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पंत का रिकॉर्ड तोड़ने के बाद बड़े मौके के इंतज़ार में उर्विल पटेल

गुजरात के इस कीपर-बल्‍लेबाज़ ने हाल ही में दुनिया में दूसरा सबसे तेज़ T20 शतक लगाया, इससे पहले वह लिस्‍ट ए क्रिकेट में किसी भी भारतीय द्वारा दूसरा सबसे तेज़ शतक लगा चुके हैं

Urvil Patel smashed second fastest List A ton by an Indian, Gujarat vs Arunachal Pradesh, Vijay Hazare Trophy, Group D, Chandigarh, November 27, 2023

उर्विल पटेल के नाम किसी भी भारतीय द्वारा दूसरे सबसे तेज़ शतक का रिकॉर्ड भी है  •  GCA

IPL 2025 की बड़ी नीलामी में जब उर्विल पटेल नहीं बिके तो उनसे ज़्यादा उनके पिता मुकेश दुखी थे।
अपने युवा दिनों में मुकेश पटेल यूनिवर्सिटी स्‍तर पर स्प्रिंटर थे। लेकिन मार्गदर्शन और साधनों के अभाव के कारण उन्हें अपनी महत्‍वकांक्षा को त्‍यागकर एक सरकारी स्‍कूल में शारीरिक अध्यापक के तौर पर नौकरी करनी पड़ी। तब से उनका बस एक सपना था कि उनका बेटा उच्‍च स्‍तर पर खेलों में नाम रोशन करे।
उर्विल, जो घरेलू क्रिकेट में गुजरात के लिए विकेटकीपिंग और ओपनिंग करते हैं, इससे पहले IPL का हिस्‍सा रह चुके हैं। 2023 की नीलामी में गुजरात टाइटंस (GT) ने उनको उनके बेस प्राइज़ 20 लाख में ख़रीदा था, लेकिन उनको खेलने का मौक़ा नहीं मिला और उनको सीज़न के बाद रिलीज़ कर दिया। इस बार जब उनका नाम भी नीलामी में नहीं आया तो उनके पिता का निराश होना स्वाभाविक था।
उर्विल खुद भी निराश थे, लेकिन उन्होंने इसका असर अपने खेल पर नहीं होने दिया। नीलामी के बाद जब सैयद मुश्‍ताक़ अली ट्रॉफ़ी में गुजरात का सामना त्रिपुरा से हुआ तो उर्विल ने मात्र 28 गेंद में T20 क्रिकेट का दूसरा सबसे तेज़ शतक लगा दिया। ऋषभ पंत के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए यह किसी भारतीय द्वारा सबसे तेज़ T20 शतक था और साहिल चौहान द्वारा इस्‍टोनिया के लिए साइप्रस के ख़‍िलाफ़ स्थापित किए गए विश्व रिकॉर्ड से सिर्फ़ एक गेंद धीमा।
उर्विल की 35 गेंद में नाबाद 113 रन की पारी की मदद से गुजरात ने 10.2 ओवर में 156 रनों का लक्ष्‍य हासिल कर लिया। उन्‍होंने अपनी पारी में 12 छक्‍के लगाए, जिसमें से चार पार्ट-टाइम स्पिनर मनदीप सिंह की लगातार चार गेंदों पर आए थे।
मैच के बाद उन्‍होंने अपने पिता को फ़ोन किया। उर्विल ने ESPNcricinfo को बताया, "मैंने उनको कहा कि यह शतक उनके लिए था। मैं अपने पिता के काफ़ी नज़दीक हूं। उन्‍होंने मेरे करियर के लिए कई त्‍याग किए हैं। वह सुबह चार बजे उठ कर मुझे अभ्‍यास के लिए लेकर जाते थे। वह कक्षा 11 और 12 के बच्‍चों को ट्यूशन देते थे, लेकिन उन्‍होंने इसे बंद किया ताकि वह मुझे और अधिक समय दे सकें।"
यह पहली बार नहीं था जब उर्विल ने निराशा हाथ लगने के बाद कुछ ख़ास किया था। एक साल पहले GT द्वारा रिलीज़ किए जाने के अगले दिन ही उन्‍होंने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में अरुणाचल प्रदेश के ख़‍िलाफ़ 41 गेंद में शतक लगाया था। यह लिस्‍ट ए में किसी भारतीय द्वारा दूसरा सबसे तेज़ शतक था। रिकॉर्ड यूसुफ़ पठान के नाम है, जिन्‍होंने 2010 में बड़ौदा के लिए खेलते हुए महाराष्‍ट्र के ख़‍िलाफ़ 40 गेंद में शतक लगाया था।
क्या दोनों अवसरों पर उर्विल के पास अपनी योग्यता साबित करने की अतिरिक्त प्रेरणा थी?
उन्‍होंने हंसते हुए कहा, "ऐसा कुछ नहीं है। जब आप क्रीज़ पर होते हैं तो बहुत दबाव होता है और ये चीज़ें आपको याद भी नहीं रहती।"
यह सच है कि ये दोनों पारियां कमजोर टीमों के ख़‍िलाफ़ आई लेकिन उर्विल अपने दिन पर किसी भी गेंदबाज़ी आक्रमण के ख़‍िलाफ़ ऐसा खेल सकते हैं। अरुणाचल प्रदेश के ख़‍िलाफ़ शतक लगाने के बाद अगले दो मैचों में उन्‍होंने उत्‍तर प्रदेश के ख़‍िलाफ़ 83 गेंद में 86 और हिमाचल प्रदेश के ख़‍िलाफ़ 93 गेंद में 116 रनों की पारी खेली।

