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विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ बन सकते हैं शफ़ीक़ : बाबर आज़म

पाकिस्तानी कप्तान ने कहा कि उन्होंने गॉल की पिच को ध्यान में रखते हुए ही अभ्यास किया था

अब्दुल्लाह शफ़ीक़ और बाबर आज़म ने तीसरे विकेट के लिए 101 रन जोड़े  •  AFP/Getty Images

अब्दुल्लाह शफ़ीक़ और बाबर आज़म ने तीसरे विकेट के लिए 101 रन जोड़े  •  AFP/Getty Images

अब्दुल्लाह शफ़ीक़ ने अपने करियर की शुरुआत शानदार अंदाज़ में की हैं। अपने छठे ही टेस्ट में नाबाद 160 रनों की पारी के साथ उन्होंने प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता और पाकिस्तान को गॉल में सर्वोच्च सफल लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया। अपनी पहली 11 पारियों में 720 रन बनाकर वह विश्व के दिग्गज बल्लेबाज़ों की सूची में जा पहुंचे हैं। उनके कप्तान बाबर आज़म भी उनके खेल से काफ़ी प्रभावित हुए हैं। बाबर को लगता है कि शफ़ीक़ विश्व के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज़ बन सकते हैं।
शफ़ीक़ की लाजवाब पारी ने सुर्ख़ियां बटोरी जिसमें उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े। अब तक के अपने छोटे टेस्ट करियर में उन्होंने 80 की औसत से जो 720 रन बनाए हैं वह छह मैचों के बाद किसी भी पाकिस्तानी बल्लेबाज़ द्वारा सर्वाधिक है। विश्वास करना कठिन है कि उन्होंने केवल एक प्रथम श्रेणी मैच खेलने के बाद नौ महीने पहले बांग्लादेश में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी।
गॉल टेस्ट जीतने के बाद बाबर ने कहा, "एक युवा खिलाड़ी के तौर पर आपको अलग और कठिन परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करना होता है। उन्होंने क्लास, परिपक्वता और आत्मविश्वास को दर्शाया है। ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाकर आ रही श्रीलंकाई गेंदबाज़ी का सामना करना उनके आत्मविश्वास को और बढ़ाएगा। उनका खेलने का अंदाज़ बहुत साफ़ है, जो यह दर्शाता है कि ऐसे और शतक आएंगे। भले ही अभी वह केवल छह मैच खेले हैं और यह कहना अभी जल्दबाज़ी होगी कि वह इस समय विश्व के सर्वश्रेष्ठ ओपनर हैं, लेकिन मुझे लगता है कि वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भी बन सकते हैं।"
टेस्ट मैच के पहले तीन दिन मिले-जुले रहे और मैच रोमांचक होता चला गया। हालांकि पाकिस्तानी बल्लेबाज़ों ने स्पिन के लिए मददगार पिच पर संभलकर बल्लेबाज़ी की और चौथे दिन टीम को मज़बूत स्थिति में डाल दिया। अंतिम दिन मेहमान टीम को जीत के लिए 120 रन चाहिए थे, जिससे उन्होंने राहत की सांस ली होगी। हालांकि 2009 टेस्ट की बुरी यादें उनके मन में ताज़ा रही होगी जब आठ विकेट शेष रहते 97 रनों की आवश्यकता होने पर भी टीम लक्ष्य से पहले सिमट गई थी।
गॉल के इतिहास और 342 के बड़े लक्ष्य ने पाकिस्तान के हौसलों को धक्का पहुंचाया होगा लेकिन बाबर के अनुसार टीम लक्ष्य को हासिल करने के लिए तैयार थी। उन्होंने बताया कि टीम ने स्पिन होती पिच के लिए जमकर अभ्यास किया था।
बाबर ने कहा, "हम जानते हैं कि गॉल में स्पिनरों को मदद मिलेगी और इसलिए हमने पिच को ध्यान में रखते हुए तैयारी की थी। मैच के अंतिम पड़ाव पर गेंद अधिक उछाल लेकर घूमती है और यही हमारे दिमाग़ में था, जब हम इसके लिए अभ्यास कर रहे थे। यही कारण है कि हमें यह नतीजा हाथ लगा।"
इस पिच पर जहां दूसरी पारी में 100 में से 74 ओवर पाकिस्तानी स्पिनरों ने डाले, तीन तेज़ गेंदबाज़ों के चयन पर बाबर ने कहा कि वह अगले मैच के लिए रणनीति का आकलन करेंगे। हालांकि ऐसा कहते हुए उन्होंने अपने तेज़ गेंदबाज़ों का समर्थन किया।
उन्होंने कहा, "पाकिस्तान ने कई तेज़ गेंदबाज़ दिए हैं जिन्होंने सपाट पिचों पर भी मैच जिताए हैं। हम अगले मैच से पहले टीम संयोजन पर चर्चा करेंगे। प्रत्येक मैच की अच्छी और बुरी बातें होती है और आप अच्छी बातों को संझोकर रकना चाहते हैं। साथ ही आप ग़लतियों पर काम करते हुए उनसे सीखना चाहते हैं।"
पहली पारी में सात विकेट जल्दी गंवाने के बाद कप्तान ने निचले क्रम के साथ मिलकर महत्वपूर्ण रन बनाए और टीम को पहली पारी में श्रीलंका के स्कोर के काफ़ी क़रीब पहुंचाया। निचले क्रम के साथ बल्लेबाज़ी करते हुए शतक बनाने के अनुभव पर बाबर ने कहा, "यह अद्भुत पारी है क्योंकि टीम को मेरी ज़रूरत थी। मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाना और उससे कुछ हासिल करने से बहुत आत्मविश्वास और संतोष मिलता है। मैं इसे अपनी सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक कहूंगा क्योंकि विकेट गिर रहे थे और निचले क्रम के साथ बल्लेबाज़ी करना और कठिन होता है। आपको दूसरे छोर पर भी ध्यान रखना पड़ता है और उनका मार्गदर्शन करने के साथ-साथ आपको अपने रन भी बनाने होते हैं। खुली फ़ील्ड पर रन बनाने के तरीक़े खोजना और अपनी योजना पर अमल करने से मैं बहुत प्रसन्न हूं।"

उमर फ़ारूक़ ESPNcricinfo के पाकिस्तानी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।