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टेस्ट मैच खेलना मेरे करियर की सबसे यादगार उपलब्धि है: पंकज सिंह

भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ने सभी तरह के क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की

Pankaj Singh had another luckless day, England v India, 4th Test, Old Trafford, 1st day, August 7, 2014

इंग्लैंड के ख़िलाफ़ अपनी एकमात्र टेस्ट सीरीज़ के दौरान पंकज सिंह  •  Getty Images

भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ 36 वर्षीय पंकज सिंह ने 17 साल के लंबे करियर के बाद क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया है। सिंह ने कहा कि कोरोना होने के बाद वह काफी कमजोर महसूस कर रहे थे और उन्हें अपने शरीर की बात सुननी पड़ी।
उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "कोरोना से ठीक होने के बाद उसके बाद के लक्षणों ने मुझे थका दिया। इसके अलावा मुझे लगा कि मैं एक साल के लिए अपने करियर को धक्का देकर भी कुछ नहीं जोड़ सकूंगा। पिछले घरेलू सत्र के दौरान ही मुझे एहसास हुआ कि महीनों तक नहीं खेलने के बाद वापसी करना मुश्किल होता है। अब मेरे लिए पूरा सीज़न खेलना कठिन लग रहा था, इसलिए मैंने सोचा कि मुझे अपने शरीर की बात सुननी चाहिए और संन्यास ले लेना चाहिए।"
2007-08 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर पहली बार भारतीय टेस्ट टीम में शामिल होने वाले पंकज सिंह को अपना टेस्ट कैप हासिल करने के लिए छह साल से अधिक का समय लगा था। उन्होंने 2014 के इंग्लैंड दौरे पर दो टेस्ट और 2010 में जिम्बाब्वे में एक वनडे मैच खेला था। लेकिन पंकज सिंह का घरेलू करियर उन्हें एक अलग खिलाड़ी बनाता है।
2019 में पंकज सिंह 400 रणजी विकेट लेने वाले पहले तेज़ गेंदबाज़ बने थे। कुल मिलाकर उन्होंने 117 मैचों में 472 प्रथम श्रेणी विकेट लिए हैं। इसके अलावा उनके नाम 118 लिस्ट ए और 43 टी 20 विकेट भी शामिल है।
पंकज ने अपने करियर की समाप्ति पुद्दुचेरी के साथ की। हालांकि उन्होंने राजस्थान की तरफ से ही खेलते हुए अपनी पहचान बनाई थी। राजस्थान रणजी टीम के खराब समय के दौरान उन्होंने एक वरिष्ठ तेज़ गेंदबाज़ और कप्तान होने का फर्ज़ निभाया और अपनी टीम को 2010-11 और 2011-12 में लगातार दो रणजी ट्रॉफ़ी जीत दिलाने में मदद की।
पंकज ने कहा, "इंग्लैंड में सौरव गांगुली से टेस्ट कैप हासिल करना बहुत ही विशेष था। मैं भाग्यशाली हूं कि एमएस धोनी जैसे दिग्गज के साथ खेला। एक पेशेवर क्रिकेटर के रूप में टेस्ट क्रिकेट खेलना सबसे यादगार क्षण होता है। यह बहुत संघर्ष के बाद आया था, इसलिए भी यह सबसे खास था।"
पंकज ने 2010-11 के रणजी ट्रॉफ़ी क्वार्टर फ़ाइनल के दौरान मुंबई के ख़िलाफ़ फेंके गए स्पेल को अपना सबसे यादगार स्पेल कहा। उन्होंने कहा, "राजस्थान की पुरानी टीमें मैदान पर उतरने से पहले ही मुंबई जैसी दिग्गज टीम के ख़िलाफ़ हार मान लेती थीं। लेकिन उस मैच में हमने साबित किया कि हम भी कम नहीं हैं। उन्होंने दबाव वाले मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का निर्णय लिया और मैंने शीर्ष क्रम के तीन बल्लेबाज़ो साहिल कुकरेजा, ओमकार गुरव और रोहित शर्मा को आउट कर अपनी टीम को मैच में ला दिया।"
"मुझे अभी भी याद है कि उस मैच में हर कोई मुंबई को फ़ेवरिट कह रहा था। उनके पास एक मजबूत टीम थी, जिसमें अजीत अगरकर, वसीम जाफ़र, अजिंक्य रहाणे, रमेश पवार और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी थे। इसलिए मैंने अपने आप को चैलेंज़ किया कि हमें किसी भी तरह इस मैच को जीतना है। उस मैच के बाद हमें पहली बार लगा कि हम अपना पहला ख़िताब जीत सकते हैं।"
पंकज सिंह बीसीसीआई के लेवल -2 प्रमाणित कोच हैं, जिन्होंने हाल ही में एनसीए द्वारा आयोजित एक कोर्स में हिस्सा लिया था। एक पूर्ण घरेलू कैलेंडर की घोषणा होने के बाद पंकज को विश्वास है कि उन्हें राजस्थान सहित देश भर के युवाओं को कोचिंग और अनुभव साझा करने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा, "रिटायर होने के बाद मैं अब अपने कोचिंग करियर के बारे में सोच रहा हूं। जब तक मैंने एनसीए कोर्स नहीं किया था तब तक मैं सोचता था कि कोचिंग के लिए मेरे करियर का अनुभव ही काफी है। लेकिन इस कोर्स का हिस्सा होने के बाद मुझे टीम के प्रबंधन, खिलाड़ियों को समझने, मानव-प्रबंधन कौशल विकसित करने में मदद मिला। अब क्वालीफ़ाई होने के बाद मैं एक कोच के रूप में किसी टीम के साथ जुड़ने के लिए उपलब्ध हूं।"

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। हिंदी अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर दया सागर (@dayasagar95) ने किया है।