Features

आईपीएल नीलामी : कैसे इतने कम दाम पर बिके वॉर्नर?

क्यों हसरंगा, दीपक चाहर और हेटमायर पर मोटे पैसे ख़र्च किए गए?

क्या मुंबई में इस बार दुनिया हिलाने का नहीं है दम, या कोलकाता का वज़न है कम ?

क्या मुंबई में इस बार दुनिया हिलाने का नहीं है दम, या कोलकाता का वज़न है कम ?

आईपीएल मेगा नीलामी का विस्तार से विश्लेषण वसीम जाफ़र के संग

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 की बड़ी नीलामी के समापण के बाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो कुछ अहम प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास कर रहा है।

Loading ...

वनिंदु हसरंगा को इतनी बड़ी धन राशि क्यों मिली?

हसरंगा दो महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते हैं। वह विविधता के साथ लेग स्पिन गेंदबाज़ी करते हैं और छठे और सातवें नंबर पर बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। हसंरगा गुगली गेंद डालने में पारंगत हैं और टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनकी इकॉनमी केवल 6.32 की है। इतिहास गवाह है कि विविधता वाले स्पिनरों ने आईपीएल में हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है।

लेकिन हसरंगा को युज़वेंद्र चहल और आर अश्विन जैसे अनुभवी स्पिनरों से अधिक पैसे क्यों मिले? यहीं पर बल्लेबाज़ी का कौशल काम आता है। हसरंगा मध्य क्रम में तेज़ी से रन बना सकते हैं - टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उनका स्ट्राइक रेट 136.63 का है। नीलामी में इस तरह के खिलाड़ियों की कमी थी। हार्दिक पंड्या, कायरन पोलार्ड, आंद्रे रसल, मार्कस स्टॉयनिस, अक्षर पटेल और रवींद्र जाडेजा पहले से ही रिटेन हो चुके थे और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु, सनराइज़र्स हैदराबाद, राजस्थान रॉयल्स और पंजाब किंग्स को ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी करने वाले ऑलराउंडरों की तलाश थी। इसलिए इन चार में से तीन टीमें हसरंगा के पीछे भाग रही थी। एक और चीज़ याद रखने योग्य है कि हसरंगा का नाम नीलामी में दूसरे दिन बिकने वाले ऑलराउंडरों से काफ़ी पहले आया था। साथ ही इन सभी ऑलराउंडरों में वह इकलौते लेग स्पिनर थे।

इस बात पर भी सवाल उठाए गए कि पिछले साल अपनी टीम में उन्हें केवल दो मैच खिलाने के बाद आरसीबी ने हसरंगा पर इतना बड़ा निवेश क्यों किया। लेकिन पिछले साल चहल लेग स्पिनर के स्थान पर खेल रहे थे। इस बार एक आक्रामक लेग स्पिनर के साथ, जो बल्लेबाज़ी भी करता हो, उनके पास टीम संयोजन में अधिक विकल्प हैं। वह स्पिनर मैक्सवेल और हसरंगा के बाद चार तेज़ गेंदबाज़ों के साथ खेल सकते हैं या बल्लेबाज़ी में गहराई लाने के लिए शाहबाज़ अहमद को नंबर 8 पर खिला सकते हैं।

डेविड वॉर्नर और क्विंटन डिकॉक इतने कम दाम में कैसे बिके?

इसके पीछे तीन कारण हैं :

  • विदेशी बल्लेबाज़ हमेशा सस्ते दामों में बिकते हैं क्योंकि नीलामी में विकल्पों का भंडार है
  • नीलामी से पहले हर टीम के पास कम से कम एक ओपनर था
  • कई टीमें इशान किशन का इंतज़ार कर रही थी

वॉर्नर और डिकॉक, दोनों को लाभ होता अगर वह मार्की सेट का हिस्सा नहीं होते। यह साफ़ था कि कई टीमें किशन को अपने विकेटकीपर-बल्लेबाज़ के तौर पर देख रही थी। जैसे किशन बिके, अगले विकेटकीपर निकोलस पूरन के लिए सनराइज़र्स ने पौने 11 करोड़ ख़र्च किए। डिकॉक को भी ऐसी भारी रक़म मिलती अगर उनका नाम किशन के बाद आया होता।

एक और कारण यह था कि नीलामी से पहले रिटेन किए गए 31 खिलाड़ियों में से 11 ओपनर की भूमिका निभा सकते थे। हर टीम के पास कम से कम एक ऐसा खिलाड़ी था जो ओपन कर सकता था इसलिए नीलामी की शुरुआत में यह स्थान इतना महत्वपूर्ण नहीं था।

