पूर्व भारतीय टेस्ट क्रिकेटर
हरभजन सिंह का मानना है कि "मौजूदा परिस्थितियों" में भारत को टी20 विश्व कप में सफल होने के लिए तेज़ गेंदबाज़
दीपक चाहर को दल में शामिल करना चाहिए।
भारतीय दल गुरुवार को 23 अक्तूबर से शुरू होने वाली विश्व कप अभियान के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना हो चुकी है। तेज़ गेंदबाज़
जसप्रीत बुमराह पीठ में चोट के चलते इस दल से बाहर हो चुके हैं, हालांकि कप्तान रोहित शर्मा और मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने यह संकेत दिए हैं कि उनकी जगह अनुभवी गेंदबाज़ मोहम्मद शमी को टीम में जगह मिल सकती है। अब तक भारत ने औपचारिक रूप में बुमराह के रिप्लेसमेंट की घोषणा नहीं की है। शमी के अलावा चाहर और मोहम्मद सिराज का नाम भी चर्चा में रहा है। शमी और चाहर वैसे रिज़र्व खिलाड़ी के तौर पर ऑस्ट्रेलिया जाने के उम्मीदवार हैं। बुमराह का रिप्लेसमेंट 11 अक्तूबर को साउथ अफ़्रीका के विरुद्ध चल रहे वनडे सीरीज़ के ख़त्म होने पर ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगा।
हरभजन ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा, "दीपक चाहर इकलौते ऐसे गेंदबाज़ हैं जो किसी भी परिस्थिति में गेंद को दोनों तरफ़ स्विंग करवाते हैं और हमेशा पावरप्ले में दो-तीन विकेट लेने की क्षमता रखते हैं। उनकी इनस्विंग उतनी ही कारगर है जितनी उनकी आउटस्विंगर और वह ऐसे पिच पर भी गेंद को मूव कराते हैं जहां ज़्यादा जान मौजूद ना हो। मौजूदा परिस्थितियों में उनका कौशल उन्हें भुवनेश्वर [कुमार] से आगे रखता है।"
भारत के लिए भुवनेश्वर ने हाल ही में वापसी करते हुए नई गेंद से अच्छी गेंदबाज़ी की है लेकिन बुमराह के ग़ैरमौजूदगी में डेथ ओवर्स (17-20) में रन रोकने में वह असफल रहे हैं। 2021 के बाद से उन्होंने भारत के लिए 23 टी20आई में केवल 15 विकेट लिए हैं। 2022 के अंतर्राष्ट्रीय सीज़न में डेथ ओवर्स में उनकी इकॉनमी रेट 11.37 की रही है। इसी दौरान हर्षल पटेल (11.17) भी डेथ ओवर्स में किफ़ायती गेंदबाज़ी नहीं कर पाए हैं।
हरभजन ने कहा, "भुवी अनुभवी गेंदबाज़ हैं और 19वें ओवर में वह अगर 8-10 रन देते हैं तो ठीक है। लेकिन जब यह आंकड़ा 15 या उसके ऊपर निकल जाता है तब दूसरी टीम का फ़ायदा होता है। इसलिए मैं दीपक चाहर को टीम में रखूंगा। यॉर्कर डालना एक विशेष कला है और यह पिच पर निर्भर नहीं है। ऐसे में जस्सी [बुमराह] भी मार खा सकते हैं लेकिन शायद 10 गेंदों में ऐसा दो बार ही होता है। यही उन्हें इतना ख़ास बनाता है।"
वैसे डेथ ओवर्स में एक अच्छे विकल्प निकले हैं अर्शदीप सिंह, जिन्होंने इसी साल भारत के लिए डेब्यू किया। उन्होंने आख़िरी चार ओवरों में 8.53 की इकॉनमी से रन दिए लेकिन हाल ही के साउथ अफ़्रीका सीरीज़ में केवल दो मैच खेलकर उन्होंने दोनों दलों में सर्वाधिक पांच विकेट लिए। हालांकि हरभजन मानते हैं साउथ अफ़्रीका सीरीज़ ने दर्शाया कि सपाट पिचों पर अभी उन्हें अच्छे नियंत्रण से गेंदबाज़ी करना सीखना होगा।
हरभजन ने कहा, "अर्शदीप एक ख़ास प्रतिभा हैं और उनका भविष्य उज्जवल है। बाएं हाथ का कोण भी उन्हें अलग बनाता है लेकिन मुझे लगता है उन्हें पिच से थोड़ी सहायता की ज़रूरत पड़ती है। इतने युवा गेंदबाज़ से दबाव में छह के छह सटीक गेंदों की उम्मीद रखना भी सही नहीं।"
हरभजन के अनुसार हर्षल भारतीय क्रिकेट में सबसे अच्छी धीमी गेंद डालते हैं, लेकिन उसे असरदार होने के लिए सही पिच की ज़रूरत भी पड़ती है। उन्होंने कहा, "उनकी धीमी गेंद के लिए पिच पर गेंद का रुकना ज़रूरी है। अगर आप 2021 आईपीएल में देखें, वह सबसे ज़्यादा असरदार थे क्योंकि आरसीबी (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) ने अपने शुरुआती मैच चेन्नई और फिर यूएई में खेले। लेकिन मोहाली, गुवाहाटी और इंदौर की सपाट पिचों पर वह इतने असरदार नहीं थे। ऑस्ट्रेलिया में एमसीजी, एससीजी और एडिलेड में गेंद ग्रिप नहीं करेगी और ऐसे में फ़ुल स्लो गेंद ज़्यादा प्रभाव नहीं डालेगी। हालांकि वहां के मैदान बड़े होते हैं तो शायद धीमी बाउंसर पर आप बल्लेबाज़ों को कैच आउट करवा सकते हैं।"
ऑस्ट्रेलिया जाने वाली दल में उमरान मलिक को मुख्य टीम में जगह नहीं मिली है लेकिन वह भारत के अभ्यास में सहायता देने के लिए ऑस्ट्रेलिया में मौजूद होंगे। हरभजन का मानना है कि 150 किमी की गति के चलते भारतीय प्रबंधन के पास उन्हें भी दल में रखने की सोच होगी, ख़ास कर अगर मोहम्मद शमी अपने हालिया कोरोना संक्रमण से पूरी तरह स्वस्थ्य ना हुए हो। हरभजन ने कहा, "पूरा देश शमी के फ़िट हो जाने की दुआ मांगेगा, लेकिन अगर वह उपलब्ध नहीं होते तो हमारे पास विकल्प होने चाहिए।"
(पीटीआई से साक्षात्कार पर आधारित रिपोर्ट)