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प्रशंसकों के लिए एक और IPL खेलना चाहते हैं एम एस धोनी

धोनी ने कहा कि वह अपने प्रशासकों को एक और आईपीएल सीज़न उपहार स्वरूप देना चाहते हैं

आईपीएल की पांचवीं ट्रॉफ़ी अपने नाम करने के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने एक और आईपीएल सीज़न खेलने के संकेत दिए हैं। धोनी का शरीर अगर अनुमति देता है तो वह कम से कम एक और सीज़न अपने प्रशंसकों के लिए खेलना चाहते हैं।
धोनी ने कहा कि खिताब जीतने के बाद संन्यास लेना सबसे सही समय होता लेकिन वह अपने प्रशंसकों को एक और सीज़न उपहार स्वरूप देना चाहते हैं भले ही उन्हें इसके लिए अपने शरीर पर आने वाले नौ महीनों में काफ़ी काम करना पड़े।
धोनी ने कहा, "अगर आप देखेंगे तो मेरे लिए संन्यास लेने का यह सबसे सही समय है। लेकिन इस सीज़न हर जगह जाने पर जिस तरह का प्यार मुझे मिला इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं। हालांकि एक और आईपीएल सीज़न के लिए ख़ुद को तैयार करना मेरे लिए आसान नहीं रहने वाला है। सबकुछ शरीर पर निर्भर करेगा। मेरे पास 6-7 महीने का समय है। यह मेरे लिए आसान नहीं रहने वाला है लेकिन जिस तरह का प्यार मुझे मिला है, ऐसे में मैं भी उनके के लिए कुछ करना चाहता हूं।"
"यह मेरे आईपीएल का अंतिम हिस्सा है और इस तथ्य को सोचकर भावुक होने स्वाभाविक है और मुझे लगता है कि इसकी शुरुआत यहीं से हुई थी जब मैंने यहां पर इस सीज़न का पहला मैच खेला था। मैदान में प्रवेश करने पर पूरा स्टेडियम मेरे नाम का शोर कर रहा था। मेरी आंखों में आंसू भर आए थे लेकिन मैंने डगआउट में ख़ुद को थोड़ी देर के लिए रोका और यह तय किया कि इसका आनंद उठाना है, इसका दबाव अपने ऊपर नहीं आने देना है। मुझे लगता है चेन्नई में जब मैंने पिछला मुक़ाबला खेला वहां भी वैसा ही माहौल था। लेकिन वापस आकर जितना भी संभव हो उतना खेल पाना अच्छा होगा।"
धोनी इस जुलाई में 42 वर्ष के हो जाएंगे। इस सीज़न बाएं घुटने की चोट से जूझते हुए उन्होंने नंबर सात और नंबर आठ पर बल्लेबाज़ी की। धोनी ने 12 पारियों में 57 गेंदों का सामना किया और 182.45 के स्ट्राइक रेट और 10 छक्कों के साथ 104 रन बनाए।
धोनी से जब यह पूछा गया कि प्रशंसकों से इतना प्यार मिलने के बाद भी वह ख़ुद को ग्राउंडेड कैसे रख पाते हैं तो धोनी ने यही कहा कि प्रशंसक उन्हें इसी चीज़ के लिए चाहते भी हैं और एक ज़मीन से जुड़े होने की उनकी खूबी ही प्रशंसकों को पसंद भी आती है।
चेन्नई सुपर किंग्स का फ़ाइनल में प्रदर्शन उतना भी संतोषजनक नहीं था। गेंदबाज़ी के दौरान उन्होंने कैच भी ड्रॉप किए, जिसमें एक फ़ॉर्म में चल रहे शुभमन गिल का कैच भी शामिल था। रन आउट के अवसर भी गंवाए और ओवर थ्रो के ज़रिए रन भी जाने दिए जिस वजह से गुजरात टाइटंस 214 का स्कोर खड़ा करने में सफल हो गई। इस पर धोनी ने कहा कि उनकी टीम ने शुरुआत तो अच्छी थी कि लेकिन बीच में कई ग़लतियां हुईं। हालांकि गेंदबाज़ी डिपार्टमेंट के न चलने पर बल्लेबाज़ी ने दबाव कम कर दिया।
इस सीज़न शिवम दुबे और तुषार देशपांडे जैसे युवा खिलाड़ियों को बैक करने और मोईन अली, अजिंक्य रहाणे और अंबाती रायुडू जैसे उम्रदराज़ खिलाड़ियों से अच्छा प्रदर्शन करवाने का श्रेय धोनी को दिया गया है। लेकिन क्या खिलाड़ियों द्वारा अच्छा प्रदर्शन होने पर धोनी भी हताश होते हैं?
"हां, मैं हताश होता हूं। एक मनुष्य होने के नाते हम सभी हताश होते हैं। लेकिन मैं उनके दृष्टिकोण से सोचने का प्रयास करता हूं कि आख़िर हुआ क्या है। हर किसी का दबाव को झेलने का अपना तरीक़ा होता है। अजिंक्य काफ़ी अनुभवी हैं और अन्य खिलाड़ी भी, इसलिए मैं उनके लिए अधिक चिंता नहीं करता।"

विशाल दीक्षित ESPNcricinfo के असिसटेंट एडिटर हैं।