हां या ना : कोलकाता के लिए अजिंक्य रहाणे भी कप्तान के दावेदार हैं

आईपीएल नीलामी से जुड़े कुछ अहम सवालों पर वसीम जाफ़र का फ़ैसला

पिछली कुछ नीलामियों में शीर्ष क्रम के विदेशी बल्लेबाज़ सबसे महंगे खिलाड़ियों का हिस्सा नहीं रहे हैं। अगर इसे ऐसे देखा जाए - अगर आप विश्व की टॉप 8 अंतर्राष्ट्रीय टीमों में से 6 को देखें (भारत और पाकिस्तान को छोड़कर), तो हर टीम के पास 4 शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ हैं - यानि कुल 24 विकल्प मौजूद हैं। लेकिन हर टीम के पास अधिकतम दो ऑलराउंडर, फ़िनिशर और तेज़ गेंदबाज़ हैं जिसका अर्थ यह है कि इस भूमिका के लिए उच्च स्तर के खिलाड़ियों का अभाव है। इसलिए समझदारी यह होती कि टीमें इन भूमिकाओं पर अधिक धन राशि ख़र्च करती और शीर्ष क्रम वाले बल्लेबाज़ों पर अपने पैसे बचाती।

उदाहरणस्वरूप चेन्नई सुपर किंग्स ने वॉर्नर में दिलचस्पी दिखाई और अंत में अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी डेवन कॉन्वे को केवल एक करोड़ में ख़रीदा। नीलामी में शीर्ष क्रम के लिए भारतीय खिलाड़ियों में कोई कमी नहीं थी और टीमें अन्य स्थानों पर विदेशी खिलाड़ी चाहती थी।

बेशक़ वॉर्नर एक विशेष खिलाड़ी हैं और तीन बार ऑरेंज कैप जीत चुके हैं। अगर वह अपनी लय पकड़ते हैं तो इस नीलामी की वह सबसे बेहतरीन ख़रीद बन सकते हैं।

क्यों शिमरन हेटमायर के लिए टीमों के बीच छिड़ी जंग?

फिर एक बार यह डिमांड और सप्लाई की बात है। टीम पांचवें नंबर का स्थान एक फ़िनिशर के साथ भरना चाहती थी जो पहली गेंद से ही छठे गियर में बल्लेबाज़ी करने की क़ाबिलियत रखता हो। हर टीम को अपना पोलार्ड, रसल और हार्दिक चाहिए लेकिन ऐसे खिलाड़ी मार्केट में है नहीं। सबसे बेहतर विकल्प होता एक ऑलराउंडर जो फ़िनिशर भी बन सकता है, लेकिन टीमें इस भूमिका के लिए बल्लेबाज़ों और बल्लेबाज़ी करने वाले ऑलराउंडरों पर बड़े पैसे ख़र्च करने को तैयार थी।

 ESPNcricinfo Ltd

पांचवें नंबर या उससे नीचे बल्लेबाज़ी करने हुए हेटमायर का स्ट्राइक रेट 150 का रहता है। आईपीएल में यह बढ़कर 160.26 का हो जाता है। शाहरुख़ ख़ान, टिम डेविड, लियम लिविंगस्टन जैसे अन्य फ़िनिशरों को भी मोटे पैसे मिले।

हेटमायर को इस बात का भी फ़ायदा मिला कि वह कैप्ड बल्लेबाज़ों की पहली सूची में थे। इस भूमिका को निभाने वाले अन्य विकल्प नीलामी में बहुत देर बाद आने वाले थे और टीमें जल्द से जल्द इस स्थान को भरना चाहती थी ताकि अंत में एक छोटी पर्स के साथ उन्होंने दूसरों से लड़ना ना पड़े। हेटमायर के लिए राजस्थान से लड़ रही दिल्ली कैपिटल्स को अंत तक अपना पांचवां बल्लेबाज़ नहीं मिला और अब उन्हें मंदीप सिंह या रॉवमन पॉवेल को वहां खिलाना होगा या ऋषभ पंत को नीचे भेजना होगा।

युज़वेंद्र चहल और आर अश्विन को अधिक पैसे क्यों नहीं मिले?

अश्विन और चहल दोनों आईपीएल में सर्वाधिक विकेट लेने वाले शीर्ष 10 गेंदबाज़ों की सूची का हिस्सा हैं। उनका फ़ॉर्म भी बरक़रार है और पिछले सीज़न में किसी और स्पिनर ने चहल जितने विकेट नहीं लिए थे। वहीं अश्विन की इकॉनमी केवल 7.41 की थी। फिर क्यों चहल को साढ़े 6 और अश्विन को केवल 5 करोड़ मिले?

