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फ़ीचर्स

शौकीन और कार्तिकेय ने दिखाया मुंबई का भविष्य

दोनों युवा स्पिनरों ने मध्य ओवरों में राजस्थान के बल्लेबाज़ों को बांधकर रखा

मध्‍य ओवरों में राजस्‍थान के बल्‍लेबाजों को बांधने में सफल रहे शौकीन  •  BCCI

मध्‍य ओवरों में राजस्‍थान के बल्‍लेबाजों को बांधने में सफल रहे शौकीन  •  BCCI

मुंबई इंडियंस को इस सीज़न की पहली जीत आख़िरकार स्पिन के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के ख़िलाफ़ स्पिन के साथ से ही मिली। इस मैच में आते हुए राजस्थान रॉयल्स ने 9.36 रन प्रति ओवर स्पिन के ख़िलाफ़ बनाए थे और 62.85 के औसत से रन बनाते हुए केवल सात विकेट स्पिन के ख़िलाफ़ गंवाए थे, जो इस आईपीएल में 10 टीमों में सर्वश्रेष्ठ है। इस मैच में मुंबई के स्पिनरों का कुल अनुभव सिर्फ़ 10 टी20 मैच था।
ऋतिक शौकीन ने ऑफ़ स्पिन मनिंदर सिंह से सीखा है। वह दल के साथ तो थे लेकिन उन्होंने इस सीज़न अपना टी20 पदार्पण किया। बाएं हाथ के कलाई के स्पिनर कुमार कार्तिकेय ने मध्य प्रदेश के लिए केवल आठ मैच खेले हैं। वह दल में एक खिलाड़ी के स्थानापन्न के तौर पर जुड़े और कोचिंग स्टाफ़ को नेट्स पर बेहद प्रभावित किया। इससे उन्हें आईपीएल में पदार्पण करने का मौक़ा मिल गया।
आख़िर में दोनों ने अच्छा प्रदर्शन किया और अनुभवी आर अश्विन और युज़वेंद्र चहल की मेहनत पर पानी फेर दिया। रॉयल्स के स्पिनरों के मध्य ओवरों में उच्च रन रेट के उलट शौकीन और कार्तिकेय ने अहम काम किया। दोनों को ही पिच से मदद मिल रही थी, लेकिन दोनों के लिए उससे अहम इस मैच में अहम प्रदर्शन करना था। शौकीन मुख्यत: गेंद को डिप और ड्रिफ्ट कराकर फंसाते हैं। बल्लेबाज़ उन्हें मारने आगे आते हैं और वह गेंद को थोड़ा पहले डाल देते हैं। अपने तीसरे ही टी20 मैच में शौकीन ने तीन छक्के खाए, लेकिन दिखाया कि उनके साथ काम करने के लिए बहुत कुछ है।
ख़ुद एक अच्छे उंगलियों के स्पिनर रहे और अभी टी20 कोच वेटोरी को भी यही लगता है।
उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के शो टी20 टाइम आउट में कहा, "उनकी सीम रिलीज़ अच्छी है, जो आप एक ऑफ़ स्पिनर से उम्मीद करते हैं। इसके साथ जो होगा वह होगा विविधताएं और बल्लेबाज़ों को गेंदबाज़ी करने की समझ, क्रीज़ का उपयोग, राउंड और ओवर द विकेट का उपयोग, लेकिन मुझे लगता है कि उसका एक उज्ज्वल भविष्य है।"
"सीम पॉजिशन को सही रखना बेहद मुश्किल होता है। यह ड्रिफ्ट लाता है, डिप लाता है। ऐसे में यह केवल बायें हाथ के बल्लेबाज़ों को ही नहीं हर बल्लेबाज़ों के लिए चुनौतीपूर्ण बन जाता है। वह इस तरह के गेंदबाज़ होंगे जिसका मैच अप दायें और बायें दोनों हाथ के बल्लेबाज़ों के साथ बनेगा। इसके अतिरिक्त वह बल्लेबाज़ी भी कर सकते हैं। मुंबई इंडियंस का स्काउट बहुत अच्छा रहा है, लगता है उन्हें एक और अच्छा खिलाड़ी मिल गया है।"
