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इन पांच प्रदर्शनों की बदौलत चैंपियंस ट्रॉफ़ी फ़ाइनल में पहुंचा भारत

हर मौक़े पर भारतीय टीम ने टीम एफ़र्ट का परिचय दिया है लेकिन ऐसे प्रदर्शन भी हैं जिन्होंने भारत के इस अभियान में अग्रणी भूमिका निभाई है

चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में भारत का सामना न्यूज़ीलैंड से होगा। टूर्नामेंट से पहले भारत इंग्लैंड के ख़िलाफ़ श्रृंखला ज़रूर जीतकर आ रहा था लेकिन इसके बावजूद कई सवाल ऐसे थे जिनके जवाब भारतीय टीम को अब भी तलाशने बाक़ी थे। हालांकि चैंपियंस ट्रॉफ़ी का अभियान अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है और ट्रॉफ़ी भारत से सिर्फ़ एक क़दम दूर है। ऐसे में हम उन पांच अहम प्रदर्शनों पर नज़र डालते हैं जिन्होंने भारत को यहां तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा की।

विराट कोहली, 84 (बनाम ऑस्ट्रेलिया, सेमीफ़ाइनल)

वनडे वर्ल्ड कप 2023 के फ़ाइनल की कड़वी यादें अभी भी ताज़ा थीं और ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 264 का स्कोर भी खड़ा कर लिया था। शुभमन गिल के जल्दी आउट होने के बाद कप्तान रोहित शर्मा भी कूपर कॉनली की गेंद पर स्वीप खेलने के चक्कर में पगबाधा हो गए थे। भारत 43 पर दो विकेट गंवा चुका था और अब एक बार फिर विराट कोहली पर बड़ी ज़िम्मेदारी आ चुकी थी। ऐसे में उनसे कुछ ऐसे ही प्रदर्शन की उम्मीद थी जैसा दो सप्ताह पहले उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ शतक जड़कर किया था।
श्रेयस अय्यर के साथ पहले कोहली ने साझेदारी बनाई और देखते ही देखते भारत एक अच्छी स्थिति में पहुंच गया। आलम यह हुआ कि दुबई की पिच पर ऑस्ट्रेलिया को कुल पांच स्पिनर इस्तेमाल करने पड़ गए जो कि उनके वनडे क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ़ दूसरी बार हुआ था। कोहली जब अर्धशतक बना चुके थे तब शॉर्ट कवर पर मैक्सवेल से उनका कैच भी छूटा था लेकिन उस दिन क़िस्मत भी कोहली की मेहनत के आगे नतमस्तक हो गई थी। कोहली शतक नहीं बना पाए लेकिन उनके 84 रनों ने भारत को जीत की दहलीज़ पर ला दिया था, जिसे हार्दिक पंड्या और केएल राहुल ने मिलकर पार लगा दिया।

श्रेयस अय्यर, 45 (बनाम ऑस्ट्रेलिया, सेमीफ़ाइनल)

भारत जब चैंपियंस ट्रॉफ़ी की तैयारियों के लिहाज़ से इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू वनडे सीरीज़ खेलने की तैयारी कर रहा था तब संभवतः अय्यर ICC टूर्नामेंट में भारत की प्राथमिक एकादश का हिस्सा नहीं थे। इस बात के संकेत ख़ुद अय्यर ने नागपुर वनडे के बाद दिए थे जब उन्होंने बताया था कि कोहली के घुटने की चोट के चलते बाहर होने के कारण उन्हें एकादश में जगह दी गई थी। हालांकि इस टूर्नामेंट में कोहली और अय्यर ने ज़रूरत पड़ने पर भारत का बेड़ा पार लगाया है।
चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भारत को अपने सभी मैच दुबई में खेलने थे जहां की पिच पाकिस्तान की तुलना में स्पिन को अधिक मददगार है। स्पिन के अच्छे खिलाड़ी माने जाने वाले अय्यर के प्रदर्शन ने इस अवधारणा पर एक बार फिर मुहर लगाई, जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ (56) कोहली के साथ मिलकर भारत को क्रमशः फ़ाइनल का टिकट और सेमीफ़ाइनल की दहलीज़ पर पहुंचाया। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ भी जब भारतीय पारी लड़खड़ाई तब अय्यर ने अपने वनडे करियर का सबसे धीमा अर्धशतक लगाकर भारत को संकट से उबारा। हालांकि यह सिर्फ़ अय्यर के प्रदर्शन का एक पक्ष है। हालिया समय में मध्य क्रम में अय्यर की मौजूदगी ने अन्य बल्लेबाज़ों को कम जोखिम उठाने की सहूलियत प्रदान की है जिसकी गवाही ख़ुद आंकड़े देते हैं। न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अय्यर के आंकड़े भी शानदार हैं और फ़ाइनल में भारतीय टीम को उनसे अपने इस प्रदर्शन को एक बार फिर दोहराने की उम्मीद होगी।

वरुण चक्रवर्ती, 42 रन देकर 5 विकेट (बनाम न्यूज़ीलैंड)

