दिलचस्प चुनाव : तानिया भाटिया स्टंप्स के पीछे बेहतरीन दिखी हैं लेकिन उनका बल्लेबाज़ी में प्रभाव हाल के समय में अच्छा नहीं रहा है। DC ने यह जगह नंदिनी कश्यप को लेकर भरने का प्रयास किया है। वह एक युवा फ़ीनिशर के साथ विकेटकीपर हैं और सारा ब्रायस जिसको वे प्लेइंग इलेवन में पांचवें विदेशी खिलाड़ी के तौर पर खिला सकते हैं क्योंकि वह एसोसिएट देश स्कॉटलैंड से आती हैं। हाल ही में समाप्त हुए WBBL में वह सिडनी सिक्सर्स के लिए दूसरी सबसे अधिक रन बनाने वाली बल्लेबाज़ हैं।
दिलचस्प चुनाव : GG ने पिछले साल की बल्लेबाज़ी समस्याओं को दूर करने की कोशिश की और दो विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ों डिएंड्रा डॉटिन और सिमरन शेख को चुना, जिन्हें हाल ही में मुंबई में हुई घरेलू टूर्नामेंट में बेहतरीन लय में देखा गया, लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं। अगर बेथ मूनी चोटिल हें तो कौन विकेटकीपिंग करेगा? टीम में अनुभव कहां है, और भी कई सवाल।
दिलचस्प चुनाव : इनी प्लेइंग इलेवन नीलामी से पहले ही सुलझी लग रही थी लेकिन उन्होंने अपना लंबा ट्रेडिशन जारी रखा जहां पर उनके स्काउट घरेलू टैलेंट की ख़ोज करते हैं और फिर चुनते हैं। MI ने 16 साल की ओपनर जी कमालिनी को चुना जो ज़रूरत पड़ने पर कीपिंग भी कर सकती हैं। उन्होंने चोट के छेद को भरने के लिए साउथ अफ़्रीका की नैडिन डी क्लर्क को भी लिया जो चोट की वजह से सही नहीं होने वाली पूजा वस्त्रकर की जगह अहम भूमिका निभा सकती हैं।
दिलचस्प चुनाव : चार में से उनके दो ख़रीद प्लेइंग इलेवन में खेलने लायक हैं। राघवी बिष्ट निचले क्रम में विस्फ़ोटक बल्लेबाज़ी कर सकती हैं, जबकि प्रेमा रावत चोटिल आशा शोभना की जगह अहम भूमिका निभा सकती हैं। शोभना के घुटने में चोट हैं और उनका टूर्नामेंट में खेलना संदिग्ध है। उन्होंने ट्रेड में डैनी वाट हॉज को लिया जो चोटिल सोफ़ी मोलिन्यू की जगह अहम भूमिका निभा सकती हैं, साथ ही वह ऋचा घोष की जगह कीपिंग का बैकअप भी हैं।
दिलचस्प चुनाव : 3.4 करोड़ का बजट यूपी वॉरियर्स ने इस्तेमाल ही नहीं किया, जहां पर उनको एक मज़बूत विदेशी तेज़ गेंदबाज़ की कमी खलेगी। उनके पास सामान्य भारतीय तेज़ गेंदबाज़ी विकल्प हैं, जिसमें अंजलि सरवनी और साइमा ठाकोर शामिल हैं, जो अभी भी शीर्ष स्तर पर कदम जमाने को देख रही हैं। इसका मतलब यह है कि अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ी विकल्प खिलाने की वजह से उनको तालिया मैकग्रा को खिलाना पड़ सकता है जिससे चमरी अट्टापट्टू को बैंच पर बैठना पड़ेगा। राजेश्वरी गायकवाड़ भी घुटने की चोट से गुजर रही हैं। उन्हें कई जगह भरनी होंगी।