पूर्व बांग्लादेशी कप्तान और अनुभवी बल्लेबाज़
तमीम इक़बाल का मानना है कि उनकी टीम को
ईश सोढ़ी को नॉन स्ट्राइक छोर पर रन आउट करने के बाद वापस नहीं बुलाना चाहिए था। सोढ़ी इस मैच के दौरान
नॉन स्ट्राइक पर रनआउट हुए थे, जिन्हें बांग्लादेशी कप्तान
लिटन दास ने अपील वापस लेकर क्रीज़ पर वापस बुला लिया था।
मैच के बाद तमीम ने कहा, "अगर इस तरह से आउट करने का नियम है तो मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ ग़लत है। अगर हम किसी को इस तरह आउट करते हैं या फिर हम में से कोई इस तरह से आउट होता है, तो हमें अलग तरह से प्रतिक्रिया नहीं देना चाहिए। मुझे लगता है कि यह टीम का निर्णय है। हमें आज की घटना के बारे में निश्चित रूप से बात करना चाहिए। अगर यह टीम का निर्णय है कि हम इस तरह से विकेट ले सकते हैं, तो हम लेंगे। और अगर हम ऐसा नहीं करना चाहते, तो हम ऐसे आउट करने की कोशिश भी नहीं करेंगे। ऐसे किसी को आउट करके फिर वापस बुलाना अच्छा नहीं लगता। या तो हम ऐसा करेंगे या फिर नहीं करेंगे।"
यह घटना न्यूज़ीलैंड की पारी के 46वें ओवर के दौरान हुई, जब तेज़ गेंदबाज़
हसन महमूद ने सोढ़ी को नॉन स्ट्राइक पर आगे बढ़ते हुए पकड़ा था। गेंदबाज़ ने मैदानी अंपायर मराय इरासमस से अपील की, तो उन्होंने फ़ैसले के लिए उसे टीवी अंपायर के पास भेजा।
रिप्ले में दिखा कि जब महमूद ने गिल्ली उड़ाया तो सोढ़ी क्रीज़ से बाहर थे। इसके बाद सोढ़ी मुस्कुराते हुए पवेलियन के लिए वापस बढ़ गए। हालांकि जब तक वह बाउंड्री तक पहुंचते, तब तक बांग्लादेशी कप्तान लिटन ने अंपायरों से बात कर अपनी अपील वापस ले ली और सोढ़ी को वापस बुला लिया। सोढ़ी दौड़ते हुए पिच तक आए और महमूद को गले लगा लिया। इसके बाद उन्होंने लिटन से हाथ भी मिलाया।
तमीम ने आगे कहा, "मुझे नहीं लगता कि सोढ़ी को ऐसा करना (क्रीज़ को पहले छोड़ना) चाहिए था। उन्हें इस तरह से आउट होने के बाद आश्चर्यचकित भी नहीं होना था। मैं उनकी प्रतिक्रिया से आश्चर्यचकित था। यह नियम अब क्रिकेट का हिस्सा है। ऐसे मामलों में चेतावनी की भी कोई ज़रूरत नहीं है। शायद हमारे कप्तान को लगा कि हमें इस तरह से विकेट नहीं लेना चाहिए, तो उन्होंने सोढ़ी को वापस बुलाया। इसमें कुछ भी ग़लत या सही नहीं है।"
जिस समय यह घटना घटी, उस समय सोढ़ी 26 गेंदों पर 17 रन बनाकर खेल रहे थे। इसके बाद उन्होंने दो छक्कों की मदद से 13 गेंदों पर 18 रन बनाए और न्यूज़ीलैंड का स्कोर 254 तक पहुंच गया। दूसरी पारी में सोढ़ी ने 39 करन देकर छह विकेट भी लिए और प्लेयर ऑफ़ द मैच बने।
मैच के बाद सोढ़ी ने कहा, "मैं अच्छा बल्लेबाज़ नहीं हूं लेकिन यह बांग्लादेश का अच्छा भाव था। अगर मैं गेंदबाज़ रहूंगा तो ऐसा ही करूंगा। मैं न्यूज़ीलैंड के जिन महान कप्तानों के अधीन खेला हूं, मुझे लगता है कि वे भी ऐसा ही करते। लिटन ने इसे बेहतरीन ढंग से हैंडल किया। मैंने गेंदबाज़ को गले लगाया और लिटन से हाथ मिलाया। हम क्रिकेट के खेल का सम्मान करते हैं और इसकी भावना 'स्प्रिट ऑफ़ क्रिकेट' को बचाए रखना चाहते हैं। मैं उन पुराने परंपराओं वाला खिलाड़ी हूं, जो बल्लेबाज़ को पहले चेतावनी देता है। हालांकि मुझे यह भी पता है कि अब नियम बदल गए हैं।"