लखनऊ सुपर जायंट्स 210 पर 0 (डिकॉक 140*, राहुल 68*) ने कोलकाता नाइट राइडर्स 208 पर 8 (श्रेयस 50, रिंकू 40, मोहसिन 3-20) को दो रन से हराया
एक खिलाड़ी था जिसने 140 रन का स्कोर किया, इसके बाद भी 15 गेंद में 40 रन बनाने वाली पारी मैच जिताऊ पारी हो सकती थी।
यही तो टी20 का जादू है। लखनऊ सुपर जायंट्स ने बिना कोई विकेट गंवाए पूरी पारी खेली, जहां
क्विंटन डिकॉक ने अपने आईपीएल करियर का दूसरा शतक लगाया, अब अगर इस मैच को याद रखा जाएगा तो
रिंकू सिंह के लिए जिन्होंने
मार्कस स्टॉयनिस के आख़िरी ओवर में 4, 6, 6 रन जड़ दिए जब टीम को 21 रनों की दरकार थी।
कोलकाता के लिए यह दिन ख़ास नहीं रहा, वे एक भी विकेट नहीं निकाल सके और पहला विकेट भी पहले ही ओवर में खो दिया। उनकी जीत का प्रतिशत 96.03% से 0.35% पर पहुंच गया।
रिंकू उन्हें वास्तव में हास्यास्पद परिणाम के कगार पर ले गए लेकिन, मध्य ओवरों में मैच पूरी तरह से उनके हाथ से जा रहा था। आख़िरी ओवर में स्टॉयनिस ने दो गेंद में दो विकेट लेकर तीन गेंद में चार रन का बचाव कर लिया और जीत दिलाकर टीम को प्लेऑफ़ में पहुंचा दिया।
डिकॉक का कमाल
डिकॉक ने कोलकाता के मिस्ट्री स्पिनरों सुनील नारायण और वरुण चक्रवर्ती के ख़िलाफ़ 183 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। उनका प्लान साफ़ था कि उनमें गेंद को स्वीप करने की काबिलियत थी। दोनों ही गेंदबाज़ों ने इसे देखते हुए अपनी लेंथ को पीछे रखा लेकिन यह सब डिकॉक के प्लान का हिस्सा था क्योंकि जितना अच्छा वह स्वीप लगा रहे थे उससे कहीं ज़्यादा बेहतर वह पुल लगा रहे थे।
डिकॉक मिस्ट्री स्पिनरों के ख़िलाफ़ उसी तरह खेल रहे थे जिस तरह वे विरोधी बल्लेबाज़ों के ख़िलाफ़ खेलते हैं, वह लगातार उनके दिमाग़ में भ्रम पैदा कर रहे थे और उन्हें अंदाज़ा लगाने पर मजबूर कर रहे थे।
रनों की तेज़ी
जब डिकॉक ने अपना 50वां टेस्ट खेला था तो उनके कोच मार्क बाउचर ने कहा था कि वह 100 मैच और खेलेंगे, लेकिन इसके उलट उन्होंने चार मैच बाद ही संन्यास ले लिया। टेस्ट क्रिकेट को खोने से उन्हें फ़्रैंचाइज़ी क्रिकेट का लाभ मिला है क्योंकि उन्होंने अपने बल्लेबाज़ी कौशल को दिखाते हुए दिखाया कि वह विरोधी टीम के गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ किस कदर खेल सकते हैं।
वह कोलकाता के डेथ ओवर के गेंदबाज़ आंद्रे रसल के ख़िलाफ़ विभस्त थे। उन्होंने उनके ख़िलाफ़ 15 गेंद में 42 रन बनाए जिसमें पांच चौके और दो छक्के शामिल थे।
अपने आईपीएल करियर का दूसरा शतक लगाते ही डिकॉक घुटनों पर बैठ गए और सबसे पहले अपने सिर को दोनों हाथों से पकड़ा और बाद में जमीन पर मुक्का मारा, लेकिन उनके लिए अभी यह ख़त्म नहीं हुआ था। उन्होंने 44 गेंद पर 60 रन बनाए लेकिन अगली 26 गेंद पर उन्होंने 80 रन बना डाले। कोई भी उन्हें रोक नहीं सका। उन्होंने अपने टी20 क्रिकेट करियर का सर्वाधिक स्कोर बनाया, आईपीएल इतिहास में सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी का भागीदार बने और अपनी टीम को टी20 इतिहास की केवल चौथी टीम बनाया जिसने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए टी20 क्रिकेट में अंत तक कोई विकेट नहीं गंवाया।
डिकॉक से अलग,
केएल राहुल ने अपनी 99वीं आईपीएल पारी में 34वां अर्धशतक लगाया और लगातार पांचवें सीज़न में 500 रन पूरे किए।
कमाल के मोहसिन
चर्चा उमरान मलिक की चल रही है लेकिन एक और भारत का अनकैप्ड तेज़ गेंदबाज़ सभी का ध्यान खींच रहा है, उनसे भी कहीं ज़्यादा।
मोहसिन ख़ान की सफलता साबित करती है कि हमारे खेल के सबसे आम प्रारूप में भी सूक्ष्मता के लिए काफ़ी जगह है।
लाइन और लेंथ और बायें हाथ के बल्लेबाज़ के लिए सीम मूवमेंट ने उन्हें अपना पहला विकेट दिलाया। एक धीमी गति की गेंद ने उन्हें दूसरा विकेट दिलाया।
एक सटीक गेंद पर उन्हें तीसरा विकेट मिला। मोहसिन ने विकेट लेने वाली गेंद नहीं की थी लेकिन इसी वजह ने उन्हें और ख़ास बनाया।
कोलकाता का स्कोर तीन विकेट पर 125 रन था।
श्रेयस अय्यर और
सैम बिलिंग्स दोनों छोर से आक्रमण कर रहे थे। केएल राहुल जानते थे कि अभी या कभी नहीं और उन्होंने अपने अहम गेंदबाज़ को लगाया और उन्होंने केवल दो ही रन दिए।
राहुल ने एक जुआ चला और स्टॉयनिस को लेकर आए, श्रेयस के पास कोई विकल्प नहीं था। वह बड़ा शॉट लगाने गए और बाउंड्री पर लपके गए।
और इसके बाद...
जब रसेल 17वें ओवर में आउट हुए तो कोलकाता की जीत का प्रतिशत 1 से भी कम था। उन्हें 21 गेंद में 61 रन चाहिए थे।
रिंकू और सुनील नारायण ने हर गेंद पर प्रहार करना शुरू किया। वह लेंथ बॉल को छोड़ नहीं रहे थे और यॉर्कस को फुल टॉस बनाकर प्रहार कर रहे थे। दोनों ने 14 गेंद में 40 रन बना लिए और मैच अब रोमांचक दौर में था।
कुछ भी हो सकता था।
तो हुआ भी कुछ ऐसा ही। आख़िरी ओवर में 21 रन चाहिए थे। रिंकू ने स्टॉयनिस के इस ओवर में हर ओर बाउंड्री निकाली, लेकिन किस्मत स्टॉयनिस के साथ थी, डीप प्वाइंट पर हवा में गेंद थी, एविन लुईस भागकर आगे आए और बायीं ओर डाइव लगाते हुए एक हाथ से बेहतरीन कैच लपक लिया। अब एक गेंद पर तीन न चाहिए थे और आख़िरी गेंद पर उमेश यादव बोल्ड हो गए और कोलकाता की जीत का सपना टूट गया।
अलागप्पन मुथू ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।