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रणनीति : शमी को कैसे खेला जाए, CSK के श्रीलंकाइयों की चुनौती से कैसे निपटेगा GT

टॉस जीतकर क्या करना सही रहेगा? वो पहलू जहां पर मैच का पासा पलट सकता है

गुजरात टाइटंस ने चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ खेले तीनों मैचों में जीत दर्ज की है। हालांकि अब तक उन्होंने चेपॉक पर एक भी मुक़ाबला नहीं खेला है। वहीं चेन्नई को होम एडवांटेज का लाभ लेना आता है लेकिन गुजरात के पास भी चेपॉक का लाभ उठा सकने वाले स्पिनर्स हैं। दोनों टीमें पहली बार किसी नॉकआउट मुक़ाबले में आमने-सामने हैं, ऐसे में इस मैच को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले अहम पहलुओं का रुख़ करते हैं।
मोहम्मद शमी को कैसे खेला जाए?
गुजरात के लिए खेलते हुए शमी ने चेन्नई के ख़िलाफ़ तीन मैचों में 12 ओवर डाले हैं और 68 रन देकर छह विकेट झटके हैं। डेवन कॉन्वे, शमी के राउंड द विकेट एंगल से परेशान होते हैं और टी20 में शमी ने उन्हें आठ गेंदें डाली हैं, जिसमें कॉन्वे उनका दो बार शिकार हुए हैं और सिर्फ़ तीन रन ही बना पाए हैं। ऋतुराज गायकवाड़ को शमी एक बार भी आउट नहीं कर पाए हैं लेकिन गायकवाड़ ने उनके ख़िलाफ़ 100 से भी कम के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।
ऐसा प्रतीत नहीं होता कि चेन्नई अपने ओपनिंग पेयर के साथ कोई छेड़छाड़ करेगी लेकिन अगर शमी को शुरुआत में सफलता मिल जाती है तो चेन्नई के पास अजिंक्य रहाणे का विकल्प है, जिनका शमी के ख़िलाफ़ रिकॉर्ड अच्छा है। शुरुआत में गेंदबाज़ी करने वाले गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ चेन्नई आक्रामक रणनीति अपना सकती है ताकि वह गुजरात को पावरप्ले के भीतर स्पिनर्स से गेंदबाज़ी कराने पर मजबूर कर सके।
राशिद ख़ान की चुनौती
राशिद ख़ान ने इस सीज़न 7.82 की इकॉनमी से प्रति ओवर रन ख़र्च किए हैं जो कि इस मामले में उनका सबसे महंगा सीज़न रहा है लेकिन इसी सीज़न उन्होंने 24 विकेट भी झटके हैं और पर्पल कैप हासिल करने की दौड़ में शमी के साथ टॉप पर मौजूद हैं। चेन्नई की बल्लेबाज़ी लाइन अप में बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों की भरमार देख, भले ही आपको ऐसा लग रहा हो कि राशिद उनके लिए बड़ी चुनौती सिद्ध नहीं हो पाएंगे लेकिन राशिद, मोईन अली को टी20 में चार बार अपना शिकार बना चुके हैं जबकि रवींद्र जाडेजा उनके ख़िलाफ़ प्रति गेंद एक रन भी नहीं बना पाए हैं।
अगर सबकुछ गुजरात के अनुरूप चलता है तो राशिद मिडिल ओवर्स में तीन ओवर डालेंगे और अंतिम ओवर में डेथ में करेंगे। लेकिन अगर चेन्नई ने अपने प्रदर्शन से उन्हें मजबूर किया तब राशिद को 1-2-1 के फ़ॉर्मूले को अपनाना पड़ सकता है। हालांकि राशिद के सबसे अधिक विकेट टेकिंग सीज़न को देखते हुए चेन्नई, नूर अहमद और मोहित शर्मा पर अधिक आक्रमण करने को देख सकती है। नूर अपने प्रदर्शन से उतने नियमित नहीं रहे हैं और मोहित का गुजरात अंतिम 10 ओवर में इस्तेमाल करते आई है।
क्या जोश लिटल खेलेंगे?
हार्दिक पंड्या पिछले तीन मैचों से गेंदबाज़ी नहीं कर रहे हैं। हो सकता है कि उन्होंने ख़ुद को बतौर गेंदबाज़, प्लेऑफ़ के लिए बचा कर रखा हो। ऐसे में अगर जोश लिटल पूरी तरह से फ़िट नहीं रहते हैं तभी उनके न खेलने की संभावना बनती है। हार्दिक का गेंदबाज़ी न करना भी लिटल को दल में शामिल न करने की वजह है। वैसे लिटल और अभिनव मनोहर या साई सुदर्शन का कॉम्बिनेशन यश दयाल और दासून शानका के कॉम्बिनेशन से बेहतर ही है।
चेन्नई के दो श्रीलंकाई - पथिराना और थीक्षणा
मथीशा पथिराना और महीश थीक्षणा का गुजरात ने एक-एक बार सामना किया है, हालांकि इन दोनों को एक साथ गुजरात के बल्लेबाज़ों ने एक बार भी सामना नहीं किया है। सीज़न के पहले मैच में दोनों ही नहीं खेले थे। पथिराना ने गुजरात के ख़िलाफ़ 3.1 ओवर में 24 रन देकर तीन दो विकेट झटके हैं जबकि थीक्षणा ने चार ओवर में 24 रन देकर दो विकेट झटके हैं।
क्या गुजरात जाडेजा के लिए परेशानी खड़ा कर पाएगा?
अगर पिच में धीमापन और ग्रिप की मौजूदगी रहती है तब जाडेजा मिडिल ओवर्स में निश्चित तौर पर घातक साबित हो सकते हैं। हालांकि उनके साथ एक समस्या यह है कि दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के विरुद्ध गेंदबाज़ी करते हुए उन्होंने 6.24 की इकॉनमी से रन ख़र्च किए हैं लेकिन बाएं हाथ के बल्लेबाज़ जाडेजा के ख़िलाफ़ 8.26 की इकॉनमी से रन बनाते हैं। यही वजह है कि एम एस धोनी अमूमन बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के सामने उन्हें आक्रमण पर लाने से बचते रहे हैं। हालांकि अगर गुजरात, सुदर्शन के साथ नहीं जाता है तब जाडेजा के सामने डेविड मिलर और राहुल तेवतिया की ही चुनौती होगी। लेकिन मिलर ने टी20 में जाडेजा के विरुद्ध 62 गेंदों पर 108 रन बनाए हैं और सिर्फ़ एक बार ही जाडेजा उन्हें आउट कर पाए हैं।
टॉस जीतकर क्या करना सही रहेगा?
पिच के समय के साथ धीमा होने की संभावना को देखते हुए धोनी अमूमन पहले बल्लेबाज़ी के लिए जाते हैं। लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स के ख़िलाफ़ उस मुक़ाबले में बाद में ओस पड़ी और धोनी ने भी चेन्नई की हार में इसे बड़ी वजह मानी। इस सीज़न चेन्नई में खेले गए कुल पांच शाम के मुक़ाबलों में तीन बार पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम जीती है। लेकिन एक अहम मैच में टॉस जीतने वाली टीम ओस को नज़रअंदाज़ करने का जोख़िम उठाना चाहेगी?

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के असिसटेंट एडिटर हैं।