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IPL ने शाम के मैचों में दूसरी पारी में 10वें ओवर के बाद गेंद बदले जाने की अनुमति दी

यह अनुमति ओस के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से दी गई है, हालांकि नई गेंद अंपायर ही चुनेंगे और गेंदबाज़ी टीम इस संबंध में अपना मत नहीं रख पाएगी

Sam Curran said that the wet ball was "like a soap", Rajasthan Royals vs Punjab Kings, IPL 2023, Guwahati, April 5, 2023

यह प्रावधान सिर्फ़ शाम के मैचों पर लागू होगा  •  BCCI

IPL ने शाम के मैच में दूसरी पारी के 10वें ओवर के बाद गेंद को बदले जाने की अनुमति देने का फ़ैसला किया है ताकि गेंदबाज़ी टीम ओस के प्रभाव से निपट सके। गेंद के अतिरिक्त बदलाव के लिए किए जाने वाले अनुरोध पर ऑनफ़ील्ड अंपायर कोई भी फ़ैसला अपने विवेक के आधार पर लेंगे। यह निर्णय गुरुवार को सभी 10 फ़्रैंचाइज़ी के कप्तानों के साथ हुई मीटिंग के दौरान लिया गया, जिसमें शनिवार से शुरू हो रहे IPL 2025 के लिए प्लेइंग कंडिशंस को लेकर चर्चा की गई थी। शुक्रवार को इस नियम के संबंध में सभी फ़्रैंचाइज़ी को एक नोट के ज़रिए जिसे ESPNcricinfo ने भी देखा है, अवगत करा दिया गया।
अब तक गेंद बदले जाने पर फ़ैसले का अधिकार पूर्ण रूप से अंपायरों को हुआ करता था, ऐसी स्थिति में जब उन्हें लगता था कि गेंद को बदले जाने की ज़रूरत है या गेंद काफ़ी गीली हो गई है। हालांकि फ़्रैंचाइज़ी चाहती थीं कि मैच अधिकारी उन्हें एक से ज़्यादा बार गेंद को बदले जाने की अनुमति दें।
नए नियम के अनुसार चेज़ के दौरान 11 से 20 ओवर के बीच में गेंद को कभी भी बदले जाने की अनुमति दी जाएगी, भले ही उस समय मैदान पर ओस पड़ रही हो या नहीं। हालांकि यह प्रावधान सिर्फ़ शाम के मैचों के लिए किया गया है, दोपहर के मैचों के लिए नहीं। यदि गेंदबाज़ी टीम दूसरी पारी में 10वें ओवर के बाद गेंद नहीं बदलना चाहेगी तब ऐसी स्थिति में नई गेंद का उपयोग नहीं किया जाएगा।
10वें ओवर के बाद बदली जाने वाली गेंद में उतनी ही घिसावट होगी जितनी पुरानी गेंद में होगी। अहम बात यह है कि यह गेंद अंपायर चुनेंगे और गेंदबाज़ी टीम इस संबंध में आपत्ति दर्ज नहीं करा पाएगी। गेंदबाज़ी टीम के लिए इसमें संभावित नुक़सान यह हो सकता है कि अगर बदली गई गेंद पुरानी गेंद की तुलना में अधिक सख़्त हुई तो रन बनाना आसान हो जाएगा।
अंपायर मैच के दौरान कभी भी गेंद के ख़राब होने, शेप बिगड़ने या खोने पर गेंद को बदल सकेंगे, हालांकि इससे गेंदबाज़ी टीम के पास गेंद बदले जाने का विकल्प होने पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
टीमों ने इस निर्णय का स्वागत किया है क्योंकि अतीत में ओस ने परिणामों को काफ़ी हद तक प्रभावित किया है। भारतीय मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने कहा है कि मध्य ओवरों में गीली गेंद को बदला जाना काफ़ी मददगार सिद्ध होगा। वहीं कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के ख़िलाफ़ IPL 2025 का पहला मैच खेलने जा रही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के मुख्य कोच एंडी फ़्लावर ने कहा कि गेंद बदले जाने की अनुमति से खेल और रोमांचक हो जाएगा।
फ़्लावर ने कहा, "मुझे यह नियम बेहद पसंद आएगा कि कप्तान दूसरी पारी में गेंद बदलने का आग्रह कर सकते हैं। मैं हमेशा सोचता था कि यह निर्णय अंपायरों के बजाय कप्तानों के हाथ में क्यों नहीं होना चाहिए? अगर गेंद को बदला जाता है, तो इससे खेल में गेंद और बल्ले के बीच संतुलन बना रहेगा, जिससे क्रिकेट और भी रोमांचक हो जाएगा। विशेष रूप से उन मैचों में, जहां ओस का प्रभाव अधिक होता है, यह नियम काफ़ी प्रभावी साबित हो सकता है।"
IPL में इस बार गेंदबाज़ गेंद पर सलाइवा का भी उपयोग कर सकेंगे। ICC ने कोरोना महामारी के दौरान मई 2020 में सलाइवा के उपयोग पर अस्थाई रूप से प्रतिबंध लगाया था और सितंबर 2022 में इस पर स्थाई तौर पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि फ़्लावर को नहीं लगता कि सलाइवा के उपयोग से छोटे प्रारूप में कोई बड़ा असर पड़ेगा।
फ़्लावर ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि छोटे प्रारूपों में इस नियम का ज़्यादा प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, सलाइवा का प्रयोग ठीक है, जब तक कि खिलाड़ी चीनी खाने के आदि न हो जाएं।" (हंसते हुए…कई बार चॉकलेट और चीनी खाकर गेंद को चमकाने की कोशिश की जाती है।"
IPL द्वारा तमाम फ़्रैंचाइज़ी को प्रेषित किए गए नोट ESPNcricinfo को प्राप्त होने के बाद स्टोरी अपडेट की गई