ऐसा प्रतीत होता है कि टीमें इस विचारधारा के साथ नीलामी में उतरी थी कि वह ऐसे स्पिनरों के साथ जाएंगी जो टॉप 7 में बल्लेबाज़ी कर सकें। वह इसलिए क्योंकि तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडरों का अभाव था और स्पिन गेंदबाज़ी करने वाले ऑलराउंडर बहुत थे। इसलिए कई सारी टीमें ने शॉर्ष सात में अधिक स्पिन गेंदबाज़ी विकल्प रखे हैं और केवल एक स्पिनर को विशेषज्ञ गेंदबाज़ के तौर पर शामिल किया है।

ऑक्शन से पहले, स्पिन गेंदबाज़ी करने वाले 15 ऑलराउंडर 2 करोड़ या उससे अधिक के दाम पर बिके थे और इनमें से 9 को तो 8 करोड़ से अधिक की राशि मिली। इसके विपरित केवल सात विशेषज्ञ स्पिनरों को दो करोड़ से अधिक का मूल्य मिला और इसमें से एक - राशिद ख़ान तो नंबर सात पर बल्लेबाज़ी भी कर जाएंगे।

 ESPNcricinfo Ltd

कैसे बने दीपक चाहर नीलामी के दूसरे सबसे महंगे खिलाड़ी?

नीलामी में तेज़ गेंदबाज़ हमेशा डिमांड में रहते हैं क्योंकि चोट, ख़राब फ़ॉर्म के कारण टीम को 5-6 अच्छे तेज़ गेंदबाज़ों की आवश्यकता होती है। लेकिन इस नीलामी में एक विशिष्ट तेज़ गेंदबाज़ की बहुत डिमांड थी जो आठ नंबर पर बल्लेबाज़ी करते हुए बल्लेबाज़ी में गहराई प्रदान करें। टी20 क्रिकेट में ऐसे खिलाड़ी का मोल बढ़ता ही जा रहा है क्योंकि इससे शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ अधिक आक्रामक हो सकते हैं। इसलिए इन खिलाड़ियों को अधिक दाम देकर ख़रीदा गया हैं।

चाहर के 14 करोड़ी बनने के पीछे का कारण यह भी है कि वह पावरप्ले में सबसे सफल गेंदबाज़ों में से एक हैं और अपने शुरुआती झटकों से ही एक-दो मैच जिताने में सक्षम हैं।

एक चोटिल जोफ़्रा आर्चर के पीछे क्यों भागी मुंबई इंडियंस?

2022 के सीज़न में आर्चर के खेलने की संभावना नहीं है, तो टीमें क्यों उनपर बड़े पैसे ख़र्च करती? क्यों ना अगली नीलामी तक इंतज़ार किया जाता? इस सीज़न बड़ा दांव खेलकर मुंबई ने आर्चर को बहुत सस्ते दाम में ख़रीद लिया है। ऑक्शन में पूरी तरह से फ़िट होने पर आर्चर का दाम बढ़ता ही चला जाता। अगर वह इस साल नहीं खेलते हैं तो मुंबई को उन्हें भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है और अगले साल उनके पास एक तगड़ा तेज़ गेंदबाज़ी क्रम होगा। वह तीन साल बाद आर्चर को रिटेन भी कर सकते हैं। लेकिन इसका एक नुक़सान यह है कि इस साल उनकी एकादश इतनी मज़बूत नहीं बनेगी।

एक बड़ा सवाल यह है कि आर्चर ने क्यों इस नीलामी में प्रवेश करने का निर्णय लिया? अगर वह अगले साल छोटी नीलामी में आते तो उन्हें कई अधिक धन राशि मिल सकती थी। हमें इंतज़ार करना होगा आर्चर के इस जवाब का।

क्यों कोलकाता नाइट राइडर्स ने अजिंक्य रहाणे को ख़रीदा?

अपने पिछले पांच सीज़नों में से चार में रहाणे का स्ट्राइक रेट 120 से कम का रहा है और पिछले साल कैपिटल्स ने उन्हें केवल दो मुक़ाबलों में खेलने का अवसर दिया। लेकिन केकेआर को आक्रामक वेंकटेश अय्यर के साथ एक संभलकर खेलने वाले सलामी बल्लेबाज़ की तलाश थी। उनके पिछले ओपनर शुभमन गिल ने भी पिछले दो सीज़न में 120 से कम के स्ट्राइक रेट से रन बनाए लेकिन वह निरंतर थे। साथ ही रहाणे का अनुभव और नेतृत्व कौशल ड्रेसिंग रूम के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकता है।

Wanindu HasarangaDavid WarnerQuinton de KockShimron HetmyerYuzvendra ChahalRavichandran AshwinDeepak ChaharJofra ArcherAjinkya RahaneGujarat TitansLucknow Super GiantsSunrisers HyderabadMumbai IndiansRajasthan RoyalsDelhi CapitalsChennai Super KingsPunjab KingsKolkata Knight RidersRoyal Challengers BengaluruIndiaIndian Premier League

डस्टिन सिल्गार्डो ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।