वरुण चक्रवर्ती पहले भारतीय टीम के चैंपियंस ट्रॉफ़ी दल का हिस्सा नहीं थे। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ T20 श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन की बदौलत पहले उन्हें वनडे सीरीज़ में जगह मिली और फिर उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफ़ी के दल में भी जगह पक्की कर ली। हालांकि यह सवाल तब भी बना हुआ था कि चूंकि कुलदीप यादव, अक्षर पटेल और रवींद्र जाडेजा पहले से ही दल में मौजूद हैं तो क्या वरुण को भारतीय टीम के एकादश में जगह मिल पाएगी? पहले दो मैच में वरुण को एकादश में जगह नहीं मिल पाई लेकिन ग्रुप स्टेज के अंतिम मैच में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ उन्होंने कुछ ऐसा प्रदर्शन किया जिसके चलते अब भारतीय टीम खिताबी जंग लड़ने के लिए उनके बिना मैदान पर नहीं उतर सकती।
न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ भारतीय शीर्ष क्रम ढह जाने के चलते भारत बहुत बड़ा स्कोर (249) नहीं खड़ा कर पाया था और टूर्नामेंट में यह पहली बार था जब भारत को किसी स्कोर का बचाव करना था। हार्दिक ने रचिन रविंद्र को शुरुआत में ही पवेलियन लौटा दिया था लेकिन केन विलियमसन और विल यंग के बीच साझेदारी पनप चुकी थी, हालांकि इसके बाद वरुण की फिरकी के चक्रव्यूह में एक-एक कर कीवी बल्लेबाज़ फंसते चले गए। वरुण द्वारा बनाए गए दबाव के चलते रवींद्र जाडेजा और कुलदीप को भी सफलता हासिल हुई और एक छोर पर विलियमसन के डटे रहने के बावजूद मैच पर एक बार भारत की पकड़ बनने के बाद न्यूज़ीलैंड वापसी नहीं कर पाया। सेमीफ़ाइनल में भी वरुण ने हालिया समय में भारत को सबसे ज़्यादा परेशान करने वाले बल्लेबाज़ ट्रैविस हेड को अपना शिकार बनाया।

शुभमन गिल, 101* (बनाम बांग्लादेश)

बांग्लादेश के ख़िलाफ़ टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में भारत जीत का प्रबल दावेदार था लेकिन गेंदबाज़ी में एक बेहतरीन शुरुआत के बाद पारी का अंत आते आते बांग्लादेश ने मोमेंटम को अपनी ओर मोड़ लिया था। रोहित शर्मा के साथ भारत को गिल ने एक तेज़ शुरुआत दिलाई थी लेकिन रोहित के आउट होने के बाद कोहली, अय्यर और अक्षर गिल का अधिक देर तक साथ नहीं दे पाए जिसके परिणाम स्वरूप 144 के स्कोर पर भारत की आधी टीम पवेलियन लौट चुकी थी। मैच फंसने की कगार पर था क्योंकि लक्ष्य अभी भी दूर था और यहां से भारत को एक अच्छी साझेदारी की दरकार थी। गिल ने राहुल के साथ यह बीड़ा उठाया और नाबाद शतक लगाकर उन्होंने भारत का बेड़ा पार लगाकर ही दम लिया।
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ भी अर्धशतक से चूकने से पहले गिल (46) भारत के लिए आधा काम कर चुके थे, जिसके बाद कोहली (100*) और अय्यर (56) ने भारत की जीत सुनिश्चित कर दी। हालांकि पिछले दो मैच में गिल के बल्ले से कुछ ख़ास रन नहीं निकले हैं लेकिन फ़ाइनल में उनके ऊपर कप्तान रोहित के साथ भारत को एक ठोस शुरुआत दिलाने की ज़िम्मेदारी होगी।

मोहम्मद शमी, 53 पर पांच (बनाम बांग्लादेश)

चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भारतीय टीम अपने प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह के बिना दुबई की उड़ान भर रही थी, तो वहीं दूसरी तरफ़ भारतीय टीम के पास मोहम्मद शमी का विकल्प था जो कि लगभग डेढ़ वर्षों बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी कर रहे थे। हालांकि इंग्लैंड के ख़िलाफ़ शमी का वर्कलोड मैनेज करने के उद्देश्य से उन्हें एकादश में सीमित मौक़े दिए गए लेकिन उनकी गेंदबाज़ी में पुरानी धार का लौटना अब भी बाक़ी था।
बांग्लादेश के ख़िलाफ़ मैच खेलने के लिए मैदान में उतरने से पहले शमी ने चोट से उबरने के कठिन दौर को साझा किया था और कुछ ही मिनटों के बाद उनकी गेंद बांग्लादेशी बल्लेबाज़ी को कठिनाई में डाल चुकी थी। शमी के दोहरे झटकों के बाद बांग्लादेश 38 पर पांच विकेट गंवा चुका था लेकिन जब तौहीद हृदोय (100) और जाकेर अली (68) में साझेदारी पनपी तब शमी ने ही इस साझेदारी को तोड़ा और बांग्लादेश को 228 के स्कोर पर रोकने में अहम भूमिका निभाई। न्यूज़ीलैंड के अधिकतर बल्लेबाज़ों को शमी ने काफ़ी परेशान किया है, ऐसे में फ़ाइनल में आस की एक डोर उनसे भी बंधी रहेगी।

नवनीत झा ESPNcricinfo हिंदी में कंसल्टेंट सब एडिटर हैं।