अपनी टीम को मुश्किल में देखकर
रिंकू सिंह शायद आज भी अपने हाथ पर लिखकर आए होंगे कि जीत दिलाकर ही वापस लौटूंगा। रिंकू ने अपने करियर की सबसे बेहतरीन पारी खेलकर शायद लगभग ऐसा कर ही दिया था, लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स दो रनों से मैच हार गई। रिंकू जब अपने होटल के कमरे में जाएंगे तो हाथ पर लिखी वह बात उन्हें हर बार दर्द देगी, लेकिन शायद एविन लुईस का लपका वह कैच रिंकू को कई रातों तक सोने नहीं देगा।
सैम बिलिंग्स जब आउट हुए उस वक्त कोलकाता का स्कोर पांच विकेट पर 142 रन था। आंद्रे रसल भी जब आउट हो गए तो लगभग हर किसी ने कोलकाता की जीत की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन अगर किसी ने हार नहीं मानी थी तो वह रिंकू ही थे। केएल राहुल की लगाई फील्ड रिंकू कुछ इस तरह से खेल रहे थे जैसे निशानेबाज सटीक निशाना लगा रहे हों। कवर पर कोई डीप में फील्डर नहीं होता तो वह उसी ओर शॉट लगाते, डीप स्क्वायर लेग को अंदर बुलाया जाए तो वह उस ओर ही शॉट खेल देते। कोलकाता के लिए रिंकू के क्या मायने हैं, यह मैदान पर मौजूद कोलकाता फ़्रैंचाइज़ी की मालकिन जूही चावला की आंखों के नम होने से देखा जा सकता था। जब भी शॉट खेलते तो उनके सबसे अच्छे दोस्त नितीश राणा की पत्नी साची मारवाह खड़े होकर मुस्कुराते हुए जश्न मनाती। उनके करीबियों ने रिंकू का कौशल के बावजूद संघर्ष देखा था। आज जब वह अपना सबकुछ लेकर मैदान पर उतरे थे तो उनके इस जीवटता पर सभी गर्व कर रहे थे।
रिंकू का सफ़र ना तो घरेलू क्रिकेट में आसान रहा और ना ही आईपीएल में। सुरेश रैना, मोहम्मद कैफ, परविंदर सिंह, तन्मय श्रीवास्तव जैसे खिलाड़ियों के उत्तर प्रदेश के लिए नहीं खेलने के बाद सवाल रहता था कि आख़िर अब उत्तर प्रदेश से ऐसा कौन होगा जो बल्लेबाज़ी में चमकेगा। अंडर 19 में बढ़िया प्रदर्शन का ईनाम कहें या सीनियर टीम में हुई खाली जगह को भरने की बात हो, रिंकू को 2016 में रणजी डेब्यू करने का मौक़ा मिल गया। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से रिंकू आते हैं। पिता गैस की डिलीवरी किया करते थे। हालात ऐसे थे कि रिंकू को एक समय स्वीपर की नौकरी करने का ऑफ़र मिला, लेकिन रिंकू ने अपने सपने को टूटने नहीं दिया। 2018 से ही रिंकू केकेआर के साथ हैं, उन्हें पिछले कई सीज़नों से टीम के साथ रहने का मौक़ा मिला, लेकिन जब बात आती खेलने की तो कुछ ही मौक़े उन्हें मिल पाए। यह सीज़न उनके लिए किस्मत बदल देने वाला रहा। फ़रवरी में हुई नीलामी में कोलकाता ने बिना झिझक इस खिलाड़ी को 80 लाख में ख़रीदा, क्योंकि वह कोलकाता फ़्रैंचाइज़ी के सबसे चहेते खिलाड़ियों में से एक हैं।
इस बार उनका घरेलू सीज़न बेहद शानदार गया। विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के सात मुक़ाबलों की छह पारियों में उन्होंने एक शतक और चार अर्धशतक के साथ कुल 379 बनाए। आत्मविश्वास था तो रिंकू को इस बार पिछले कुछ मैचों से लगातार मौक़े मिले। राजस्थान रॉयल्स के ख़िलाफ़ नाबाद 42 रन की पारी खेलकर उन्हें टीम को जीत दिलाई। मुंबई के ख़िलाफ़ नाबाद 23 रन बनाए और आज लखनऊ के ख़िलाफ़ 15 गेंद में 40 रन।
80 लाख की रक़म को पाने के बाद उनका सपना एक ही है अपनी बहन की शादी कराना और अपने परिवार के लिए एक सुविधाजनक घर लेना। बेशक वह इस साल यह दोनों कर पाएंगे, लेकिन उससे भी ज़्यादा जरूरी कि कोई भी रिंकू सिंह के नाम को भुला नहीं पाएगा।