झारखंड और राजस्थान के बीच चल रहे
रणजी मैच में
ख़लील अहमद की गेंदबाज़ी को देख कर यह साफ़ प्रतीत हो रहा था कि हालिया समय में ख़लील ने अपनी गेंदबाज़ी पर काफ़ी काम किया है। साथ ही उनकी फ़िटनेस भी अब पहले से कहीं ज़्यादा बेहतर नज़र आ रही है।
पहली पारी के दौरान ख़लील शुरुआती ओवर में अच्छी गति के साथ गेंदबाज़ी करते हुए गेंद को मूव कराने में सफल हो रहे थे। इसके अलावा राउंड द स्टंप से गेंदबाज़ी करते हुए उन्होंने स्टंप को अटैक करते हुए भी काफ़ी अच्छी गेंदबाज़ी की। साथ ही उनके कुछेक बाउंसर भी देखने लायक़ थी। कुल मिला कर ख़लील परिस्थितियों के अनुसार एक बेहतर नियंत्रण और अच्छी योजना के साथ गेंदबाज़ी कर रहे थे और उन्होंने तीन विकेट चटकाए। उन्होंने इस सीज़न कुल 14 विकेट चटकाए हैं, जिसमें दो बार 4-विकेट हॉल शामिल है।
इस सीज़न में अपनी गेंदबाज़ी के बारे में बात करते हुए ख़लील ने Espncrinfo को बताया, "पिछले सीज़न के अनुभव पर मैंने यह सोच लिया था कि मुझे अपनी फ़िटनेस पर काम करते हुए अगले सीज़न में हर फ़ॉर्मेट के सभी मैच खेलने हैं। इसी कारण से मैं इसकी तैयारियों को लेकर काफ़ी गंभीर था। जैसे ही IPL ख़त्म हुआ तो उसके चार या पांच दिन के बाद ही मैंने अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। मेरा एक साधारण सा लक्ष्य यह था कि मैं इस घरेलू सीज़न का हर मैच खेलूंगा। साथ ही उस दौरान मैंने अपने रन अप और स्विंग के ऊपर काफ़ी काम किया है। मैंने बाएं और दाहिने हाथ के बल्लेबाज़ों के लिए कुछ नई रणनीतियों पर भी काम किया है। इसके अलावा मैंने अपने पूरे दिनचर्या में खान-पान से लेकर, सोने -उठने के समय का भी ध्यान रखा।"
ख़लील ने IPL 2023 के बाद अपना जो लक्ष्य रखा था, उसे पाने में वह पूरी तरह से सफल रहे हैं। हालांकि उनको सबसे ज़्यादा ख़ुशी इस बात की है कि वह वह विज़य हज़ारे ट्रॉफ़ी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफ़ी के अलावा रेड बॉल में फ़ॉर्मेट में भी सभी मैचों को खेलने में सक्षम रहें।
ऐसा नहीं है कि भारतीय टीम में नहीं होने से मुझे बुरा नहीं लगता लेकिन मैं इसे नकारात्मक तौर पर नहीं लेता। मैं जब तक सकारात्मक नहीं रहूंगा, मैं अपनी तैयारी ठीक से नहीं कर पाऊंगा। इसी कारण से मैं सिर्फ़ और सिर्फ़ कड़ी मेहनत करते हुए, फिर से भारतीय टीम में वापस लौटने का प्रयास कर रहा हूं और मुझे पता है कि मैं इसमें सफल रहूंगा। आप इसे मेरी सबसे बड़ी जिद ही समझ लो।
खलील अहमद
उन्होंने कहा, "जब आप पूरी सीज़न को सफलता के साथ खेलो तो काफ़ी अच्छा महसूस होता है। साथ ही रणजी ट्रॉफ़ी मुक़ाबलों में आपको काफ़ी देर तक मैदान पर रहना होता है। इसके लिए आपको अच्छी प्लानिंग के साथ-साथ अच्छी फ़िटनेस की भी ज़रूरत होती है। एक तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर पूरे सीज़न लंबे स्पेल डालना, अलग-अलग बल्लेबाज़ों के लिए रणनीति बनाना आसान नहीं होता है, लेकिन एक बात यह भी है कि मैदान पर जब आप इतना ज़्यादा समय बिताते हो तो आप एक बेहतर खिलाड़ी भी बनते हो। शायद इसी कारण से अब मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से काफ़ी अच्छा महसूस हो रहा है। मैं तीनों फ़ॉर्मेट में अपने खेल को बेहतर बनाना चाह रहा था और इस साल उसमें मुझे सफलता मिली है।"
