शनिवार को अपने डेब्यू पर तीन विकेट झटक कर विजयकुमार वैशाख ने प्रतिद्वंदी टीम की बल्लेबाज़ी को धराशाई कर दिया। हालांकि बहुत कम ही लोग यह बात जानते हैं कि एम चिन्नास्वामी पर 40 हज़ार प्रशंसकों के बीच जब विजयकुमार ने अपने आईपीएल करियर का पहला मैच खेला तब वह मोहम्मद सिराज थे जिन्होंने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया।
वैशाख ने बताया कि कैसे सिराज के सुझाव ने उन्हें उनके नर्व्स को नियंत्रित करने में मदद की। उन्होंने कहा, "मोहम्मद सिराज के साथ चर्चा हमेशा लाभदायक रहा है। वह एक बेहतरीन गेंदबाज़ हैं और लंबे समय से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए काफ़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। सिराज ने मुझे ख़ुद पर विश्वास रखने की सलाह दी। उन्होंने मुझे वही करने की सलाह दी जो मैं अब तक करते आ रहा हूं और साथ ही अपने गेम का लुत्फ़ उठाने की सलाह दी।"
वैशाख के लिए अपने आईपीएल करियर का मैच इसलिए भी ख़ास था क्योंकि उनके पैरेंट्स भी अपने बेटे को पहली बार आईपीएल खेलता देखने के लिए मैदान में मौजूद थे।
स्काउटिंग टीम की नज़र पड़ने के बाद वैशाख को नेट गेंदबाज़ के तौर पर बेंगलुरु से जोड़ा गया। वैशाख की गेंदबाज़ी ने मुख्य कोच संजय बांगर और माइक हेसन को काफ़ी प्रभावित किया और ऐसे विजयकुमार को उनकी पहली आईपीएल कैप मिल गई। वैशाख को रजत पाटीदार के विकल्प के तौर पर बेंगलुरु के दल में शामिल किया गया था।
वैशाख ने कहा, "बेंगलुरु के एक लड़के के तौर पर आरसीबी के लिए खेलना सपने के साकार होने जैसा है। मैं आरसीबी का हिस्सा होने और उसके लिए खेलने पर ख़ुद को काफ़ी खुशकिस्मत महसूस कर रहा हूं। पहली कुछ गेंदों को डालने पर मैं नर्वस था लेकिन कुछ ओवरों के बाद मुझे यह महसूस होने लगा कि मैं यहां पर होने के क़ाबिल हूं। मुझे इस समय ऐसा लग रहा है जैसे मैं दुनिया की सबसे ऊंची जगह पर पहुंच चुका हूं।"
वैशाख ने अपनी भावनाओं को नियंत्रित करते हुए मैच में अच्छी गेंदबाज़ी तो की लेकिन मैच से पहले जब संजय बांगर और माइक हेसन ने उन्हें मीटिंग के लिए बुलाया तब वह अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाए।
वैशाख ने कहा, "संजय बांगर सर और माइक हेसन सर ने मुझे मैच से पहले मीटिंग में बुलाया था। कुछ सवाल पूछने के बाद उन्हें मुझसे कहा कि अगर हम यह कहें कि तुम कल का मैच खेलने जा रहे हो तो तुम्हें कैसा लगेगा? मैं उस समय निशब्द हो गया।"