जब मुंबई इंडियंस ने आईपीएल ट्रेडिंग विंडो में गुजरात टाइटंस से
हार्दिक पंड्या को ट्रेड किया तो उनका प्लान साफ़ था।
2024 सीज़न के लिए हार्दिक को कप्तान बनाए जाना कोई चौंकाने वाला फ़ैसला नहीं था। वह
रोहित शर्मा की जगह कप्तान बने जो एमएस धोनी के साथ आईपीएल इतिहास के सबसे सफल कप्तान हैं। चौंकाने वाली बात यह थी कि हार्दिक को लेने के बाद मुंबई इंडियंस ने 20 दिनों के बाद ही उन्हें कप्तान बना दिया।
फिर सवाल यह था कि क्या रोहित ख़ुद 2024 सीज़न शुरू होने से ठीक तीन महीने पहले बदलाव की गति से आश्चर्यचकित थे।
यह पता चला है कि रोहित को आईपीएल 2023 के तुरंत बाद हार्दिक की वापसी के बारे में फ़्रैंचाइज़ी द्वारा सूचित किया गया था, जहां मुंबई इंडियंस ने 2021 और 2022 में दो निराशाजनक सीज़न के बाद प्लेऑफ़ में जगह बनाई, लेकिन चौथे स्थान पर रहे। मालिकों और टीम प्रबंधन के लिए रोहित की कप्तानी चिंता का विषय नहीं थी। अगर कोई चिंता की बात थी तो वह पिछले दो सीज़न (2022 और 2023) में उनकी बल्लेबाज़ी थी, जहां उनकी औसत 20 के क़रीब रही।
वहीं आने वाले अप्रैल में रोहित 37 साल के हो जाएंगे और उनकी उम्र एक बड़ा फ़ैक्टर है और प्रबंधन एक सही समय पर बदलाव करना चाहता था। मुंबई इंडियंस ने पहले भी इस तरह का सही समय पर बदलाव किया था, जहां वे सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग, हरभजन सिंह, लसिथ मलिंगा और कायरन पोलार्ड को कप्तानी सौंपते दिखे और साथ ही जब वे उनसे अलग हुए तो किसी ना किसी तरह से टीम के साथ जुड़े रहे। यहां तक की 2013 में कोच जॉन राइट के निर्देशन में टीम ने ख़िताब जीता और उन्होंने स्काउट रोल बख़ूबी निभाया जिसके नतीज़े भी सामने आए। मुंबई इंडियंस के नेतृत्व समूह ने सुनिश्चित किया कि इनमें से प्रत्येक निर्णय को कुशलतापूर्वक संभाला जाए।
जबकि कुछ लोगों ने सोचा होगा कि हार्दिक 2024 सीज़न से ठीक पहले या उसके दौरान कप्तानी संभालेंगे, मुंबई शायद उस परिदृश्य से बचना चाहती थी जब 2013 में रोहित को अचानक कप्तानी सौंपी गई थी। पोंटिंग को मुंबई ने उस समय क़रीब तीन करोड़ रुपये में ख़रीदा था और कप्तान बनाया था लेकिन केवल 52 रन ही बनाने के बाद छह मैच के बाद उन्होंने कप्तानी छोड़ दी थी। जब पोंटिंग मेंटॉर बने और बाद में मुंबई के प्रमुख कोच बने तो उन्होंने रोहित की कप्तानी के शुरुआती दिनों में उनको दिशा दी, जिसके बाद उन्होंने 2013 और 2015 में ख़िताब जीते।
रोहित के लिए मुंबई में सबसे बड़ी चीज़ यह काम आई कि उनमें खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ निकलवाने की क़ाबिलियत थी। उनके साथी अपनी सफलता का श्रेय रोहित को देते दिखे जिन्होंने उनमें आत्मविश्वास जगाया और सुरक्षा प्रदान कि जिससे वे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके। यह रोहित के लोगों का व्यक्ति होने का परिणाम है, उनकी बातचीत की शैली सरल है, जिससे वह अपने खिलाड़ियों को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। उन्होंने उच्च दबाव वाले क्षणों में अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए अपने कौशल के साथ इसका उपयोग किया है।
रोहित पांच आईपीएल ख़िताब जीतने वाले पहले कप्तान थे। इसमें से 2013 और 2015 में जीते गए दो पहले ख़िताब में उन्होंने अपनी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी चेन्नई सुपर किंग्स को हराया। 2017 में उन्होंने राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स को एक रन से हराकर तीसरा ख़िताब जीता और तब वे 2019 और 2020 में ख़िताब जीते और इससे रोहित ख़िताब का बचाव करने वाले धोनी के बाद दूसरे कप्तान बने।
