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रनों का पीछा करते हुए चेन्नई सुपर किंग्स का नया मंत्र : चतुर बनो और तेज़ गति से रन बनाओ

अपनी बल्लेबाज़ी में मौजूद गहराई के कारण वे अब कम जोखिम लेकर भी मध्य ओवरों में रन गति को बढ़ाने में सक्षम हैं

अपनी आंखें बंद करें और कल्पना करें कि चेन्नई सुपर किंग्स की टीम दूसरी पारी में लक्ष्य का पीछा कर रही है। सब कुछ अच्छा जा रहा है लेकिन पिच के धीमे होने की संभावना है। पहली पारी में भी तेज़ी से रन तब बने जब गेंद नई थी। अब इस धीमी पिच पर विपक्षी टीम का लेग स्पिनर एक ओपनर को आउट करता है। अगले ही ओवर में दूसरा ओपनर ऑफ़ स्पिनर पर आक्रमण करने के प्रयास में अपना विकेट गंवाता है।
अब यह बताइए कि इस धीमी पिच पर स्पिरों के संभवतः 12 ओवरों के साथ सीएसके बाक़ी बचे रनों का पीछा किस प्रकार करेगी? हां, आपने सही समझा। वह मैच को अंत तक लेकर जाएंगे, रन रेट बढ़ता चला जाएगा और फिर महेंद्र सिंह धोनी, ड्वेन ब्रावो व रवींद्र जाडेजा अंतिम ओवर में टीम की नैया को पार लगाएंगे। ख़ैर, ये अब पुरानी ख़बर है।
यहां नंबर चार पर बल्लेबाज़ी करने आए अंबाती रायुडू और आते संग ही उन्होंने पहली गेंद पर चौका लगाने का प्रयास किया। दाएं और बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों का संयोजन टीम ने पहली विकेट के पतन के बाद से बरक़रार रखा और बल्लेबाज़ों ने आक्रमण करने के लिए सही गेंदबाज़ों का चुनाव किया। उदाहरण के तौर पर मोईन अली ने स्पिन के साथ खेलते हुए लेग स्पिनरों को दो ओवर में दो छक्के जड़ दिए। रायुडू ने ऑफ़ स्पिनर को आड़े हाथों लिया। वह बाउंड्री लगाने के चक्कर में आउट ज़रूर हुए, लेकिन ज़रूरी रन रेट आठ से गिरकर छः रन प्रति ओवर पर आ गया।
मोईन के आउट होने के बाद सुरेश रैना क्रीज़ पर आए और रायुडू के आउट होने के बाद धोनी। इस प्रकार टीम ने अपना संयोजन जारी रखा और रन गति को रुकने नहीं दिया। अंततः सीएसके ने एक अलग अंदाज़ से खेलते हुए 11 गेंद रहते इस रन चेज़ को पूरा कर लिया।
यह सब जानते थे कि सुपर किंग्स को अपने खेल के इस हिस्से को ठीक करने की आवश्यकता है। विपक्षी गेंदबाज़ों को दबाव में डालने के लिए उन्हें मध्य ओवरों में तेज़ गति से रन चाहिए थे। उन्होंने एक व्यावहारिक तरीक़े से रनों की मांग का तोड़ निकाला, ठीक उसी तरह जिस तरह यह टीम अपना खेल खेलती है।
यह बल्लेबाज़ों को मैदान पर जाकर बड़े शॉट्स मारने के लिए कहने जितना आसान नहीं था। धोनी की टीम के लिए भी यह एक जोखिम भरा फ़ैसला होता। इसलिए उन्होंने अपने बल्लेबाज़ी क्रम में गहराई बनाया ताकि इस आक्रामक रवैये से टीम को ज़्यादा नुक्सान ना पहुंचे। अब बल्लेबाज़ निडर होकर खेलने लगे हैं और इसका परिणाम हमें दिख रहा है।
अगर आप 2020 में उनकी बल्लेबाज़ी को ओवरों के अनुसार तीन हिस्सों में बांटोगे तो आपको पता चलेगा कि इस साल पावरप्ले में टीम के रन रेट में कुछ ख़ास बदलाव आया नहीं है। हालांकि मध्य ओवरों में जहां पहले टीम 7.37 रन प्रति ओवर से रन बनाती थी, अब वह हर ओवर में लगभग नौ रन बनाती है। बल्लेबाज़ अपनी विकेट की चिंता किए बिना तेज़ी से रन बना रहे हैं, जिसके पीछे का बड़ा कारण बल्लेबाज़ी में आई गहराई है। इस बदलाव का असर टीम के अंतिम नतीजों पर साफ़ दिख रहा है।
दो लगातार मैचों में जीत दर्ज करने के बाद सीएसके के मुख्य कोच स्टीवन फ़्लेमिंग ने इस बदलाव के बारे में बात की। उन्होंने कहा, "यह संयोग नहीं है कि ड्वेन ब्रावो हमारे लिए नंबर आठ पर बल्लेबाज़ी करने आ रहे हैं। हमने अपनी बल्लेबाज़ी को इस तरह सजाया है कि हम तेज़ी से रन बना सकें। एक टीम के तौर पर हम तेज़ गति से रन बनाना चाहते हैं। हालांकि पिछले सीज़न कई कारणों से हम ऐसा नहीं कर पाए। इसलिए हमने इसे ठीक करते हुए अपनी टीम की बल्लेबाज़ी में गहराई प्रदान की। साथ ही हमने अपने खेलने के रवैये में बदलाव किया, ताकि हम आक्रामक रूप धारण करते हुए बल्लेबाज़ी करें।"
बल्लेबाज़ी में गहराई हासिल करना एक बात है लेकिन आपको सही ढंग से उसका इस्तेमाल करना भी आना चाहिए। धोनी को संसाधनों की बर्बादी करना कतई पसंद नहीं है। इस टीम में प्रत्येक बल्लेबाज़ की एक निश्चित भूमिका है। फ़ाफ़ डुप्लेसी और ऋतुराज गायकवाड़ तेज़ और आकर्षक की बजाए एक ठोस शुरुआत देने की कोशिश करते हैं और साथ ही जल्दी से परिस्थितियों का आकलन कर दूसरे बल्लेबाज़ों तक जानकारी पहुंचाते हैं। मोईन को ऊपर भेजकर उनकी ताक़त का फ़ायदा उठाया जाता है। फिर दाएं और बाएं हाथ के संयोजन को बरक़रार रखने के लिए रायुडू या रैना नंबर चार पर खेलते हैं। धोनी और जाडेजा भी इसके हिसाब से नंबर छः या सात पर बल्लेबाज़ी करने उतरते हैं।
सभी बल्लेबाज़ों ने मैदान की परिस्थितियों और मैच की स्थिति को पढ़कर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अभ्यास सत्र में काफ़ी मेहनत की है। अब जब धोनी मैदान पर उतरते हैं तो उन्हें पता है कि उनके पास हर परिस्थिति में अच्छा खेल खेलने के लिए कई विकल्प मौजूद हैं। धोनी ने कहा, "सभी खिलाड़ियों ने जमकर मेहनत की है। उन्होंने टीम में अपनी भूमिका को समझा और बख़ूबी अंदाज़ से उसे निभाया। मुझे लगता है कि वह सही तरीक़े से मैच की स्थिति को पढ़कर उसके अनुसार अपने खेल को ढाल रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि वह आगे भी ऐसा करते रहेंगे।"
धोनी के लिए एक अच्छी योजना के सफल होनी की ख़ुशी से बढ़कर और कोई ख़ुशी नहीं हैं।

सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।