आईपीएल 2023 में अपना
पहला मैच हारने के बाद कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम दबाव में थी। साथ ही श्रेयस की इंजरी ने उन्हें पहले से परेशान कर के रखा था। ऐसे में कोलकाता की टीम चार साल के बड़े अंतराल के बाद भले ही अपने घरेलू मैदान पर खेल रही थी लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़
जीत दर्ज करना काफ़ी अहम हो गया था।
बेंगलुरु के ख़िलाफ़ अपनी टीम में बदलाव करते हुए नितीश राणा ने अब तक मिस्ट्री स्पिनर माने जाने वाले
सुयश शर्मा को टीम में शामिल किया था। एक युवा क्रिकेटर के लिए यह एक बड़ा मंच था और उनके सामने टीम को जीत दिलाने के साथ-साथ ख़ुद भी बढ़िया प्रदर्शन करने की चुनौती थी।
सुयश को जब 11वें ओवर में नितीश ने गेंद सौंपी तो उनके सामने दिनेश कार्तिक बल्लेबाज़ी कर रहे थे, जिनकी ख़्याति एक बेहतरीन फ़िनिशर के तौर पर होती है। हालांकि इस दबाव वाली परिस्थिति में भी सुयश ने जिस तरीक़े से गेंदबाज़ी की, उससे यह बिल्कुल नहीं लग रहा था कि सुयश का आईपीएल में यह डेब्यू मैच है। दिल्ली के रहने वाले 20 वर्षीय युवा गेंदबाज़ी ने अभी तक प्रथम श्रेणी का कोई मैच नहीं खेला है। उन्होंने बस दिल्ली की तरफ़ से अंडर 25 की टीम में हिस्सा लिया है।
अपने पहले ही मैच में वह 30 रन देकर तीन विकेट लेने में क़ामयाब रहे। इस प्रदर्शन से सुयश आईपीएल में एक स्पिनर के तौर पर डेब्यू करने वाले दूसरे सबसे बेहतरीन स्पिनर बन गए हैं। पहले स्थान पर मयंक मार्कंडे हैं। जिन्होंने अपने पहले ही मैच में चेन्नई के
ख़िलाफ़ 23 रन देकर तीन विकेट लिया था।
सुयश को जब कोलकाता की टीम में शामिल किया गया था तो लोग उन्हें एक मिस्ट्री स्पिन गेंदबाज़ के नाम पर चिन्हित कर रहे थे। ऐसे भी कोलकाता की टीम और मिस्ट्री गेंदबाज़ों का रिश्ता काफ़ी पुराना रहा है। जहां सुचित्रा सेनानायके, रमेश कुमार, केसी करियप्पा, सुनील नारायण और वरूण चक्रवर्ती जैसे मिस्ट्री स्पिनरों की एक लंबी फ़ेहरिश्त है।
हमें हमेशा से पता होता है कि पावरप्ले में ज़्यादा रन बनाने के बाद बीच के ओवरों में अधिकत्तर बल्लेबाज़ चाहते हैं कि 7-8-10 रन प्रति ओवर के दर से रन बनाएं जाएं। एक विपक्षी टीम के कप्तान के तौर पर मैं चाहता हूं कि हम वह रन न दें और ऐसा करने में हम क़ामयाब रहे तो हम 90 फ़ीसदी मैचों को जीतने में सफ़ल रहेंगे। पहले हमारे पास सनी और वरूण के रूप में दो विकल्प थे। अब सुयश के रूप में मेरे पास तीसरा विकल्प भी है।
नितीश राणा