रोहित के पास पोलार्ड, मलिंगा, हरभजन, जसप्रीत बुमराह, सूर्यकुमार यादव और हार्दिक जैसे मैच विजेता थे। लेकिन 2015 में पहले दो सप्ताह वे अंक तालिका में सबसे नीचे थे लेकिन इसके बाद वे ना केवल प्लेऑफ़ में पहुंचे बल्कि ख़िताब भी जीते, तब रोहित ने सामूहिक प्रयास का मूल्य सीखा। तब से उनके खिलाड़ियों ने उनके शब्दों और योजनाओं पर भरोसा किया है, जो अक्सर अच्छा काम करते हैं।
अब मुंबई इंडियंस की कप्तानी से मुक्त होकर रोहित उस "परम पुरस्कार" एक वैश्विक ख़िताब का पीछा कर सकते हैं, जिसके बारे में उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में भावनात्मक रूप से बात की थी। 2019 वनडे विश्व कप में सबसे ज़्यादा रन बनाने के बाद से रोहित ने आईसीसी ट्रॉफ़ी जीतने की महत्वाकांक्षा का उत्साहपूर्वक पीछा किया है। कप्तान के रूप में उन्हें तीन मौके़ मिले जिसमें 2022 टी20 विश्व कप, 2023 विश्व टेस्ट चैंपियनशिप और 2023 वनडे विश्व कप शामिल थे लेकिन वह हर बार चूक गए।
अभी यह पता नहीं चल पाया कि 2024 जून में होने वाले टी20 विश्व कप में वह भारत की कप्तानी करेंगे या नहीं लेकिन मुंबई की कप्तानी से हटकर वह अब आज़ादी के साथ आईपीएल में बल्लेबाज़ी कर पाएंगे। इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुंबई इंडियंस, साथ ही भारत दोनों चाहते हैं कि वह टी20 विश्व कप के शुरुआती पहले छह ओवर में उसी तरह से खेलें जैसा कि उन्होंने वनडे विश्व कप के पावरप्ले में किया था, क्योंकि रोहित एक गेम चेंजर हैं।
हार्दिक के लिए बड़ी चुनौती
जहां तक हार्दिक के साथ रोहित के रिश्ते की बात है तो यह हमेशा मज़बूत रहा है। रोहित की कप्तानी में हार्दिक ने 2015 में आईपीएल में पदार्पण किया और भारत के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर बन गए। हार्दिक ने जहां धोनी के प्रशंसक होने की बात स्वीकार की है, वहीं रोहित के लिए भी उनके मन में काफ़ी सम्मान है।
गुजरात में हार्दिक सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी थे जिनके पास काफ़ी नियंत्रण था। वह जहां चाहे वहां बल्लेबाजी कर सकते थे और गेंदबाज़ी करनी थी या नहीं, यह सब उन पर निर्भर था। ऐसा ही उन्होंने 2023 सीज़न में किया था जहां वह कप्तान और बल्लेबाज़ के रूप में खेले थे।
हार्दिक अब परिचित माहौल में लौट आए हैं, उन्होंने इसे घर वापसी कहा लेकिन चुनौती बड़ी होगी। उन्हें न केवल मैदान पर प्रदर्शन करने की आवश्यकता होगी, बल्कि उनका प्राथमिक काम यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी टीम एक इकाई है और उन्हें रोहित, बुमराह और सूर्यकुमार जैसे वरिष्ठों का भरोसा, विश्वास और सम्मान मिले। हार्दिक इस बात से भी जागरूक होंगे कि उन्हें अपनी कप्तानी के सपनों को एक नई उड़ान देनी है।
मुंबई पिछले तीन सीज़न से ख़िताब नहीं जीती है। यह नेतृत्व बदलाव इस बात की ओर भी इशारा करता है कि प्रबंधन और मालिक दोनों ही अगले ख़िताब का और इंतज़ार नहीं कर सकते हैं। आईपीएल टीमों में सबसे बड़ी टीमों में से एक का कप्तान होने पर हार्दिक पर दबाव भी बड़ा होगा। और उन्हें टी20 विश्व कप के लिए भी खु़द को फ़िट रखना होगा और वह भविष्य में भारत के कप्तान भी हो सकते हैं।
मुंबई के लिए चुनौती यह सुनिश्चित करने की होगी कि रोहित और हार्दिक छोटे समय के लिए हाथ मिलाएं और दीर्घकालिक लाभ के लिए आधार तैयार करें।
नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में न्यूज एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।