इस सीज़न में लगातार शुरुआती कुछ मुक़ाबले हारने के बाद सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम ने लगातार पांच मैच जीतकर टूर्नामेंट में उम्दा वापसी की। दूसरी टीमों के परे सनराइज़र्स हैदराबाद ने बल्लेबाज़ी क्रम तैयार करने के बजाय गेंदबाज़ी आक्रामण को तैयार करने पर काम किया जो कि भारतीय गेंदबाज़ों से लैस है। सनराइज़र्स हैदराबाद के मुख्य कोच
टॉम मूडी जो कि आईपीएल में अधिकतर समय तक हैदराबाद के साथ ही रहे हैं उन्होंने हैदराबाद की गेंदबाज़ी आक्रमण को लेकर विस्तृत चर्चा की है।
काफ़ी समय से सनराइज़र्स की गेंदबाज़ी आक्रमण मुख्य तौर पर भारतीय गेंदबाज़ों से लैस रहा है। क्या इस क्षेत्र पर अधिक ध्यान केंद्रित किया गया है?
पिछले कुछ वर्षों में बहुत लोगों ने इस बात को माना है कि टी20 में आप गेंदों का कैसा बचाव करते हैं यह सबसे महत्वपूर्ण है। मैं हमेशा से इस बात में विश्वास रखते आया हूं कि आपके पास पारी के हर चरण में विकेट निकालने की क्षमता होनी चाहिए। इसी बात को ज़हन में रखते हुए इन भूमिकाओं के लिए भारतीय प्रतिभाओं का रुख़ करना काफ़ी अच्छा है।
टीम में विशेष भूमिकाओं को निभाने के लिए आपको मांग और आपूर्ति को ध्यान में रखना होता और इसी आधार पर आप नीलामी के दिन निर्णय लेते हैं। इसलिए हमने 2022 में भी कुछ खिलाड़ियों को वापस अपने साथ जोड़ा। भुवी (
भुवनेश्वर कुमार) ने आईपीएल में और भारत के लिए लंबे अरसे तक अपनी कौशल को लोहा मनवाया है, अभी भी उनके पास अपनी गेंदों से योगदान देने के लिए काफ़ी वर्ष बचे हुए हैं और हमारे पास नट्टू (
टी नटराजन) हैं, जो कि दिन प्रति दिन और भी बेहतर होते जा रहे हैं। हां, उन्हें चोट के साथ भी जूझना पड़ा है, लेकिन वह इससे गुज़रने वाले इकलौते तेज़ गेंदबाज़ नहीं हैं।
नटराजन ने ऑन-डिमांड ख़ुद को यॉर्कर विशेषज्ञ के तौर पर विकसित किया है। क्या वह हमेशा से ऐसे थे?
जब वह तमिलनाडु के लिए खेल रहे थे, हम उसी वक़्त से उन्हें एक यॉर्कर विशेषज्ञ के तौर पर जानते थे। वहां (टीएनपीएल) उन्होंने क़ामयाबी भी हासिल की थी। हालांकि हमारे साथ उनके शुरुआती कुछ वर्षों में प्रदर्शन के लिहाज़ से घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में काफ़ी फ़र्क था, लेकिन इसका सारा श्रेय उन्हें ही जाता है कि उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी पर काफ़ी काम किया। उन्होंने उन स्किल्स पर बखूबी मेहनत की जो कि उनके पास शुरु से ही थी। उन्हें सिर्फ़ अपनी कुशलता की धार को सिर्फ़ तेज़ करने की ज़रूत थी ताकि वह आईपीएल और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन में निरंतरता प्राप्त कर सकें।
नट्टू ने अपने कौशल को निखारने और तेज़ गेंदबाज़ के रूप में खुद के प्रति प्रतिबद्ध और प्रमाणिक बने रहने में बेहतर और बेहतर किया है। उन्होंने कुछ अलग करने का प्रयास नहीं किया है, वह जिसमें अच्छे हैं उसमें वह परिपूर्ण हो गए हैं।
आपने कई भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों को बैक किया है, ख़लील अहमद, बासिल थम्पी, संदीप शर्मा, नटराजन, भुवनेश्वर, उमरान मलिक... सूची काफ़ी लंबी है। आप अपनी स्काउटिंग प्रक्रिया के बारे में हमें बताइए। स्काउटिंग महत्वपूर्ण है लेकिन ऐसा बहुत कम ही होता है जब आप किसी छुपे हुए रत्न को दुनिया के सामने लान पाते हैं। हम बेहद भाग्यशाली हैं कि हम उमरान मलिक के साथ ऐसा कर पाने में क़ामयाब हो पाए, लेकिन ऐसे उदाहरण दुर्लभ होते हैं। हमने कुछ वैसा ही अब्दुल समद के साथ भी किया था, जो कि उसी राज्य (जम्मू-कश्मीर) से आते हैं। हमने नेट पर गेंदबाज़ी के ज़रिए उमरान को पहला मौक़ा दिया था और बाक़ी अपने आप में इतिहास है। उस क्षमता के खिलाड़ियों की वास्तविक ख़ोजकर पाना वाक़ई दुर्लभ है।
उमरान मलिक के गेंदबाज़ी करते वक़्त विकेटकीपर और स्लिप के फ़ील्डरों को 30 यार्ड घेरे की रेखा पर खड़ा होता देख आपको ज़रूर अच्छी अनुभूति होती होगी?