हालांकि कोलकाता के मौजूद कप्तान नितीश राणा ने उन्हें एक मिस्ट्री स्पिनर की जगह एक नॉर्मल लेग स्पिनर कहा। नितीश ने कहा, "सुयश एक मिस्ट्री स्पिनर नहीं है, वह बस एक नॉर्मल लेग स्पिनर हैं। उसमें एक एक्स फ़ैक्टर यह है कि उसका आर्म स्पीड बहुत तेज़ है। उन्हें पिक करना बहुत आसान नहीं है। इसके अलावा वह हवा में काफ़ी तेज़ हैं। अगर बल्लेबाज़ थोड़ा भी इस संकोच में रहे कि गेंद गुगली है या लेग स्पिन है तो इस बात के सौ फ़ीसदी चांस है कि वह मुसीबत में है।"
अपने पहले ओवर में सुयश ने भले ही नौ रन दिएं, जिसमें एक शॉर्ट गेंद पर एक सिक्सर भी शामिल था लेकिन अपने दूसरे ओवर में उन्होंने दिनेश कार्तिक और कर्ण शर्मा को आउट करते हुए अपने डेब्यू मैच को यादगार बना दिया।
जब नितीश से पूछा गया कि सुयश की गेंदबाज़ी में वह और क्या सुधार देखना चाहते हैं तो उन्होंने कहा, "अगर उनके गेंदबाज़ी में सुधार की बात की जाए तो ऐसा कुछ नहीं है। वह जैसे-जैसे गेंदबाज़ी करते रहेंगे तो वह खेल के अलग-अलग क्षेत्रों में सुधार करते जाएंगे। वह मैच दर मैच कई चीज़ें सीखेंगे। मैदान के बाहर रह कर कोई कुछ नहीं सीखता। जब तक आप 22 यार्ड के पिच पर कुछ नहीं करते हो तो आप कुछ नहीं सीख पाएंगे।"
सुयश को उनके स्पेल का पहला ओवर 11वें ओवर में दिया गया। नितीश ने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि सुयश पावरप्लें गेंदबाज़ी करें। इसका कराण बताते हुए नितीश ने कहा, "फ़ाफ़ (फ़ाफ़ डुप्लेसी) के ख़िलाफ़ सनी(सुनील नारायण) ने पहले भी काफ़ी बढ़िया गेंदबाज़ी की है और एक अहम बात यह थी कि मैं सुयश को पावरप्ले में कोई भी ओवर नहीं देना चाहता था। पावरप्ले में मैंने जब सनी को एक गेंद दिया तो उन्होंने एक विकेट लिया, वरूण को भी छठा ओवर दिया तो उन्होंने भी एक खिलाड़ी को आउट किया। एक कप्तान के तौर पर मुझे भरोसा था कि सुयश मेरे लिए अच्छा करेगा लेकिन उस समय विपक्षी टीम के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ों को आउट करना बहुत ज़रूरी था। इसी कारण से मैंने सोंचा कि क्यूं न सुयश की जगह पर मैं अपने प्रमुख गेंदबाज़ों से गेंदबाज़ी करवाऊं। एक बार जब उन्होंने वह काम कर दिया तो उसके बाद सुयश ने भी तीन विकेट निकाल कर दिए।
कोलकाता के पास अब तीन स्पिन गेंदबाज़ हैं और शायद आने वाले मैचों में भी तीन स्पिन गेंदबाज़ों की रणनीति के साथ ही आगे बढ़ेगी। नितीश ने इस संदर्भ में कहा, "हमें हमेशा से पता होता है कि पावरप्ले में ज़्यादा रन बनाने के बाद बीच के ओवरों में अधिकत्तर बल्लेबाज़ चाहते हैं कि 7-8-10 रन प्रति ओवर के दर से रन बनाएं जाएं। एक विपक्षी टीम के कप्तान के तौर पर मैं चाहता हूं कि हम वह रन न दें और ऐसा करने में हम क़ामयाब रहे तो हम 90 फ़ीसदी मैचों को जीतने में सफ़ल रहेंगे। पहले हमारे पास सनी और वरूण के रूप में दो विकल्प थे। अब सुयश के रूप में मेरे पास तीसरा विकल्प भी है।"