मुंबई की ही तरह शौकीन पर भी मुसीबत आ पड़ी थी। 16वें ओवर में जॉस बटलर ने उन पर हाथ खोलने का फ़ैसला किया और उन्होंने तीन छक्के खा​ लिए, लेनिक इसके बाद उन्होंने रक्षात्मक गेंदबाज़ी का निर्णय किया।
वेटोरी ने उस ओवर के बारे में कहा, "यह एक बहुत ही सक्षम, अनुभवहीन गेंदबाज़ की तरह लग रहा था जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक को गेंदबाज़ी कर रहा था। तो परिपक्वता और अनुभव से वह समझेंगे कि बटलर उन्हें पहली गेंद पर ही छक्का लगाने जा रहे हैं। ऐसा लग रहा था कि वह उन्हें आउट करने के लिए एक सटीक गेंद डालने का प्रयास कर रहे थे।"
अनुभव के साथ शौकीन निश्चित रूप से टी20 में उंगलियों के स्पिनरों की सीमाओं के बारे में अधिक सतर्क हो जाएंगे।
अश्विन को उन्होंने शायद बाद में देखा भी होगा कि कब ओवर से बाहर निकलना है और कब विकेट के लिए जाना है। जब आप कैरम बॉल नहीं डालते हो तो उंगलियों के स्पिनर होने के नाते आपकी ऑफ़ स्पिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तो आपकी दोस्त होती है, लेकिन यहां आपकी दुश्मन बन सकती है।
कलाई के स्पिनरों को अपूर्णता के फ़ायदे मिलते हैं। उनके लिए एक ही रिलीज़ से गेंदबाज़ी करना मुश्किल होता है, तो हर बार कुछ अंतर आता है। तो विविधताओं के अलावा, अपूर्णता अप्रत्याशितता पैदा करती है। यही कार्तिकेय के लिए काम किया जब उन्होंने अपने आईपीएल पदार्पण के पहले ओवर की दूसरी गेंद पर ही संजू सैमसन को आउट करा दिया।
हालांकि, कार्तिकेय अपने बैग में विविधता के कई खिलौने भरकर लाए थे। उनके पास सामान्य लेग ब्रेक, गुगली तो थी ही, वह उंगलियों से कैरम बॉल और सीम अप डिलीवरी भी डाल सकते हैं।
वेटोरी ने कहा, "उन्हें समझने के लिए सात गेंद लगी। उनके पास बायें हाथ के गेंदबाज़ की सारी कलाएं हैं। उन्होंने लेग स्पिन से शुरुआत की, कुछ सीम अप गेंद की, इसके बाद वह कैरम बॉल के लिए गए। कुल मिलाकर उन्होंने पिच का अच्छे से इस्तेमाल किया।"
"बल्लेबाज़ ख़राब बॉल का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन उन्होंने कोई ऐसी गेंद हीं दी। मिचेल और बटलर उनके ख़िलाफ़ संघर्ष कर रहे थे। बल्लेबाज़ों ने प्रयास तो किया लेकिन वह क़ामयाब नहीं हुए। हो सकता है कि इसलिए कि वह पहली बार उसे खेल रहे थे लेकिन वह बहुत ही सुसंगत था।"
हर पिच उनकी मदद नहीं करेगी, हर दिन उनके आंकड़े 4-0-19-1 नहीं होंगे, लेकिन यह याद रखना अच्छा होगा कि नौ मैच के करियर में उनका टी20 इकॉनमी छ​ह से नीचे है।
यह नीलामी के बाद ही साफ़ हो गया था कि मुंबई इस बार संघर्ष करेगी, उन्होंने लंबे समय के लिए टीम बनाने के लिए इस बार रिस्क लिया। वह जोफ़्रा आर्चर के लिए गए जबकि उन्हें पता था कि वह इस बार उपलब्ध नहीं होंगे। यह सीज़न शायद जा चुका है, लेकिन उन्हें आर्चर और जसप्रीत बुमराह की तेज़ गेंदबाज़ी जोड़ी के साथ स्पिनरों की जोड़ी मिलने के संकेत मिले हैं।

सिद्धा​र्थ मोंगा ESPNcricinfo में असिस्‍टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।