देखिए, सिर्फ़ मैं ही नहीं पूरा क्रिकेट जगत उमरान की रफ़्तार से काफ़ी प्रभावित है। अगर आप दूसरे छोर पर नहीं हैं तो किसी गेंदबाज़ को 150 किमी की रफ़्तार से गेंदबाज़ी करते देखने से अच्छा कुछ भी नहीं है।उमरान ने अब तक बेहद ही उम्दा प्रदर्शन किया है। उन्हें यह पता है कि उनकी यात्रा अभी शुरू ही हुई है और किसी भी दूसरे क्रिकेटर की तरह उन्हें आगे कई चुनौतियों का सामना करना होगा। उन्हें डेल स्टेन जैसा मेंटोर मिला है। वह कड़ी मेहनत करने वाला बच्चा है। सनराइज़र्स में उनके आसपास एक मज़बूत यूनिट है। ऐसे में उनके और भारतीय क्रिकेट के लिए आगे अभी बहुत कुछ रखा हुआ है।
भारत के कई तेज़ गेंदबाज़ चोट की वजह से गति के बजाय लाइन और लेंथ की ओर चले गए।
मुझे नहीं लगता कि वह कभी लाइन लेंथ वाले गेंदबाज़ बनेंगे। उनका जन्म फ़रारी के लिए हुआ है और वह फ़रारी ही दौड़ाएंगे(हंसते हुए)। किसी भी दूसरे तेज़ गेंदबाज़ों की तरह ही उन्हें चुनौतियों का सामना करना होगा, वह चोटिल भी होंगे, लेकिन अब तेज़ गेंदबाज़ों के शुरुआती दौर की आक्रामकता और उन्हें प्रतिबंधित करने का ज्ञान पहले मुक़ाबले अब काफ़ी बेहतर है। सिर्फ़ यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि उन्हें सही मार्गदर्शन मिले, उनकी सही मेंटॉरिंग हो और वह ऐसे लोगों से घिरे रहें जो कि उनके लिए चीज़ों को जटिल न बनाएं। सनराइज़र्स हैदराबाद का हिस्सा होने के तौर पर मैं और स्टेन पूरे वर्ष कुछ प्रमुख लोगों के साथ घरेलू स्तर से लेकर उच्च स्तर तक संवाद करने का प्रयास करेंगे।
आपको पिछले सीज़न के मुक़ाबले इस बार उमरान में क्या सुधार नज़र आया है?
मैंने इस सीज़न में खेले मुक़ाबलों में उमरान में सुधार देखा है। उन्हें खर्चीला होने के कारण नकारात्मक फ़ीडबैक मिल रहे थे। शुरुआती कुछ मुक़ाबलों में उनकी इकॉनमी काफ़ी ज़्यादा थी, लेकिन मुझे लगता है लोगों को यह बात समझनी चाहिए कि छोटे प्रारूपों में जब आपके पास गति होती है तो आपका खर्चीला होना स्वभाविक है। आपको यह स्वीकारना होगा आपकी इकॉनमी ज़्यादा रहेगी, लेकिन इसके बदले में आप विकेट की चाह रखते हैं। उन्हें इकॉनमी अच्छी रखने के बजाय आक्रामकता बरकरार रखने और विकेट निकालने की ओर ध्यान देने के लिए प्रेरित किया गया है।
हम उनका समर्थन करते हैं और उन्हें लगातार मैच और विपक्षी टीम के हिसाब से अपने सुझाव देते रहते हैं। वह लगातार आगे बढ़ रहे हैं, सुधार कर रहे हैं और गेम के प्रति अपनी समझ को बढ़ा रहे हैं क्योंकि वह अभी युवा हैं और उन्हें अभी काफ़ी कुछ सीखना बाक़ी है।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में एडिटोरियल फ़्रीलांसर नवनीत झा (@imnot_nav) ने किया है।