IPL में ख़लील के नाम सबसे कम मैचों में 50 विकेट पूरा करने का रिकॉर्ड है। हालांकि उनका पिछला सीज़न कुछ ख़ास नहीं गया था, जहां उन्होंने नौ मैचों में सिर्फ़ 9 विकेट लिए थे। लेकिन इस सीज़न में उन्होंने अपनी फ़िटनेस पर जिस तरीक़े से काम किया है, वह उसका लाभ IPL के अगले सीज़न में लेना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, "पिछले सीज़न के अनुभव के हिसाब से मैंने यह तय कर लिया था मुझे अपने फ़िटनेस पर काम करना है। इस साल मैंने अपनी गेंदबाज़ी में काफ़ी काम किया है। साथ ही जब मैं छोटे फ़ॉर्मेट में जाऊंगा तो अब मेरा फ़ोकस कम से कम इकॉनमी के साथ ज़्यादा से ज़्यादा विकेट लेने का होगा और मुझे पूरी उम्मीद कि इसमें मैं सफल रहूंगा क्योंकि मेरी तैयारी काफ़ी अच्छी रही है।"
2018 के घरेलू सीज़न में ख़लील ने अपनी गति और प्रदर्शन से भारतीय चयनकर्ताओं को काफ़ी प्रभावित किया था। उन्होंने उस सीज़न 148 की गति से भी गेंद फेंकी थी और उनकी औसत गति 140 के आस-पास थी। इसके अलावा सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में 17 विकेट लेते हुए वह दूसरे
सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ थे। इसके बाद 2018 के एशिया कप में उन्हें भारतीय टीम में शामिल होने का मौक़ा मिला, जिसमें उन्होंने दो मैच खेलते हुए चार विकेट लिए। अपने डेब्यू मैच में उन्होंने
हॉन्ग-कॉन्ग के ख़िलाफ़ बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए उन्होंने भारत को एक मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला था। इसके बाद उन्हें टी20 में भी डेब्यू करने का मौक़ा मिला। हालांकि ख़लील के लिए भारतीय टीम का सफ़र ज़्यादा दिनों तक का नहीं रहा, जिसमें उनकी औसत फ़ॉर्म और चोट ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय टीम से दूर होने के संदर्भ में जब उनसे उनकी मानसिकता और राष्ट्रीय टीम में उनकी वापसी के बारे में पूछा गया तो वह कहते हैं, "मैं जब ख़ुद को आइने में देखता हूं तो मुझे लगता है कि यह लड़का फिर से इंडिया खेल सकता है। मुझे हमेशा से लगता है कि आपकी मानसिकता आपकी तैयारियों को सबसे ज़्यादा प्रभावित करती है। मैं वास्तविकता को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ने वाले लोगों में से हूं।
"मेरा हर प्रयास भारतीय टीम में शामिल होने के लिए है। ऐसा नहीं है कि भारतीय टीम में नहीं होने से मुझे बुरा नहीं लगता लेकिन मैं इसे नकारात्मक तौर पर नहीं लेता। मैं जब तक सकारात्मक नहीं रहूंगा, मैं अपनी तैयारी ठीक से नहीं कर पाऊंगा। इसी कारण से मैं सिर्फ़ और सिर्फ़ कड़ी मेहनत करते हुए, फिर से भारतीय टीम में वापस लौटने का प्रयास कर रहा हूं और मुझे पता है कि मैं इसमें सफल रहूंगा। आप इसे मेरी सबसे बड़ी जिद ही समझ लो।"
इस घरेलू सीज़न के ख़त्म होने के बाद ख़लील IPL की तैयारी में लगने वाले हैं। उनका मानना है कि वह जिस तरीक़े से तैयारी कर रहे हैं, उसका फ़ायदा उन्हें IPL में ज़रूर मिलेगा। साथ ही अगर वह सफल होते हैं तो भारतीय टीम में उनकी वापसी की राह आसान हो जाएगी।