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टी-20 विश्व कप आयोजन के फ़ैसले पर बीसीसीआई को ज़्यादा समय क्यों चाहिए

भारत सरकार से टैक्स छूट और कोविड-19 का संक्रमण मूल चिंताओं में से एक है।

Sourav Ganguly at a BCCI meeting at the ITC Royal Bengal Hotel, Kolkata, December 19, 2019

फ़ाइल फ़ोटो: शनिवार को बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली एसजीएम की बैठक में उपस्थित रहे  •  BCCI

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) चाहता है कि टी20 वर्ल्ड कप के आयोजन स्थल पर फ़ैसला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) उसे और ज़्यादा समय दे। माना जाता है कि बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने शनिवार को एक विशेष आम बैठक (एसजीएम) में सदस्यों को सूचित किया था कि बीसीसीआई, आईसीसी से एक और महीने रुकने के लिए कहेगा और इस दौरान बोर्ड यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि भारत में टी-20 विश्व कप कराना संभव हो पाएगा या नहीं।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली के एक जून को आईसीसी बोर्ड की बैठक में औपचारिक रूप से इस अनुरोध को रखने की उम्मीद है। एसजीएम के बाद एक मीडिया विज्ञप्ति में, बीसीसीआई ने सभी राज्यों क्रिकेट बोर्ड से कहा है कि आईसीसी को एक पत्र लिख कर यह अनुरोध करे कि टी-20 विश्व कप को आयोजन से संबंधित कोई भी फैसला लेने से पहले थोड़ा वक्त दिया जाए।
बीसीसीआई को और समय क्यों चाहिए?
इस बात के मुख्यतः दो कारण हैं। कोविड -19 महामारी ने पहले से ही उलझे हुए मुद्दे में जटिलता की एक और परत जोड़ दी है। आईसीसी चाहता है कि बीसीसीआई भारत सरकार के साथ बात करे और टैक्स छूट के मामले को हल करे। आईसीसी ने कहा है कि विश्व कप जैसे टूर्नामेंट चलाने से होने वाले मुनाफ़े को अधिक से अधिक करने के लिए उसे पूर्ण रूप से टैक्स में छूट की आवश्यकता है।
एसजीएम में सदस्यों को सूचित किया गया था कि बीसीसीआई भारत सरकार को टी20 विश्व कप की मेज़बानी के लिए अनुमानित कुल राजस्व का लगभग 46% भुगतान करेगा। बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने कहा कि यह राशि 900 करोड़ रुपये (लगभग 125 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के क़रीब थी।
कर छूट के मामले में ICC लंबे समय से अनुरोध कर रहा है कि उसे कर में राहत दी जानी चाहिए। इस मामले में वो लगातार बीसीसीआई से बात करती आई है। भारत को आईसीसी ने दो विश्व टूर्नामेंटों के मेज़बानी के लिए नामित किया गया था। जिसमें से एक पुरुष T20 विश्व कप 2021 और पुरुष ODI विश्व कप 2023 शामिल है।
आईसीसी की चिंता का सबसे बड़ा सबब
2016 विश्व टी20 मेंआईसीसी सरकार से कर छूट हासिल करने में विफल रहा था। आईसीसी ने केंद्रीय राजस्व पूल में बीसीसीआई के हिस्से से करीब 20-30 मिलियन अमेरिकी डॉलर रोक लिए। पिछले साल, ICC ने भारत सरकार द्वारा टैक्स छूट की पेशकश को स्वीकार नहीं करने पर भारत में T20 विश्व कप के आयोजन को भी रोकने की धमकी दी थी।
हालांकि बीसीसीआई ने सदस्यों को कहा कि टैक्स छूट के मामले में भारत सरकार के साथ बातचीत उत्साहजनक रही है, जिसका कोई हल निकलने की संभावना है।
बीसीसीआई के लिए दूसरी महत्वपूर्ण चुनौती यह देखना है कि क्या सभी 16 प्रतिभागी टीमें महामारी के दौरान भारत की यात्रा करना चाहेंगी। महामारी की दूसरी लहर ने कई राज्यों में तालाबंदी के बीच देश को लगभग ठप कर दिया है। कई देशों की सरकारों ने भारत के यात्रियों को लाल सूची में रखा है।
अप्रैल में आईपीएल शुरू होने से ठीक पहले, बीसीसीआई ने आईसीसी को नौ स्थानों का प्रस्ताव दिया था। जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, लखनऊ, धर्मशाला जैसे शहर शामिल थे। वहीं अहमदाबाद को 14 नवंबर को फाइनल की मेजबानी के लिए भी चिह्नित किया गया था।
हालांकि, संयुक्त अरब अमीरात द्वारा भारत को लाल सूची में डालने के बाद, आईसीसी को अप्रैल में एक नियमित निरीक्षण रद्द करना पड़ा, जहां वैश्विक क्रिकेट निकाय का मुख्यालय स्थित है।
आंतरिक रूप से बीसीसीआई ने खिलाड़ियों और उनके संबंधित देशों की भारत यात्रा के बारे में चिंताओं को स्वीकार किया है। इसके साथ-साथ एक संभावित तीसरी लहर के साथ-साथ कई स्थानों पर बायो बबल भी बनाना आसान नहीं होगा क्योंकि इस दौरान टीमों को बहुत सारी यात्राएं करनी होंगी। शनिवार को, बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों ने सदस्यों से कहा कि बीसीसीआई अभी भी मेज़बानी के अधिकार को बरक़रार रखेगा, भले ही टूर्नामेंट यूएई में आयोजित किया जाए।
ICC कब तक इंतज़ार कर सकता है?
ICC बोर्ड की 1 जून की बैठक होने वाली है। वहीं वार्षिक सम्मेलन 18 जुलाई से निर्धारित है। आमतौर पर ICC एक स्थानीय आयोजन समिति का गठन करता है जिसमें आयोजन को कम से कम एक साल पहले अपने अधिकारियों के साथ-साथ मेज़बान बोर्ड के लोग भी शामिल होते हैं। आईसीसी के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता यह है कि टी-20 विश्व कप के लिए समय पर सभी 16 टीमों के आने के लिए मेज़बान देश को अपने सरकारों से मंज़ूरी भी लेनी होगी। इस दौरान टीमों को काफ़ी यात्रा करने के कारण बायो बबल टूट भी सकता है जैसा कि आईपीएल में भी देखा गया था।

नागराज गोलापुड़ी espncricinfo के एडिटर हैं। अनवाद espncricinfo के सब एडिटर राजन राज ने किया है।