बीते आईपीएल के दौरान यह हमेशा देखा गया कि
एमएस धोनी के घुटने में एक पट्टी बंधी हुई है। साथ ही वह उस तेज़ी के साथ नहीं भाग पा रहे थे, जिस तेज़ी से वह अक्सर मैदान में भागते हैं। कुल मिलाकर धोनी के घुटने में समस्या थी और वह दर्द में थे, लेकिन पूरे आईपीएल सीज़न के दौरान इस दर्द को नकारते हुए उन्होंने कभी भी किसी मैच को नहीं खेलने के बारे में कभी नहीं सोचा। फ़ाइनल जीतने के कुछ दिन बाद ही धोनी ने अपने घुटने की सर्जरी करवाई थी और अब वह काफ़ी सहज महसूस कर रहे हैं, साथ ही ठीक भी हो रहे हैं।
सीएसके के सीईओ कासी विश्वनाथन ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ों तमिल को बताया, "हमने उनसे कभी ऐसी चीज़ें नहीं पूछीं कि 'क्या आप (यह मैच) खेलना चाहते हैं या आप बाहर बैठना चाहते हैं।' अगर वह नहीं खेलना चाह रहे होते तो वह खु़द हमें बता देते। हालांकि हम जानते थे कि उनके लिए खेलना काफ़ी संघर्षपूर्ण था। हालांकि टीम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और उनकी नेतृत्व क्षमता से टीम को किस तरह का लाभ पहुंचता है, यह सभी जानते हैं। उस दृष्टिकोण से तो आपको उनकी सराहना करनी होगी।"
"फ़ाइनल तक उन्होंने कभी भी अपने घुटने के बारे में किसी से शिक़ायत नहीं की। हालांकि इसके बारे में हर कोई जानता था और आपने उन्हें दौड़ते हुए संघर्ष करते देखा होगा। फ़ाइनल के बाद उन्होंने कहा, 'मैं ऑपरेशन करवाऊंगा।' उनकी सर्जरी हो चुकी है। वह काफ़ी खु़श हैं और ठीक हो रहे हैं।"
फ़ाइनल के बाद धोनी ने संन्यास लेने के बारे में कहा था कि ऐसा हो सकता है कि यह उनके रिटायरमेंट के लिए सबसे "सही समय" है लेकिन अगर उनका शरीर अनुमति देता है तो "कम से कम" वह एक और सीज़न खेलेंगे। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर वह ऐसा करते हैं तो यह उनके प्रशंसकों के लिए एक "उपहार" के जैसा होगा। सर्जरी के तीन सप्ताह के आराम के बाद धोनी जल्द ही अपना रिहैबिलिटेशन शुरू कर देंगे।
विश्वनाथन ने कहा, "उन्होंने फ़ाइनल ख़त्म होने के तुरंत बाद हमें बताया कि वह मुंबई जाकर अपने घुटने की सर्जरी कराएंगे और रिहैब के लिए रांची वापस जाएंगे। मुंबई में ऋतुराज की शादी [4 जून को] के बाद, मैं उनसे मिलने गया। यह एक शिष्टाचार मुलाकात थी। वह काफ़ी सहज महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह तीन सप्ताह तक आराम करेंगे और फिर अपना रिहैब शुरू करेंगे।"
"वह जानते हैं कि उन्हें आगे क्या करना है। इसलिए हम उनसे नहीं पूछेंगे कि आप क्या करने वाले हैं या कैसे करने वालें हैं।' वह हमें अपने सभी चीज़ों के बारे में सूचित कर देंगे। वह जो भी कर रहे हैं, वह पहले और केवल श्री एन श्रीनिवासन को सूचित करेंगे। इसके बाद श्रीनिवासन से हमें आगे की जानकारी मिल जाएगी।"
विश्वनाथन ने रवींद्र जाडेजा और धोनी के बीच किसी तरह के मनमुटाव की बात को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया है। पिछले साल जाडेजा को सीज़न के बीच में कप्तानी से हटाए जाने के बाद से दोनों के बीच सब कुछ ठीक नहीं होने की ख़बरें आ रही थीं।
विश्वनाथन ने कहा, "जहां तक जाडेजा की बात है तो उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी की। बल्लेबाज़ी के लिए हमारे पास, ऋतुराज, कॉन्वे, मोईन और रहाणे थे। इनके बाद जब भी वह बल्लेबाज़ी करने जाते थे तब उनके पास 5-10 गेंदें बचती थी। हालांकि अहम बात यह है कि वह यह भी जानते थे कि धोनी उनके बाद आने वाले हैं, और धोनी खु़द भी कभी-कभी सिर्फ़ 2-3 गेंद ही खेल पाते थे। ऐसे में जब भी धोनी बल्लेबाज़ी करने जाते थे तो दर्शक धोनी का गर्मजोशी के साथ स्वागत करते थे। उस मामले में किसी भी खिलाड़ी पर वह दबाव आ सकता था। लेकिन उन्होंने इसके बारे में शिक़ायत नहीं की, भले ही उन्होंने एक ट्वीट ज़रूर किया था।"
"खेल में अक्सर ऐसा होता रहता है। आख़िरी गेम के बाद लोगों ने ऑनलाइन वीडियो देखे और मान लिया कि मैं जाडेजा को शांत करा रहा था, लेकिन ऐसा नहीं था। मैं उनसे मैच के बारे में बात कर रहा था। टीम के माहौल में सभी जानते हैं, ड्रेसिंग रूम में क्या होता है, बाहर किसी को इसकी जानकारी नहीं होती है। धोनी के लिए उनके मन में हमेशा काफ़ी सम्मान था। फ़ाइनल के बाद भी उन्होंने कहा, 'मैं यह पारी धोनी को समर्पित करता हूं।' एमएस के लिए उनके मन में इस तरह का सम्मान है।"
फ़ाइनल जीतने के बाद धोनी ने सबसे पहले क्या कहा था?
"उन्होंने कहा, 'हम पांचवां ट्रॉफ़ी जीत चुके हैं', यह एक बड़ी बात है। उन्होंने जाडेजा के प्रयास और आत्मविश्वास के लिए उनकी प्रशंसा की। यह [अहमदाबाद] उनके [जडेजा] लिए एक घरेलू मैदान की तरह था। हर कोई जानता है कि धोनी ने सीएसके में 2012 से जाडेजा को काफ़ी बैक किया है ।"
यह साक्षात्कार पहली बार 20 जून को ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो तमिल में प्रकाशित हुआ था