार थी। राशिद ने 11 गेंदों पर 31 रनों की धुआंधार पारी खेल कर यह जता दिया कि वह बल्ले के साथ भी टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं।
बल्ले के अलावा गेंद के साथ भी राशिद ने कमाल का प्रदर्शन दिखाया। डेथ ओवर्स में युज़वेंद्र चहल (78) और वनिंदु हसरंगा (36) ने या तो राशिद द्वारा फेंकी गई 36 गेंदों के बराबर या उनसे अधिक गेंदें डाली थीं। लेकिन क्रमशः इन दोनों की ही 9.46 और 7.33 के मुक़ाबले राशिद ने इस चरण में महज़ 6.83 रन प्रति ओवर ही रन ख़र्च किए। राशिद के इन प्रयासों की बदौलत गुजरात की टीम ने सीज़न में किसी अन्य टीम के मुक़ाबले डेथ ओवर में सबसे किफ़ायती गेंदबाज़ी की।
पावरप्ले में दिखा शमी का जौहर
पहली ही गेंद पर टेस्ट मैचों के अंदाज़ में केएल राहुल का विकेट जब मोहम्मद शमी ने हासिल किया था तब यह पावरप्ले में इस सीज़न उनके द्वारा लिए गए कुल 11 विकेटों में पहला विकेट था। इस चरण में वह संयुक्त रूप से सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। चेन्नई सुपर किंग्स के तेज़ गेंदबाज़ मुकेश चौधरी ने भी पावरप्ले के दौरान 11 विकेट अपने नाम किए लेकिन मुकेश चौधरी की 8.53 की इकॉनमी के सामने शमी की 6.62 की इकॉनमी की बात जुदा है।
एक तरफ़ जहां शमी ने पावरप्ले में बल्लेबाज़ों को बांध कर रखा लेकिन दूसरी तरफ़ लॉकी फ़र्ग्युसन और यश दयाल ने पावरप्ले में क्रमशः 8.33 और 9.33 की इकॉनमी से रन लुटाए हालांकि उन्होंने भी क्रमशः छह और पांच विकेट अपने नाम किए।
भाग्य का भी मिला साथ
चेन्नई के ख़िलाफ़ मिली एक नाटकीय अंदाज़ में जीत के बाद मिलर ने कहा था, "हम छह में से चार मुक़ाबले हार सकते थे लेकिन हमें पांच मुक़ाबलों में जीत मिली है। क़िस्मत का तराजू हमारे पक्ष में झुका है।" क़रीबी मुक़ाबले में परिणाम किसी भी पक्ष में घूम सकते हैं, लेकिन टूर्नामेंट के शुरुआती दिनों में गुजरात को भाग्य का भरपूर साथ मिला। ख़ास तौर पर जब पंजाब किंग्स के ख़िलाफ़ खेले गए मैच के दौरान ओडीन स्मिथ ने अंतिम ओवर में एक ग़ैरज़रूरी ओवरथ्रो किया और नतीजतन गुजरात की जीत उम्मीदों को गणीतिय तौर पर बरक़रार रख दिया। अंतिम दो गेंदों में जीत के लिए 12 रन चाहिए थे और तेवतिया ने दो छक्के जड़ कर मुक़ाबला गुजरात के नाम कर दिया।
न सिर्फ परिणाम बल्कि टॉस के दौरान भी गुजरात को क़िस्मत का खूब साथ मिला। 16 मुक़ाबलों में दस बार टॉस का सिक्का गुजरात के पक्ष में घूमा। गुजरात के अलावा सिर्फ़ हैदराबाद (14 में 10) और मुंबई इंडियंस (14 में 9) ही टॉस के मामले में गुजरात से अधिक भाग्यशाली रहे।
राजस्थान रॉयल्स जो कि टॉस के मामले में इस सीज़न में सबसे दुर्भाग्यशाली रहे थे। उन्होंने फ़ाइनल मुक़ाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला कर लिया। वह भी तब जब दूसरे क्वालीफ़ायर में उसी मैदान पर राजस्थान ने लक्ष्य का पीछा करते हुए मुक़ाबला जीता था। पहले क्वालीफ़ायर में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए उन्हें गुजरात के हाथों हार मिली थी। सबसे अहम बात यह कि गुजरात ने लक्ष्य का पीछा करते हुए आठ मुक़ाबलों में सात मुक़ाबले जीते थे जबकि पहले बल्लेबाज़ी करते हुए सात मुक़ाबलों में चार मुक़ाबालों में ही उन्हे जीत हासिल हुई थी। गुजरात ने आईपीएल के इतिहास में एकतरफ़ा मुक़ाबलों में से एक मुक़ाबले में जीत दर्ज कर ली और लक्ष्य का पीछा करते हुए उन्होंने अपना आठवां मुक़ाबला जीत लिया।

कार्तिक कृष्णास्वामी ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा ने किया है।