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उर्विल का जन्‍म वडनगर में हुआ था, लेकिन खेलना शुरू किया उन्‍होंने पालनपुर में, गुजरात का एक ऐसा शहर जो हीरों के व्यापार के लिए जाना जाता है। कोच प्रकाश पटणी के मार्गदर्शन में अपनी प्रतिभा को तराशने के बाद उर्विल अब अपने क्षेत्र के सबसे ज़्यादा चमकने वाले हीरे हैं।
2017-18 में अपने पहले ही T20 मैच में उन्‍होंने बड़ौदा के लिए मुंबई के ख़‍िलाफ़ 28 गेंद में 50 रन की पारी खेली थी। लेकिन बड़ौदा के साथ एक सीज़न के बाद ही वह गुजरात के लिए खेलने लगे।
उर्विल ने कहा, "बड़ौदा में कोई कमी नहीं थी। मुझे बस लगा कि गुजरात में शायद मुझे ज़्यादा मौके मिलें। लेकिन मैं इस बात से वाकिफ़ था कि उसके लिए मुझे अच्छा प्रदर्शन करना होगा।"
अब तक उन्‍होंने 45 T20 खेले हैं, जिसमें उन्होंने 161.72 के स्‍ट्राइक रेट से 1014 रन बनाए हैं। उनके लिस्‍ट ए के आंकड़ें भी बेहतरीन हैं - 14 मैचों में 111.26 के स्‍ट्राइक रेट से 415 रन। उन्‍होंने छह प्रथम-श्रेणी मैच भी खेले हैं, लेकिन उनका ज़्यादा ध्यान सफ़ेद गेंद क्रिकेट पर है। "पॉवर हिट‍िंग मुझमें शुरू से है," वह कहते हैं।
इसके इलावा उर्विल की सब बड़ी ताक़त उनका आत्मविश्वास है। उन्‍होंने कहा, "T20 ऐसा प्रारूप है जहां पर आपको ख़तरे मोल लेने होते हैं। इसलिए सबसे अहम है दिमाग़ को ठंडा रखना और खुद पर भरोसा करना।"
भले उन्हें IPL 2023 में मौका नहीं मिला, लेकिन उनके लिए सीखने को बहुत कुछ था। उन्‍होंने देखा कि हार्दिक पंड्या और राशिद ख़ान अपने काम को लेकर कितने पेशेवर हैं। विकेटकीपिंग के बारे में तक़नीकी बातें ऋद्धिमान साहा ने बताईं।
उर्विल ने कहा, "मैंने ऋद्धि भाई के साथ बहुत समय बिताया। उन्‍होंने बताया कि मैं कहां-कहां सुधार कर सकता हूं। विकेट के पीछे मूवमेंट पर बातचीत की, जिससे मुझे काफ़ी मदद मिली।"
जब भी उर्विल को अतिरिक्त प्रेरणा की ज़रूरत होती है तो वह याद करते हैं कि उन्‍होंने क्रिकेट खेलना क्‍यों शुरू किया था - अपने पिता के लिए। हर क्रिकेटर की तरह उनका सपना भी एक दिन भारत के लिए खेलना है, लेकिन वह अभी इतनी दूर की नहीं सोच रहे।
उन्‍होंने कहा, "मेरा लक्ष्य यही है कि आज मैं जहां हूं, उससे आगे बढूं। उसके लिए मुझे जितने भी रन बनाने हैं, वो बनाने हैं। जो भी सुधार करना है, वो करना है।"

हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं।